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मंगलवार, 27 अगस्त 2024

भारतीयम् @ बचत का आधुनिक तरीका SIP..

.. सबसे पहले इस ट्रिक को बेहतर तरीके से समझने के लिए कुछ स्टैंडर्ड तय करते हैं. मान लीजिए कि आप 25 साल के हैं और हर महीने SIP में 10,000 रुपए जमा करना शुरू करते हैं. साथ ही रिटायरमेंट तक अपने निवेश पर औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न मान लें.

यह रिटर्न हम मिनिमम बता रहे हैं यह 15-20% भी हो सकता है. अगर ऐसा हुआ तो रिटर्न और बढ़ जाएगा. क्योंकि मार्केट में रिटर्न कई बार उपर-नीचे भी हो जाता है. इसलिए आप 12-15 का औसत लेकर चल सकते हैं. ध्यान रहे अगर यह 1% कम भी होता है तब भी आप आराम से 2 लाख महीने का जुगाड़ सेट कर पाएंगे. चलिए अब 555 SIP फॉर्मूला को समझते हैं.

क्या है 555 फॉर्मूला का मतलब?

ट्रिपल 5 फॉर्मूले में पहले 5 का मतलब है कि पांच साल पहले रिटायर होना. दूसरे 5 का मतलब है कि इसके लिए आपको हर साल अपनी SIP में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करनी होगी. तीसरे 5 का मतलब है कि अगर आप लगातार इसी तरह निवेश करते रहेंगे, तो 55 साल की उम्र तक आपके पास 5.28 करोड़ रुपए का फंड होगा. यानी, SIP में थोड़ा बदलाव और आप समय से पहले रिटायर हो सकते हैं.

यहां समझें कैलकुलेशन

मान लीजिए कि आप हर महीने SIP में 10,000 रुपए निवेश करना शुरू करते हैं और हर साल इसमें 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी करते हैं, जिससे आपको औसतन 12 प्रतिशत का रिटर्न मिलता है. 30 वर्षों में, 55 वर्ष की आयु तक आपका कुल निवेश लगभग 79.73 लाख रुपए होगा. कंपाउंड इंटरेस्ट की शक्ति के कारण आप लगभग 4.48 करोड़ रुपए ब्याज अर्जित करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप कुल 5.28 करोड़ रुपए की राशि होगी.

लंबी अवधि के कैपिटल गेन टैक्स का भुगतान करने के बाद रिटायर के समय FD पर 6 प्रतिशत का भी ब्याज दर मिलता है तब भी आपको पर्याप्त पेंशन मिलेगी. 4.74 करोड़ रुपए के टैक्स पश्चात फंड पर आप 6 प्रतिशत की दर से सालाना लगभग 28.42 लाख रुपए कमाएंगे, जो प्रति माह लगभग 2.37 लाख रुपए के बराबर है.

सूचना स्रोत # डेलीहंट न्यूज ऐप

शुक्रवार, 23 अगस्त 2024

1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे

1998 में Kodak में 1,70,000 कर्मचारी काम करते थे और वो दुनिया का 85% फ़ोटो पेपर बेचते थे..चंद सालों में ही Digital photography ने उनको बाज़ार से बाहर कर दिया.. Kodak दिवालिया हो गयी और उनके सब कर्मचारी सड़क पे आ गए।

HMT (घडी)

BAJAJ (स्कूटर)

DYNORA (टीवी)

MURPHY (रेडियो)

NOKIA (मोबाइल)

RAJDOOT (बाईक)

AMBASDOR (कार)

DINESH (कपड़ा)

मित्रों,

इन सभी की गुणवक्ता में कोई कमी नहीं थी फिर भी बाजार से बाहर हो गए!!

कारण???

उन्होंने समय के साथ बदलाव नहीं किया.!!

आपको अंदाजा है कि आने वाले 10 सालों में दुनिया पूरी तरह बदल जायेगी और आज चलने वाले 70 से 90% उद्योग बंद हो जायेंगे।

चौथी औद्योगिक क्रान्ति में आपका स्वागत है...

Uber सिर्फ एक software है। उनकी अपनी खुद की एक भी Car नहीं इसके बावजूद वो दुनिया की सबसे बड़ी Taxi Company है।

Airbnb दुनिया की सबसे बड़ी Hotel Company है, जब कि उनके पास अपना खुद का एक भी होटल नहीं है।

Paytm, ola cabs , oyo rooms जैसे अनेक उदाहरण हैं।

US में अब युवा वकीलों के लिए कोई काम नहीं बचा है, क्यों कि IBM Watson नामक Software पल भर में ज़्यादा बेहतर Legal Advice दे देता है। अगले 10 साल में US के 90% वकील बेरोजगार हो जायेंगे... जो 10% बचेंगे... वो Super Specialists होंगे।

Watson नामक Software मनुष्य की तुलना में Cancer का Diagnosis 4 गुना ज़्यादा Accuracy से करता है। 2030 तक Computer मनुष्य से ज़्यादा Intelligent हो जाएगा।

अगले 10 सालों में दुनिया भर की सड़कों से 90% cars गायब हो जायेंगी... जो बचेंगी वो या तो Electric Cars होंगी या फिर Hybrid...सडकें खाली होंगी,Petrol की खपत 90% घट जायेगी,सारे अरब देश दिवालिया हो जायेंगे।

आप Uber जैसे एक Software से Car मंगाएंगे और कुछ ही क्षणों में एक Driverless कार आपके दरवाज़े पे खड़ी होगी...उसे यदि आप किसी के साथ शेयर कर लेंगे तो वो ride आपकी Bike से भी सस्ती पड़ेगी।

Cars के Driverless होने के कारण 99% Accidents होने बंद हो जायेंगे.. इस से Car Insurance नामक धन्धा बंद हो जाएगा।

ड्राईवर जैसा कोई रोज़गार धरती पे नहीं बचेगा। जब शहरों और सड़कों से 90% Cars गायब हो जायेंगी, तो Traffic और Parking जैसी समस्याएं स्वतः समाप्त हो जायेंगी... क्योंकि एक कार आज की 20 Cars के बराबर होगी।

आज से 5 या 10 साल पहले ऐसी कोई ऐसी जगह नहीं होती थी जहां PCO न हो। फिर जब सब की जेब में मोबाइल फोन आ गया, तो PCO बंद होने लगे.. फिर उन सब PCO वालों ने फोन का recharge बेचना शुरू कर दिया। अब तो रिचार्ज भी ऑन लाइन होने लगा है।

आपने कभी ध्यान दिया है..?

आजकल बाज़ार में हर तीसरी दुकान आजकल मोबाइल फोन की है।

sale, service, recharge , accessories, repair, maintenance की।

अब सब Paytm से हो जाता है.. अब तो लोग रेल का टिकट भी अपने फोन से ही बुक कराने लगे हैं.. अब पैसे का लेनदेन भी बदल रहा है.. Currency Note की जगह पहले Plastic Money ने ली और अब Digital हो गया है लेनदेन।

दुनिया बहुत तेज़ी से बदल रही है.. आँख कान नाक खुले रखिये वरना आप पीछे छूट जायेंगे..।

समय के साथ बदलने की तैयारी करें।

इसलिए...

व्यक्ति को समयानुसार अपने व्यापार एवं अपने स्वभाव में भी बदलाव करते रहना चाहिये।

"This is the time Update & Upgrade"

समय के साथ चलिये और सफलता पाईये!

बुधवार, 31 जुलाई 2024

जरा हंस लें

कल सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ ..

"हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣

.

लाइट क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ..

"आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ".. 🤣

.

चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया ..

"मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।"🤣

.

एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ..

"यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।" 😀

.

इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ..

"अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए "..😂

.

गोलगप्पे के ठेले पर एक स्लोगन लिखा था ..

"गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें" ..🤣

.

फल भंडार वाले ने तो स्लोगन लिखने की हद ही कर दी ..

"आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे ".. 🤣

.

घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब स्लोगन लिखा ..?

"भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें..."..🤣🤣

आप जैसे अभी हल्का सा मुस्करा रहे हैं या हँस रहें हैं, ऐसे ही खुश रहें।।

समय विपरीत है, जितना हँसेंगे 😂😄 उतना अधिक स्वस्थ रहेंगे

बुधवार, 10 जुलाई 2024

फकीरो

कल सैलून वाले क़ी दुकान पर एक स्लोगन पढा़ ..

"हम दिल का बोझ तो नहीं पर सिर का बोझ जरूर हल्का कर सकते हैं "..🤣

लाइट क़ी दुकान वाले ने बोर्ड के नीचे लिखवाया ..

"आपके दिमाग की बत्ती भले ही जले या ना जले,परंतु हमारा बल्ब ज़रूर जलेगा ".. 🤣

चाय के होटल वाले ने काउंटर पर लिखवाया ..

"मैं भले ही साधारण हूँ, पर चाय स्पेशल बनाता हूँ।"🤣

एक रेस्टोरेंट ने सबसे अलग स्लोगन लिखवाया ..

"यहाँ घऱ जैसा खाना नहीं मिलता, आप निश्चिंत होकर अंदर पधारें।" 😀

इलेक्ट्रॉनिक दुकान पर स्लोगन पढ़ा तो मैं भाव विभोर हो गया ..

"अगर आपका कोई फैन नहीं है तो यहाँ से ले जाइए "..😂

गोलगप्पे के ठेले पर एक स्लोगन लिखा था ..

"गोलगप्पे खाने के लिए दिल बड़ा हो ना हो, मुँह बड़ा रखें, पूरा खोलें" ..🤣

फल भंडार वाले ने तो स्लोगन लिखने की हद ही कर दी ..

"आप तो बस कर्म करिए, फल हम दे देंगे ".. 🤣

घड़ी वाले ने एक ग़ज़ब स्लोगन लिखा ..?

"भागते हुए समय को बस में रखें, चाहे दीवार पर टांगें, चाहे हाथ पर बांधें..."..🤣🤣

आप जैसे अभी हल्का सा मुस्करा रहे हैं या हँस रहें हैं, ऐसे ही खुश रहें।।

समय विपरीत है, जितना हँसेंगे 😂😄 उतना अधिक स्वस्थ रहेंगे

रविवार, 23 जून 2024

इस साल होगी भारी बारिश!

किसी मशीन ने नहीं, बल्कि इस पक्षी के अंडों ने की भविष्यवाणी.

इस साल भारत में गर्मी ने अपना रौद्र रूप दिखाया है. गर्मी का ऐसा कहर पहली बार देखने को मिला है. नौतपा के दौरान हालत और खराब हो गए. कई जगहों पर गर्मी के कारण ट्रांसफार्मर में आग लग गई. गर्मी को देखते हुए लोग मानसून का इंतजार कर रहे हैं. वैसे तो विज्ञान ने काफी तरक्की कर ली है. कई ऐसी मशीनें बन गई हैं जो मौसम की भविष्यवाणी करती हैं. लेकिन इस बार मानसून की भविष्यवाणी पक्षियों के अंडों ने की है.

जी हां, मान्यताओं की मानें तो इस साल खूब बारिश होने वाली है। पुराने जमाने में आधुनिक मशीनें नहीं थीं। ऐसे में लोग आने वाले समय में मौसम कैसा रहेगा, यह जानने के लिए प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करते थे। बारिश का अनुमान लगाने के लिए इन तरीकों का खूब इस्तेमाल किया जाता था। इस साल मानसून कैसा रहेगा, इसे लेकर प्रकृति ने खास संकेत दिए हैं। मौसम विज्ञानी भी इस भविष्यवाणी को लगभग सही मान रहे हैं।

चिड़िया के अंडे ने दिया संकेत

पहले के समय में लोग सैंडपाइपर के अंडों को देखकर अंदाजा लगाते थे कि बारिश कैसी होगी। जी हां, इस पक्षी के अंडे मानसून की चाल के बारे में बताते थे। इसके द्वारा की गई अधिकतर भविष्यवाणियां सही साबित होती थीं। सैंडपाइपर के अंडे आसानी से दिखाई नहीं देते। लेकिन इस साल दौलतपुरा के सेवापुरा रामपुरा गांव के एक खेत में सैंडपाइपर ने अंडे दिए हैं। इसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस साल मानसून जबरदस्त रहने वाला है।

ऐसी बारिश होगी

ऐसा कहा जाता है कि सैंडपाइपर जितने अंडे देती है, उतने ही महीने बारिश होती है. यानी अगर यह चार अंडे देती है, तो चार महीने बारिश होगी. इसके अलावा अगर सैंडपाइपर ने कम जगह पर अंडे दिए हैं, तो इसका मतलब है कि कम बारिश होगी. ऊंची जगह का मतलब है कि ज्यादा बारिश होगी. इस कारण से पक्षी ने सुरक्षा के लिए ऊंचे स्थान पर अंडे दिए हैं. आम तौर पर सैंडपाइपर अप्रैल से जून के दूसरे हफ्ते में अंडे देती है. हालांकि विज्ञान इससे सहमत नहीं है. लेकिन पक्षियों के अंडों को लेकर ज्यादातर भविष्यवाणियां सही साबित होती हैं. ऐसे में इस साल अंडे देखकर किसानों में खुशी का माहौल है.

सोमवार, 10 जून 2024

भारत को विविधता पूर्ण राष्ट्र क्यों कहा जाता है ?

भारत विविधताओं का देश है. कहा जाता है कि यहां हर 3 कोस पर बोली और भोजन बदल जाता है. राजस्थान भी इससे अछूता नहीं है. राजस्थान के समृद्ध संस्कृति और प्रथाओं को आज यहां के स्थानीय लोगों ने जिंदा रखा है.

प्रदेश के हाड़ौती क्षेत्र भी अपनी समृद्ध परंपराओं के लिए प्रसिद्ध है. हाड़ौती की लोक संस्कृति और प्रथाओं को ग्रामीणों ने आज भी जीवंत रखा है.

झालावाड़ जिले के बकानी गांव के कमलपुरा में एक ऐसी प्रथा जीवंत है, जिसे सुन और देखकर विशेष अनुभूति का आभास होता है. यहां एक गांव समरसता का उदाहरण पेश कर रहा है. इस गांव में भगवान सत्यनारायण की कथा साल में एक बार कराई जाती है और उस कथा के दौरान जो आयोजन होते है, वह अपने आप में अनूठा हैं. इस गांव में कथा से पहले भगवान की भजन संध्या होती है. ग्रामीण रातभर भगवान के भजन करते हैं, नाचते गाते हैं और खुशी मनाते हैं.

गांव के टोडरमल लोधा ने बताया कि करीब 50 साल से भी अधिक समय से यह प्रथा चली आ रही है. उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति स्वयं अपने स्तर पर भगवान सत्यनारायण की कथा नहीं करवा सकता, न ही उसके बाद भोजन और अन्य आयोजन करवा सकता है. ऐसे में गांव के एक-एक घर को शामिल करते हुए इस आयोजन को सामूहिक किया जाता है, जिसमें एक-एक घर की भागीदारी होती है.

टोडरमल लोधा ने कहा कि यह आयोजन भले ही लोधा समाज का होता हो, लेकिन इसमें सहयोग पूरा गांव करता है. टोडरमल लोधा ने बताया कि इस आयोजन को करने के लिए प्रत्येक घर पर जाया जाता है. इस मौके पर प्रत्येक व्यक्ति के हिसाब से आटा, दाल, कंडे और पैसे जमा किए जाते हैं. एक घर, एक परिवार से 3 किलो आटा, प्रति व्यक्ति 6 कंडे, प्रति व्यक्ति 50 रुपये और प्रति व्यक्ति 400 ग्राम दाल ली जाती है.

इस बार 707 व्यक्तियों ने यह सामग्री दी है. इसके अनुसार, करीब 28 क्विंटल आटा, 300 किलो दाल, 4 हजार से अधिक कंडे इसमें इस्तेमाल किया जाना है. टोडरमल ने बताया कि बाटियां बनाने के लिए 12 खाट, निवार की खाट (पलंग) का उपयोग किया जाता है. घर-घर में जहां भी खाट होती है, वहां से मंगा ली जाती है. कम पडने पर निवार की खाट का उपयोग किया जाता है. इसके बाद जब बाटियों को सेंका जाता है, तो तीन गांव के लोग बाटियों को सेंकने आते हैं. करीब 300 से 400 व्यक्ति इन बाटियों को सेंकते हैं.

यही नहीं इसमें करीब 4242 कंडे का उपयोग किया जाता है. उसके बाद बाटियों को कंडे की राख में गाड़ दिया जाता है और ऊपर से काली मिट्टी से इस तरह दबा दिया जाता है, जिससे हवा अंदर न जाए. अंदर हवा जाने से बाटियां खराब हो जाती हैं. ग्राम वासियों ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन हम गांव के सभी मंदिरों के ध्वज बदल देते हैं, साथ ही भगवान के कपड़ों को बदलते हैं और श्रृंगार करते हैं. जहां मंदिरों की सफाई और रंग रोगन होता है.

ग्रामीणों के मुताबिक, रविवार की सुबह सत्यनारायण भगवान की कथा होगी. इसके बाद प्रसाद वितरण होगा और दोपहर बाद से भंडारे का आयोजन किया जाएगा. जिसमें 60 गांव के व्यक्ति आएंगे और प्रसादी ग्रहण करेंगे. इसके अलावा गांव की जिन बहन बेटियों की दूसरे गांव में शादी हुई है, उन्हें भी निमंत्रण भेजा जाता है और फोन से सूचना दी जाती है.

जय जोहार

शुक्रवार, 7 जून 2024

नाचने' आये हैं।

नाम में बहुत कुछ रखा है 😂👇 पढ़िए नाम के पंगे की कहानी

सीमावर्ती जिले जैसलमेर से #बीकानेर बस रुट पर ....

बीच में एक बड़ा सा गाँव आता है जिसका नाम #नाचने है

वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि

"नाचने" वाली बस आ गयी 😂🚌

कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता..

'नाचने' वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी 😂

इमरजेंसी के टाइम में रॉ RAW का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया

रात बहुत ज्यादा हो चुकी थी,

वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा -

थानेदार साहब कहाँ हैं ?

सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब 'नाचने' गये हैं .😂

अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ हैं..?

सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-

हुकुम 🙏🏻 डिप्टी साहब भी नाचने गये हैं.. 😎

अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।

एस.पी. साहब हैं ?

जवाब मिला 'नाचने' गये हैं..!!

लेकिन 'नाचने' कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ?

बताया न 'नाचने' गए हैं, सुबह तक आ जायेंगे।

कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला, साहब तो 'नाचने' गये हैं..

अफसर का दिमाग खराब हो गया, ये हो क्या रहा है इस सीमावर्ती जिले में और वो भी इमरजेंसी में।

पास खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था तो वो बोला - हुकुम बात ऐसी है कि दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब 'नाचने' आये हैं।

इसलिये सब अफसर लोग भी 'नाचने' गये हैं..!! 😂😂

#jaisalmerdairies

#jaisalmerjourney

#jaisalmertrip

#नाचना

#rajasthantourism