पशु-पक्षी न तो ईश्वर की प्रार्थना करते हैं और न ही पूजा, फिर भी वो मस्त कैसे रहते हैं। उन्हें कोई कठिनाई क्यों नहीं होती है?
पशु पक्षियों में कोई Sense of history नहीं होती।
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उनके लिए ना Before है और ना After
मनुष्यमें Sense of history होती है। वो उसे जंजीर की तरह बांध कर रखती है। ज़्यादा सही कहे तो पीछे की तरफ़ खींचती हैं। मनुष्य Historically जीता है और जानवर Unhistorically जीते हैं।
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इसीलिए वो परेशान रहता है।
ईश्वर की कल्पना भी उसे चैन से जीने नहीं देती क्योंकि उस कल्पना के साथ भी वो Sense of history की ज़ंजीर उसे पीछे खींचती है।
आप अल्लाह की नाम पर सर तन से ज़ुदा कर सकते हो। आप प्रभु श्रीराम का नाम लेकर हत्याएँ कर सकते हो।
आपकी Sense of History आपके अल्लाह/ईश्वर को भी अपनी लपटों में ले लेती है।
मनुष्य दुनिया का सबसे मूर्ख प्राणी है। उसे लगता है वो Past को बदल सकता है।
उसे लगता है वो Past को बदलकर Future को नियंत्रित कर सकता है। Present की वो अनदेखी करता है।