एक किताब के जैसा ईमानदार दोस्त और कोई नहीं हो सकता।
"Anoop Chicham"कभी कभी जब हम अपनी बीती जिंदगी की तरफ झाँक कर देखते है तो हमे अपने कुछ फैसलो पर अफ़सोस सा होने लगता है की आखिर मैंने उस वक्त ऐसा क्यों कर दिया । यदि मैंने इसके बजाय दूसरा विकल्प चुन लिया होता तो जिंदगी शायद किसी और रास्ते पर होती शायद हम अब की अपेक्षा ज्यादा खुश होते , आज के दर्द ना मिले होते , शायद हम किसी खास से न बिछुड़े होते ,मगर दूसरे ही पल हमारे मस्तिष्क में एक और विचार कौंध जाता है जो की बचपन से ही हम अपने आस पास के लोगो से सुनते रहते है वो ये की जो भी होता है अच्छे के लिए होता है और शायद ...⇥
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