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सोमवार, 2 दिसंबर 2019

एक मजदूर श्रमिक के जीवन से हमें क्या सीख लेनी चाहिए?

मजदूर मजबूत मस्ती अपने मजहब में रहने वाला प्राणी है उसका मजहब उसका कर्म है उसको अपने हाथों पर भरोशा है अपनी हाथो की लकीरों पर नही अपने श्रम से श्री को हासिल करता है और अपना परिवार पालता और ऊनकी ज़रूरतों को यथा सम्भव पुरा करता है ,समाज मे समय समय पर बड़े लोगो से ज्यादा जिम्मेवारी निभाता है उसके पास जो प्राप्त है पर्याप्त है , मजदूर तो एक मिशाल जिसको सबकी जरूरत लेकिन उसकी जरूरतों की किसी को जरूरत नही फिर भी वो निशचिंत निरंतर कार्यरत है हमारी रोज मर्रा की ज़िंदगी मे है । अतः हम सभी को उससे यही सिख लेनी चाहिए निरंतर कर्म को महत्व दो धर्म से ज्यादा कर्म महान है मजदूर असली कर्म योगी है हमारी सोच में ।

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