Powered By Blogger

सोमवार, 25 दिसंबर 2023

हमें किस से बचकर रहना चाहिए?

[math]Google [/math]गूगल के ज्ञानियों से हमेशा बचा कर रहना चाहिए ।

इनका ज्ञान हमेशा हमारे संदेह के घेरे में ही रहा था। आजकल डॉक्टर भी परेशान है क्योंकि मरीज बताता है कि मैं डॉक्टर से ज्यादा जानता हूं इसलिए बहुत सारे हॉस्पिटल डायग्नोसिस के लिए वाईफाई सेवा निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं ताकि अगर आपको डॉक्टर से ज्यादा ज्ञान है अथवा स्वयं की बीमारी में आप रिसर्च करना चाहते हैं, तो आप स्वयं डायग्नोसिस कर सकते हैं, सबसे बड़ा यही खतरा ज्ञान के साथ बना हुआ है इसीलिए गूगल विशेषज्ञों से सावधान रहना चाहिए जो कि इस उत्तर का मूल स्रोत भी है । चित्र सोर्स है गूगल इमेजेस।

नसीहत और वसीयत !

*इसको गौर से पढिये दोस्तों*
इन्सान फिर भी धन की लालसा नहीं छोड़ता,
भाई को भाई नहीं समझता,
इस धन के कारण भाई मां बाप सबको भूल जाता है अंधा हो जाता है!!

एक बहुत ही दौलतमंद व्‍यक्ति ने अपने बेटे को वसीयत देते हुए कहा,
कि बेटा मेरे मरने के बाद मेरे पैरों में ये फटे हुऐ मोज़े (जुराबें) पहना देना, यह मेरी इक्छा जरूर पूरी करना।

पिता के मरते ही नहलाने के बाद, बेटे ने पंडित जी से अपने पिता की आखरी इक्छा बताई।
और पंडितजी से बोला की पिताजी के पैरों में ये फटे हुये मोजे पहनाना है।
पर पंडितजी ने कहा ‘हमारे धर्म में कुछ भी पहनाने की इज़ाज़त नही है’

पर बेटे की ज़िद थी कि पिता की आखरी इक्छ पूरी हो।
बहस इतनी बढ़ गई की शहर के पंडितों को जमा किया गया,
पर कोई नतीजा नहीं निकला सका।

इसी माहौल में एक व्यक्ति आया,
और आकर बेटे के हाथ में पिता का लिखा हुआ एक खत दिया,
जिस में पिता की नसीहत लिखी थी।

“मेरे प्यारे बेटे, देख रहे हो..?
ये गाड़ी, दौलत, बंगला और बड़ी-बड़ी फैक्ट्री और फॉर्म हाउस के बाद भी, मैं एक फटा हुआ मोजा तक नहीं ले जा सकता।
एक दिन तुम्हें भी मृत्यु आएगी, बेटा अभी से आगाह हो जाओ, तुम भी एक सफ़ेद कपडे में ही जाओगे।

इसलिए कोशिश करना, कि पैसों के लिए किसी को दुःख मत देना,
ग़लत तरीको का उपयोग कर के पैसा ना कमाना, धन को हमेशा धर्म के कार्य में ही लगाना।

“क्यूँकि अर्थी में सिर्फ तुम्हारे कर्म ही जाएंगे”

मंगलवार, 12 दिसंबर 2023

मध्यप्रदेश के मुख्य मंत्री पद के लिए मोहन यादव का चयन क्यों हुआ?

बड़ी मुश्किल से अंदर की खबर निकाल कर लाया हूँ

जे पी नड्डा....मोदी जी 15-20 मिनट हैं ? वो मप का सी एम का नाम अनाउंस करना है।

मोदी: मैकसीमम 5 मिनट।

नड्डा: सर किस को बनाएं सी एम?

मोदी: वो लाऐ हो वीडीओज? मीडीया के, भोपाल दफ्तर के?

नडडा: हां जी हां

मोदी: चलाओ...

हमम... ये पांचों तो बङी उठा पटक कर रहे!

अच्छा ये सब इनके समर्थक चमचे!

आगे चलाओ

वो कौन है कोने में ?

नडडा : सर वो अपने विजय जी।

मोदी: अरे नहीं वो कोने मैं बैठा है एक चुपचाप!

नडडा: वो ? हमम एक मिनट सर मैं देखता हूं ध्यान से !

मोदी: अरे MLA ही होगा मीटिंग मैं बैठा है तो!

नड्डा: हां सर। नाम नहीं याद आ रहा शायद कोई मोहन करके नाम है।

मोदी: बना दो?

नड्डा: क्या???????

अरे उसको सी एम बना दो भाई!

नड्डा: सर पर उसको तो कोई जा...

मोदी: तुम्हारे पांच मिनट खत्म!

और इस तरह मोहन यादव बन गए मुख्य मंत्री!


Anoopchicham750