विज्ञापन छोड़िए जनाब पतंजलि के प्रोडक्ट्स की जो गुणवत्ता है कहीं ऐसा ना हो कि यह ब्रांड ही आने वाले दिनों में मार्केट से ऐसे गायब हो जाए जैसे गधे के सर से सींग!
अब स्वदेशी के नाम पर कुछ भी कूड़ा कचरा अगर मार्केट में लाते रहोगे तो भैया कब तक हिन्दुस्तानियों का चू@&या बना सकोगे। यह हिन्दुस्तान की जनता है इसे बेवकूफ बनाना मामूली काम नहीं है। हमारे देश का एक मूक पक्षी हंस होता है जो दूध का दूध पानी का पानी कुछ पल में कर देता है।
अब आप ही सोचिए जिस देश का पक्षी इतना सयाना हो वहां की जनता को बाबा क्यों बेवकूफ समझ रहे थे? आखिर जनता समझ ही गई की बाबा स्वदेशी स्वदेशी करके घास फूश बेचे जा रहे हैं।
इस मंच के माध्यम से बाबा को भी मेरा खुला संदेश है कि अपने प्रोडक्ट्स के एड में बाल खोल कर आंख दबा कर खुद ही विज्ञापन करने से अच्छा होगा की अपने प्रोडक्ट्स की गुणवत्ता पर ध्यान दीजिए वरना जैसा भाई ने प्रश्न किया है कहीं सही में ऐसा ना हो जाए कि एक दिन पतंजलि ही मार्केट से गायब हो जाए और उसके भक्त उपभोक्ताओं को स्वदेशी लालटेन ले कर उसे खोजना पड़े।
ईमेज सोर्स: गूगल इमेजेस
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