Powered By Blogger

शुक्रवार, 19 जनवरी 2024

16 साल से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग बंद,

16 साल से कम उम्र के बच्चों की कोचिंग बंद, आदेश नहीं मानने पर लगेगा 1 लाख का जुर्माना, गाइडलाइन जारी🏌️🏌️🏌️🏌️🏌️

प्राइवेट कोंचिंग सेंटर्स की मनमानी पर अब केंद्र सरकार ने लगाम कसने की तैयारी कर ली है. इन नई गाइडलाइंस के अनुसार अब कोई भी कहीं भी और कभी भी प्राइवेट कोचिंग सेंटर नहीं खोल पाएगा.

इसके लिए सबसे पहले उसे रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यही नहीं अब कोचिंग सेंटर में 16 साल से कम उम्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए नामांकन नहीं होगा. कोचिंग सेंटर किसी छात्र से मनमानी फीस भी नहीं वसूल सकेंगे.

केंद्र ने ये गाइलाइन देश भर में NEET या JEE की तैयारी कर रहे छात्रों के बढ़ते सुसाइड मामलों और देश में बेलगाम कोचिंग सेंटर्स की मनमानी को लेकर दिया है.

#BreakingNews #Coaching #Students #education

मंगलवार, 16 जनवरी 2024

गाँव में तो डिप्रेशन को भी डिप्रेशन हो जायेगा।

उम्र 25 से कम है और सुबह दौड़ने निकल जाओ तो गाँव वाले कहना शुरू कर देंगे कि “लग रहा सिपाही की तैयारी कर रहा है " फ़र्क़ नही पड़ता आपके पास गूगल में जॉब है।

30 से ऊपर है और थोड़ा तेजी से टहलना शुरू कर दिये तो गाँव में हल्ला हो जायेगा कि “लग रहा इनको शुगर हो गया "

कम उम्र में ठीक ठाक पैसा कमाना शुरू कर दिये तो आधा गाँव ये मान लेगा कि आप कुछ दो नंबर का काम कर रहे है।

जल्दी शादी कर लिये तो “बाहर कुछ इंटरकास्ट चक्कर चल रहा होगा इसलिये बाप जल्दी कर दिये "

शादी में देर हुईं तो “दहेज़ का चक्कर बाबू भैया, दहेज़ का चक्कर, औकात से ज्यादा मांग रहे है लोग "

बिना दहेज़ का कर लिये तो “लड़का पहले से सेट था, इज़्ज़त बचाने के चक्कर में अरेंज में कन्वर्ट कर दिये लोग"

खेत के तरफ झाँकने नही जाते तो “बाप का पैसा है "

खेत गये तो “नवाबी रंग उतरने लगा है "

बाहर से मोटे होकर आये तो गाँव का कोई खलिहर ओपिनियन रखेगा “लग रहा बियर पीना सीख गया "

दुबले होकर आये तो “लग रहा सुट्टा चल रहा "

कुलमिलाकर गाँव के माहौल में बहुत मनोरंजन है इसलिये वहाँ से निकले लड़के की चमड़ी इतनी मोटी हो जाती है कि आप उसके रूम के बाहर खडे होकर गरियाइये वो या तो कान में इयरफोन ठूंस कर सो जायेगा या फिर उठकर आपको लतिया देगा लेकिन डिप्रेशन में न जायेगा।

और ज़ब गाँव से निकला लड़का बहुत उदास दिखे तो समझना कोई बड़ी त्रासदी है।

😇😇😇😇

क्या धरिरेंद्र सास्त्री सच में कोई चमत्कार करते है?

अगर मेरे जवाब से किसी की भी आस्था को ठेस पहुंचती है तो मैं उसके लिए हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं ।

जो भी मैं अपने जवाब में लिख रहा हूं यह मेरे व्यक्तिगत विचार हैं इनका मेरे अलावा किसी दूसरे व्यक्ति से कोई भी संबंध नहीं है ।

पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी की स्थिति को आप इस तरह से आकलन कर सकते हैं जैसे की पूरी पृथ्वी एक ब्रह्मांड है और पृथ्वी पर एक बैक्टीरिया पृथ्वी है । शायद ब्रह्मांड के मुकाबले हमारी पृथ्वी इससे भी छोटी हो सकती है।

पहले हम लोग कंदमूल फल खाकर अपनी जिंदगी गुजारते थे धीरे-धीरे करके हमने शिकार करना शुरू कर मांस खाना शुरू कर उसके बाद हम लोगों ने खेती करना शुरू किया । इसके बाद खेती की तरफ लोगों का ध्यान बढ़ा , मांस खाना कम हुआ फसल को उपजाना शुरू हुआ । धीरे-धीरे करके टेक्नोलॉजी आगे बढ़ती गई बिजली बनी प्लेन बने गाड़ियां बनी बाइक्स बनी, टेक्नोलॉजी आगे बड़ी, मोबाइल्स बने इंटरनेट आया ।

जो लोग भविष्य देख सकते थे उन्होंने ऐसे आविष्कार करें जो भविष्य में लोगों के काम आए ना कि उन्होंने लोगों का भविष्य बता कर उन्हें गुमराह किया अगर आज के समय में कोई भी अगर आपका भविष्य देख सकता है तो वह यह भी देख सकता है कि भविष्य में आगे क्या होने वाला है । जिन लोगों की गाड़ियों का एक्सीडेंट हो जाता है नदी में नहाने जाते हैं तो पैर फिसल के गिर जाते हैं ऐसे कितने ही वीडियो इन बाबाओ के सामने आते हैं। क्या आप लोग फिर भी यकीन करते हैं कि यह लोग हमारा भविष्य देख सकते हैं, जिन्हें अपने अगले क्षण का भी पता नहीं कि उनके साथ क्या होने वाला है । अगर यह लोग भविष्य देख सकते हैं फिर तो शेयर मार्केट की कंपनियों को इन्हें बिल्कुल अपने पास रख लेना चाहिए मुनाफा ही मुनाफा होगा ‌

मुकेश अंबानी ने भविष्य देखा कि भारत में इंटरनेट की आगे की क्षमताएं कितनी है लोग कितना आगे बढ़ सकते हैं इसमें कितनी पोटेंशियल है, यह एक साधारण सा उदाहरण है कि लोग भविष्य को किस तरह से देखते हैं लोग भविष्य का अनुमान लगा सकते हैं उसके हिसाब से वर्तमान को भविष्य के लिए तैयार कर सकते हैं लेकिन अगर कोई आपको भविष्य देखने का वादा करके आप गुमराह कर रहा है तो ऐसे लोगों से तुरंत की तुरंत दूर हो जाए यह लोग सिर्फ और सिर्फ पाखंडी है ।

यदि इस लेख से किसी की आस्था को ठेस पहुंची हो या बुरा लगे तो उसके लिए मैं क्षमा चाहता हूं । यह विचार सिर्फ मेरे अपने हैं जो मेरे द्वारा अनुभव किया गया है । मुझे खुशी होगी यदि आप अपने विचार भी कमेंट सेक्शन में रखें ।

श्री प्रेमानंद जी का यह वीडियो भी जरूर देखें


#sathiyo

जैसा कि हम सब जानते हैं जहां एक तरफ अयोध्या में प्रभु श्री राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम है, वहीं दूसरी तरफ अयोध्या प्रभु श्री राम मंदिर को दान करने का सिलसिला भी नहीं रख रहा है। आपको बता दे की हनुमान फिल्म जो की अभी कुछ दिनों पहले रिलीज हुई है, वह अब तक 60 करोड रुपए कमा चुकी है और इसके पीछे बस एक ही कारण है आम जनता जो खुद को बड़े पर्दे पर सत्य सनातन धर्म से कनेक्ट कर पाई है। इसी फिल्म की सक्सेस पर हनुमान फिल्म के मेकर्स ने 14 लाख रुपए अयोध्या राम मंदिर ट्रस्ट को दान करने की घोषणा की है।फिल्म मेकर्स के अनुसार हर टिकट में ₹5 का हिस्सा अयोध्या प्रभु श्री राम मंदिर को दान किया गया है और आगे की कमाई का भी यह हिस्सा मंदिर को दान किया जाएगा।

बगल में छोरा शहर में ढिंढोरा...🤔

दुनिया भर की ताकत का भंडार आपके बगल में है, और एक आप हैं कि दुनिया भर में तलाश कर रहे हैं...

ये कमाल का पौधा आपके आसपास, बगल में लगा हुआ है लेकिन लोग ड्राई फ्रूट, दवाओं और छायादार वृक्षो के पीछे भाग रहे हैं। ये अकेला वृक्ष कॉम्बो पैक है साहब जो अपने आपमे एक इकोसिस्टम है।

बाकी की माथा पच्ची भी होगी, तब तक आप अपना अनुभव शेयर करें, जरा गैसिंग लगाइये कि मैं क्या कहने वाला हूँ। वैसे उमर के विषय मे हमारे क्षेत्र में एक कहावत है...

आंखि देख के माखी न निगलि जाए!

सहगी ऊमर फोड़ खे न खाय!!

इस देशी कहावत के अनुसार अगर ऊमर/गूलर को फोड़ कर खाया जाये तो हवा लगते ही इसमे कीड़े पड़ जाते हैं। इसीलिये इसे बिना फोड़े ही खाया जाता है। लेकिन सच तो यह है, कि इसमें छोटे छोटे कीड़े (wasp) मौजूद रहते ही हैं। वनस्पति विज्ञान की भाषा मे गूलर का फल हायपेन्थोडीयम कहलाता है, जिसमे फूल/ पुष्पक्रम के आधारीय भाग मिलकर एक बड़े कटोरे या बॉल जैसी संरचना बना लेते हैं। और इस गोलाकार फल जैसी संरचना के भीतर कई नर और मादा पुष्प/ जननांग रहते है, जिनमें परागण और संयुग्मन के बाद बीज बन जाते हैं।

फल के परिपक्व होने के पहले उस पर विशेष प्रकार की मक्खी सहित कई कीट प्रवेश कर जाते हैं। कई बार वे अपना जीवन चक्र भी यहीं पूर्ण करते हैं। जैसे ही फल टूटकर जमीन से टकराता है, यह फट जाता है, और कीड़े मुक्त हो जाते हैं। ऐसा न भी हो तो कीट एक छिद्र करके बाहर निकल जाते हैं।

चलिये इन सबसे हटकर अब चर्चा करते हैं, इसके औषधीय महत्व की, हमारे गाँव के बुजुर्गों के अनुसार इसके फलो को खाने से गजब की ताकत मिलती है, और बुढापा थम से जाता है। मतलब अंजीर की तरह ही इसे भी प्रयोग किया जाता है।

मेरी दादी कहती थी कि ऊमर के पेड़ के नीचे से बिना इसे खाये नही गुजर सकते हैं। इसकी छाल को जलाकर राख को कंजी के तेल के साथ पाइल्स के उपचार में प्रयोग करते हैं। दूध का प्रयोग चर्म रोगों में रामवाण माना जाता है। दाद होने पर उस स्थान पर इसका ताजा दूध लगाने से आराम मिलता है। कच्चे फल मधुमेह को समाप्त करने की ताकत रखते हैं। पेट खराब हो जाने पर इसके 4 पके फल खा लेना इलाज की गारंटी माना जाता है।

वहीं एक ओर इसके पेड़ को घर पर या गाँव मे लगाना वर्जित है, शायद भूतों से इसे जोड़ते हैं, लेकिन वास्तव में यह दैत्य गुरु शुक्राचार्य का प्रतिनिधि है। वास्तु के अनुसार दूध और कांटे वाले पौधे घर पर लगाना उचित नही होता।

बुद्धिजीवियो का मानना है कि वास्तव में इसे पक्षियों और जनवरो के पोषण के लिये छोड़ने के लिए ऐसी मान्यताएँ बना दी गई होंगी, जिससे लोग इसके फलों और पेड़ का अत्यधिक दोहन न कर सकें। पक्षीयों के लिए तो यह वरदान है। और पक्षी ही इसे फैलाते भी हैं। व्यवहारिक रूप से यह पक्षियों का पसंदीदा है तो पक्षियों की स्वतंत्रता के उद्देश्य से भी इसे घर से दूर लगाना सही प्रतीत होता है।

यह शूक्र ग्रह का प्रतिनिधि पौधा है तो इस नाते अनेको तांत्रिक शक्तिओ का स्वामी भी है। कहते है, इसकी नित्य पूजन करने से सम्मोहन की शक्ति प्राप्त की जा सकती है। प्रेम और युवा शक्ति तो जैसे इस पेड़ के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है। नव ग्रह वाटिका के पेड़ों में यह भी एक है। वृषभ राशि वालो का तो यह मित्र पौधा है। किंतु दुख की बात है, इन पेड़ों की संख्या दिन पर दिन कम होती जा रही है।

इसकी कोमल फलियों को सब्जियों के लिए भी प्रयोग किया जाता है, जो चिकित्सा का एक अनुप्रयोग है।

ऐसा कहा जाता है, कि दुनिया मे किसी ने गूलर का फूल नही देखा है, इसका कारण और जबाब मैं पहले ही बता चुका हूं।

यह जानकारी आपको कैसी लगी, बताइयेगा जरूर...

धन्यवाद 🙏

बुधवार, 10 जनवरी 2024

Editing के लिए सबसे अच्छा ऐप कौन सा है ?

बहुत सारे ऐप्स उपलब्ध हैं जो आपको एडिटिंग कार्यों के लिए मदद कर सकते हैं। यहां कुछ ऐप्स हैं जो प्रसिद्ध हैं और उपयोगकर्ताओं के बीच प्रसिद्ध हैं:

  • Adobe Photoshop Express: यह फोटोग्राफी के लिए प्रसिद्ध एडिटिंग ऐप है, जिसमें आपको फ़िल्टर, के साथ तस्वीरों को काटने, मर्ज करने, विभिन्न एफ़ेक्ट्स जोड़ने आदि के लिए विभिन्न उपकरण मिलते हैं।
  • Snapseed: यह गूगल द्वारा विकसित एक अच्छा फ़ोटो एडिटिंग ऐप है, जिसमें विभिन्न उपकरण और फ़िल्टर मौजूद हैं जिनका उपयोग करके आप अपनी तस्वीरों को संपादित कर सकते हैं।
  • VSCO: यह एक दूसरा लोकप्रिय फ़ोटो एडिटिंग ऐप है जिसमें अनेक फ़िल्टर, एडिटिंग उपकरण और फ़ोटो एडिटिंग के लिए विभिन्न विकल्प शामिल हैं।
  • Canva: यह एक डिजाइन और ग्राफिक्स क्रिएशन ऐप है जिसमें आप फ़ोटोग्राफी के साथ-साथ पोस्टर, लोगो, सोशल मीडिया पोस्ट्स और अन्य विजुअल कंटेंट बना सकते हहैं। यह आपको विभिन्न डिजाइन टूल्स, टेम्पलेट्स और एडिटिंग के लिए साधारित विकल्प प्रदान करता है।
  • Lightroom: यह फोटोग्राफी के लिए एक प्रसिद्ध ऐप है जो आपको फ़ोटो को रीटच करने, एडिट करने और बाहरी अंतराल को समायोजित करने के लिए विभिन्न उपकरण प्रदान करता है।

ये केवल कुछ उदाहरण हैं और फोटो एडिटिंग के लिए और भी कई अच्छे ऐप्स उपलब्ध हैं। आपकी आवश्यकताओं और पसंद के अनुसार ऐप्स की तलाश करें और एक या एक से अधिक ऐप्स को आजमाएं ताकि आप अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा ऐप चुन सकें।

मांस का मूल्य

मगध सम्राट बिंन्दुसार ने एक बार अपनी सभा मे पूछा :

देश की खाद्य समस्या को सुलझाने के लिए

सबसे सस्ती वस्तु क्या है ?

मंत्री परिषद् तथा अन्य सदस्य सोच में पड़ गये ! चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा आदि तो बहुत श्रम के बाद मिलते हैं और वह भी तब, जब प्रकृति का प्रकोप न हो, ऎसी हालत में अन्न तो सस्ता हो ही नहीं सकता !

तब शिकार का शौक पालने वाले एक सामंत ने कहा :

राजन,

सबसे सस्ता खाद्य पदार्थ मांस है,

इसे पाने मे मेहनत कम लगती है और पौष्टिक वस्तु खाने को मिल जाती है । सभी ने इस बात का समर्थन किया, लेकिन प्रधान मंत्री चाणक्य चुप थे ।

तब सम्राट ने उनसे पूछा :

आपका इस बारे में क्या मत है ?

चाणक्य ने कहा : मैं अपने विचार कल आपके समक्ष रखूंगा !

रात होने पर प्रधानमंत्री उस सामंत के महल पहुंचे, सामन्त ने द्वार खोला, इतनी रात गये प्रधानमंत्री को देखकर घबरा गया ।

प्रधानमंत्री ने कहा : शाम को महाराज एकाएक बीमार हो गये हैं, राजवैद्य ने कहा है कि किसी बड़े आदमी के हृदय का दो तोला मांस मिल जाए तो राजा के प्राण बच सकते हैं, इसलिए मैं आपके पास आपके हृदय 💓 का सिर्फ दो तोला मांस लेने आया हूं । इसके लिए आप एक लाख स्वर्ण मुद्रायें ले लें ।

यह सुनते ही सामंत के चेहरे का रंग उड़ गया, उसने प्रधानमंत्री के पैर पकड़ कर माफी मांगी और

उल्टे एक लाख स्वर्ण मुद्रायें देकर कहा कि इस धन से वह किसी और सामन्त के हृदय का मांस खरीद लें ।

प्रधानमंत्री बारी-बारी सभी सामंतों, सेनाधिकारियों के यहां पहुंचे और

सभी से उनके हृदय का दो तोला मांस मांगा, लेकिन कोई भी राजी न हुआ, उल्टे सभी ने अपने बचाव के लिये प्रधानमंत्री को एक लाख, दो लाख, पांच लाख तक स्वर्ण मुद्रायें दीं ।

इस प्रकार करीब दो करोड़ स्वर्ण मुद्राओं का संग्रह कर प्रधानमंत्री सवेरा होने से पहले वापस अपने महल पहुंचे और समय पर राजसभा में प्रधानमंत्री ने राजा के समक्ष दो करोड़ स्वर्ण मुद्रायें रख दीं ।

सम्राट ने पूछा :

यह सब क्या है ?

तब प्रधानमंत्री ने बताया कि दो तोला मांस खरिदने के लिए

इतनी धनराशि इकट्ठी हो गई फिर भी दो तोला मांस नही मिला ।

राजन ! अब आप स्वयं विचार करें कि मांस कितना सस्ता है ?

जीवन अमूल्य है, हम यह न भूलें कि जिस तरह हमें अपनी जान प्यारी है, उसी तरह सभी जीवों को भी अपनी जान उतनी ही प्यारी है। लेकिन वो अपना जान बचाने मे असमर्थ है।

और मनुष्य अपने प्राण बचाने हेतु हर सम्भव प्रयास कर सकता है । बोलकर, रिझाकर, डराकर, रिश्वत देकर आदि आदि ।

पशु न तो बोल सकते हैं, न ही अपनी व्यथा बता सकते हैं ।

तो क्या बस इसी कारण उनसे जीने का अधिकार छीन लिया जाय ।

शुद्ध आहार, शाकाहार !

मानव आहार, शाकाहार !

अगर ये लेख आपको अच्छा लगे तो हर व्यक्ति तक जरुर भेजे।🙏🇮🇳🙏

हर रोग की रामबाण दवा अरंडी का तेल जानिए इसके फायदे...

गांव में अरंडी के पौधे आज भी हर कहीं उगे हुए देखे जा सकते है... गांव के लोग अरंडी को बहुत अच्छे से जानते है, जब भी कभी मोच आ जाती हैं अरंडी के पत्ते सबसे पहले याद आते है... वैसे अब स्थिति बदली हैं, जरा सा कुछ होने पर भी डॉक्टर,मेडिकल पर टूट पड़ते है...हमनें अपनी स्थिति भले ही बदल ली हैं लेकिन पौधे ने अपना गुण धर्म नही खोया है...

आज शहरी जगत में हर कहीं Castor-oil की चर्चा आपको सुनने को मिल जाएगी,उसके गुणों का बखान भी मिला जाएगा,,पर उसका सीधा इस्तेमाल कोई नही करता,ओर अधिकतर लोग पौधे को भी नही पहचानते.....अरंडी के तेल में पाए जाने वाले गुणों की वजह से यह स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों में फायदा करता है। जानते है अरंडी के तेल के फायदे

1. काले धब्बे साफ़ करे -:

अरण्डी का आयल और नारियल के तेल की कुछ बुँदे ले और इसे चेहरे के काले धब्बो पर लगाए इससे काले धब्बे मिट जाएंगे।

2.गठिया रोग में -:

गठिया रोगी व्यक्ति की अरंडी के तेल से मालिश करने पर उसे दर्द में आराम होता हैं। यह मांसपेशियों के दर्द को कम करता है।

3.कब्ज में फायदा -:

कब्ज के लिए कैस्टर ऑयल का उपयोग कैसे करें तो इसके लिए आधा चम्मच तेल एक कप गर्म दूध में मिलाकर पियें।

4. बालों के लिए -:

इस तेल को बालों की सुंदरता और बालों की समस्या के लिए प्रयोग किया जाता है। बालों में अरंडी का तेल लगाने से बाल चमकदार, लम्बे, घने होते है। इससे बालों का रूखापन और डैंड्रफ भी खत्म हो जाती है।

5.पेट की चर्बी कम करे -:

हरे अरंड की २० - ५० ग्राम जड़ ले इसे धोकर कूट ले। अब २०० मिली पानी में पका ले। ५० मिली रह जाने पर इसका सेवन करे इससे पेट कम होगा।

6. पाइल्स से छुटकारा -:

20 से 30 मिली अरंड के पत्ते का काढ़ा बनाकर 25 मिली एलोवेरा के रस में मिलाकर सुबह शाम पीने से पाइल्स में लाभ होगा।

7. किडनी की सूजन कम करने में सहायक -:

किडनी की सूजन को कम करने में अरंड की मींगी को पिसे। इसे गर्म करके पेट के आधे भाग में लेप करे सूजन में आराम होगा।

8.आँखों में -:

अरंडी के तेल की कुछ बुँदे ले और आँखों के आसपास हल्की मालिश करे इससे आँखों की सूजन में आराम होगा।

9. झुर्रिया मिटाये -:

यह मॉइश्चराइजर की तरह काम करता है जो समय से पहले आने वाले बुढ़ापे को रोकता है और झुर्रियों को खत्म करता है।

10.साइटिका के दर्द को कम करे -:

यह साइटिका के दर्द को कम करने में मदद करता है।

11. मासिक विकार में राहत -

पीरियड्स में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए अरंड के पत्ते गर्म करके पेट पर बाँधने से लाभ होता है।

12.मस्से के लिए -:

एलोवेरा रस में अरंडी का तेल मिलाकर लगाने से मस्सों की जलन में राहत मिलती है।

13.शरीर की मालिश -

बॉडी मसाज के लिए इस तेल का उपयोग कर सकते है इससे बॉडी पर चमक आती है।

पोस्ट स्वास्थ्य जानकारी हेतु

शेयर फालो जरूर करें धन्यवाद 💌

रविवार, 7 जनवरी 2024

हाई एजुकेटेड बेरोजगार युवक एक बात गांठ बांध लें।

6 महीने में आप बाइक के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप कार के मैकेनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप साइकिल के मकैनिक बन सकते हो।

6 महीने में आप मधुमक्खी पालन सीख सकते हो।

6 महीने में आप दर्जी का काम सिख सकते हो।

6 महीने में आप डेयरी फार्मिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप हलवाई का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की इलेक्ट्रिक वायरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर का प्लंबर का कार्य सीख सकते हो।

6 महीने में आप मोबाइल रिपेयरिंग सीख सकते हो।

6 महीने में आप जूते बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप दरवाजे बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप वेल्डिंग का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप मिट्टी के बर्तन बनाना सीख सकते हो।

6 महीने में आप घर की चिनाई करना सीख सकते हैं।

6 महीने में आप योगासन सीख सकते हो।

6 महीने में आप मशरूम की खेती का काम सीख सकते हो।

6 महीने में आप बाल काटने सीख सकते हो।

6 महीने में आप बहुत से काम ऐसे सीख सकते हो जो आपके परिवार को भूखा नहीं सोने देगा।

आज भारत में सबसे अधिक दुखी वह लोग हैं जो बहुत अधिक पढ़ लिखकर बेरोजगार हैं।

जो शिक्षा आप को रोजगार न दे सके वह शिक्षा किसी काम की नहीं।

रोजगार के लिए आपका अधिक पढ़ा लिखा होना कोई मायने नहीं।

भारत में 90% रोजगार वे लोग कर रहे हैं जो ज्यादा पढ़े लिखे नहीं हैं।

10% रोजगार पाने के लिए पढ़े लिखे लोगों में मारामारी है।।

स्वंय विचार करें।

शुक्रवार, 5 जनवरी 2024

हमारे बुजर्ग हम से वैज्ञानिक रूप से बहुत आगे थे।

हमारे बुजर्ग हम से वैज्ञानिक रूप से बहुत आगे थे। थक हार कर वापिश उनकी ही राह पर वापस आना पड़ रहा है...

1. मिट्टी के बर्तनों से स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों तक और फिर कैंसर के खौफ से दोबारा मिट्टी के बर्तनों तक आ जाना।

2. अंगूठाछाप से दस्तखतों (Signatures) पर और फिर अंगूठाछाप (Thumb Scanning) पर आ जाना।

3. फटे हुए सादा कपड़ों से साफ सुथरे और प्रेस किए कपड़ों पर और फिर फैशन के नाम पर अपनी पैंटें फाड़ लेना....

4. सूती से टैरीलीन, टैरीकॉट और फिर वापस सूती पर आ जाना....

5. जयादा मशक़्क़त वाली ज़िंदगी से घबरा कर पढ़ना लिखना और फिर IIM MBA करके आर्गेनिक खेती पर पसीने बहाना....

6. क़ुदरती से प्रोसेसफ़ूड (Canned Food & packed juices) पर और फिर बीमारियों से बचने के लिए दोबारा क़ुदरती खानों पर आ जाना.....

7. पुरानी और सादा चीज़ें इस्तेमाल ना करके ब्रांडेड (Branded) पर और फिर आखिरकार जी भर जाने पर पुरानी (Antiques) पर उतरना।....

8. बच्चों को इंफेक्शन से डराकर मिट्टी में खेलने से रोकना और फिर घर में बंद करके फिसड्डी बनाना और होश आने पर दोबारा Immunity बढ़ाने के नाम पर मिट्टी से खिलाना....

9. गाँव, जंगल, से डिस्को पब और चकाचौंध की और भागती हुई दुनियाँ की और से फिर मन की शाँति एवं स्वास्थ के लिये शहर से जँगल गाँव की ओर आना....

इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि टेक्नॉलॉजी ने जो दिया उससे बेहतर तो प्रकृति ने पहले से दे रखा था...

🚩जय हिंद जय भारत🚩

सोमवार, 1 जनवरी 2024

क्या होता अगर गूगल नही होता तो ?

आज दुनिया से मौलिकता खत्म सी होती जा रही है ।

लोगों के पास अपने मौलिक विचार होते ।

किताबों से प्रेम खत्म नहीं होता और न हीं कोई ये कहने को बेबस होता…

कागज की ये महक ये नशा रूठने को है ये आखिरी सदी है किताबो से इश्क की …

शिक्षको के प्रति आज जो आदर की भावना दिनों प्रतिदिन कम होती जा रही है उसके पीछे एक कारण गूगल भी है ।शिक्षक केवल किताबी शिक्षा ही नहीं देते अपितु छात्रो के चरित्र को भी आकार देते है । उनकी जगह गूगल कभी भी नहीं ले सकता ।

वास्तविकता में हम हर जानकारी के लिए गूगल पर निर्भर हो गये है जिससे हमारी स्मरणशक्ति में निरंतर कमी आती जा रही है ।

कक्षा नौ या दस में एक वाद विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था जिसमें विषय था …..

Science is a good servant but a bad master.

जिस तरह से हम लोगो ने गूगल को अपना स्वामी बना रखा है ।ये विषय बिल्कुल उचित प्रतीत होता है ।

गूगल एक बहुत लाभदायक सर्च इंजन है इसे अपना सेवक बनाये स्वामी न बनने दें ।