आज हम आपके लिए एक ऐसी औषधि की जानकारी लेकर आए है जो गांव में या सड़क के किनारे आसानी से देखने को मिल जाती है| यह भारत के अधितर क्षेत्रों में पायी जाती है| उस औषधीय पौधे का नाम कटेरी या भटकटैया है|
लेकिन क्या अपने कभी सोचा है कि यह खरपतवार की तरह अपने आप उग जाने वाला पौधा एक औषधि हो सकता है| जिसका वर्णन आयुर्वेदिक ग्रंथो में भी मिलता है|
तो चलिए जानते है कटेरी के बारे में कि यह कैसे और किस-किस बीमारी के उपचार में उपयोग किया जाता है? ताकि जब अगली बार आप इसे देखे तो इसके औषधीय गुणों का फायदा उठा सके|
कटेरी पौधा क्या है?
कटेरी के औषधीय गुण
कटेरी या भटकटैया एक झाड़ीनुमा पौधा है जो जमीन पर चारों ओर फैला होता है| इसके पत्ते कटे-फटे व किनारी पर सफेद धारी वाले कांटो से युक्त होते है| इसके फूल बैंगनी रंग के पीले पुंकेसर वाले होते है|
इसका फल गोलाकार ,सफेद धारी वाला हरे रंग का होता है जो पकने के बाद पीला हो जाता है| इस पौधे में बसंत ऋतु में फूल आते है और बारिस आने तक फल आ जाते है ,जो कि ठण्ड में पक जाते है| इसका पौधा जनवरी का महीना आते-आते सुख जाता है| इसका पौधा कड़वा व गर्म तासीर का होता है जो बहुत से औषधीय गुणों से भरपूर है और घरेलु उपचार के लिए इसका उपयोग अधिक किया जाता है|
कटेरी के प्रकार –
कटेरी की वैसे तो बहुत सारी प्रजातियां होती है लेकिन इसमें से तीन प्रजाति की कटेरी प्रमुख है|
- बड़ी कटेरी
- छोटी कटेरी
- श्वेत कटेरी
छोटी कटेरी दो प्रकार की होती है एक बैंगनी फूलों वाली और एक सफेद फूलों वाली ,जिसमे से सफेद फूलों वाली कटेरी बहुत कम देखने को मिलती है| श्वेत कटेरी वाली प्रजाति का उपयोग आयुर्वेदिक दवाइयों में अधिक किया जाता है|
कटेरी के विभिन्न नाम –
कटेरी या भटकटैया का वैज्ञानिक नाम सोलेनम वर्जिनीएनम (Solanum Virginiannum) है| तथा इसके अलावा इसके अन्य नाम कटीला ,कंटकारी ,दुस्पर्शा ,पसरकटाई ,क्षुद्रा ,व्यापी ,कंटकिनी ,कटियाली ,वाकफाडू ,कटाई खुर्द ,रेंगनी ,कटाली ,धावनी तथा इंग्लिश में इसे Yellow fruit nightshade कहते है|
कटेरी के औषधीय गुण –
इसमें बहुत सारे औषधीय गुण होते है जैसे – एंटी-इन्फ्लामेटरी ,एंटी-पीयरेटिक ,एंटी-अस्थमैटिक ,हेपेटोप्रोटेक्टिव ,एंटी-अस्सिव ,एंटी-हिस्टामिनिक ,एंटी-फर्टिलिटी आदि|
भटकटैया की जड़ से प्राप्त रस में स्टेफिलोकोक्कस औरियस और एस्चरिशिया कोलाई रोधी गुण पाये जाते है|
कटेरी के फायदे –
क्योंकि भटकटैया का पौधा औषधीय गुणों से भरपूर होता है जिसके कारण यह बहुत सारे रोगों के इलाज में उपयोगी होता है| जिसकी जानकारी बहुत कम लोगों को होती है| लेकिन आज हम आपको बहुत सारे भटकटैया के फायदे बतायेंगे जिसके बारे में आपने पहले कभी सुना नहीं होगा| तो चलिए जानते है इसके बारे में –
- अगर आपको सिर दर्द की समस्या हो तो कटेरी के फल का रस निकालकर ,उसका लेप अपने माथे पर लगाए तो आराम मिलेगा|
- कीड़ा लगे दांतो में अगर दर्द हो रहा हो तो इसके बीज का धुआं ले दर्द में आराम मिलेगा|
- अगर किसी महिला के स्तन ढीले है तो वे कटेरी व अनार की जड़ो को बराबर मात्रा में लेकर पीस ले और उसका लेप स्तन पर लगाए तो स्तन का ढीलापन दूर हो जाएगा|
- बुखार होने पर इसकी जड़ो और गिलोय को सामान मात्रा में लेकर उसका काढ़ा बना ले ,और सुबह-शाम पिए तो बुखार में आराम मिलेगा|
- जिसके सिर पर बाल कम हो या फिर वह गंजा हो तो कटेरी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर उसकी मसाज सिर पर रोज करे धीरे-धीरे बाल आ जायेंगे|
- अगर किसी को पेट दर्द या गैस की समस्या है तो वह इसके फल को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर छाछ के साथ सेवन करे|
- उल्टी आने पर इसकी जड़ का रस निकालकर शहद के साथ पीने से आराम मिलता है|
- त्वचा संबंधित रोग जैसे दाद ,खुजली ,चर्मरोग आदि होने पर इसके पत्तों का रस सरसों के तेल के साथ मिलाकर लगाने से आराम मिलता है|
- खांसी आने पर कटेरी के फूलों को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर शहद के साथ लेने से खांसी और कफ दूर हो जाता है|
- अगर किसी को बाल झड़ने की समस्या है तो इसके पत्तों या फल का रस निकालकर बालों की जड़ो में लगाने से बाल झड़ना बंद हो जायेंगे और रुसी से भी छुटकारा मिलेगा|
- मूत्ररोग से संबंधित समस्या जैसे पेशाब का रुक-रुक कर आना ,पेशाब में जलन आदि होने पर कटेरी के रस को छाछ के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है|
तो दोस्तों आप लोगों ने देखा कि यह साधारण सा घास-फूस की तरह लगने वाला कटेरी या भटकटैया का पौधा कितना अधिक लाभकारी होता है और कितनी सारी बीमारियों को दूर कर सकता है|
लेकिन इस बात का ध्यान जरुर रखे बच्चों और गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन कराने से पहले डॉक्टर की सलाह जरुर ले| ताकि इससे किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे ,क्योंकि सभी प्रकार की औषधीय हमारे लिए तभी फायदेमंद होती है जब इसका सही जानकारी के साथ उचित मात्रा में सेवन किया जाए
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