निकट भविष्य मे कई नौकरियाँ खत्म होने की कगार पर है।। भविष्य से पूर्व थोडा भूतकाल मे चलते है।
आपने गन्ना तौल केन्द्र देखा होगा वहाँ पर एक पुल जैसा ढांचा बना होता था।
1 से दिखाई जगह पर से मजदूर गन्ने की गठरी लेकर चढते थे। और 2 से दिखाई जगह पर ट्रक/ट्रॉली खडी रहती थी। मजदूर उन गन्नो को ट्रक/ट्रॉली मे डालते थे। औसतन एक तौल केन्द्र पर 8–10 मजदूर काम करते थे। अब इन 8–10 मजदूरो की छुट्टी हो गयी है और इनकी जगह 1–2 मजदूर काम करते है। साथ ही 1 मे दिखाया गया ढाँचा गायब हो चुका है। और अब इस मशीन का प्रयोग जमीन पर पडे गन्ने को ट्रक मे भरने मे किया जाता है। लाखो मजदूरो का धंधा छुटा और उनकी जगह हजारो लोगो ने ले ली।
पहले आपको गेहूँ कटाई के सीजन(मई जून) मे खेतो मे गेंहू काटते मजदूर मिल जाते थे। शहर मे रहने वाले गरीब लोग सपरिवार गाँवो मे गेहूँ काटते थे और 1 साल तक का गेहूँ कमाकर ले जाते थे। अब उन मजदूरो की भी छुट्टी होने लग रही है उनकी जगह भी मशीने आ गयी है। जिससे लाखो लोगो का रोजगार खत्म होने लग रहा है।
आगे चलते है, पानी ठंडा रखने के लिये पहले घडो का प्रयोग किया जाता था, कुम्हार लोग घडे बनाते थे, दीपावली पर मिट्टी के दियो का प्रयोग होता था लेकिन आज रेफ्रिजरेटर और बिजली झालरो के प्रयोग से कुम्हारो के चाक ने घूमना बंद कर दिया और लाखो लोगो का रोजगार खत्म हो गया।
लाखो लोग तमाशे, सांग(नुक्कड, स्वांग),सपेरो द्वारा खेल दिखाकर रोजी रोटी कमाई जाती थी लेकिन पिछले 10–15 साल मे मोबाईल फोन, इंटरनेट क्रांति आने से ये धंधे बंद हो चुके है और लाखो लोगो का रोजगार खत्म हो गया।
किसी पाठक बंधु को कुछ और याद आये तो बताने का कष्ट करियेगा।
अब बात करते है भविष्य की। आने वाले समय मे आपको सेठो की दुकान पर बैठने वाले मुनीम नही दिखाई देंगे क्योंकि UPI के प्रयोग से उनके पास पैसो का हिसाब किताब आसानी से रहेगा।
गली मोहल्ले मे खुली गारमेंट्स,इलेक्ट्रोनिक, जूते आदि की दुकानें भी खत्म हो जायेगी क्योंकि लोग ऑनलाईन समान मंगायेंगे, मंगा भी रहे है और इस ऑफलाईन मार्केट से जुडे लोग बेरोजगार हो जायेंगे।
शिक्षक, जी हाँ आप सही पढ रहे है आने वाले समय मे विद्यालयों मे 1–2 लोग ही दिखाई देंगे। ये लोग भी केवल व्यवस्था सम्हालने के लिये होंगे इन्हे आप चपरासी भी कह सकते है। क्योंकि आने वाले समय मे पढाई ऑनलाईन होगी।गिने चुने टीचर लेक्चर देंगे और लाखो विद्यालय उस वीडियो को लाईव कक्षा मे दिखायेंगे। इसलिये स्मार्ट क्लासेज पर ज्यादा ध्यान स्कूल और सरकार दे रही है।
इंजीनियर भी गायब हो जायेंगे, AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस खुद से ही नक्शे, डिजाईन बनाया करेंगे।
और अंत मे नाम आता है सैनिक का। जी हाँ भविष्य यानि की लगभग 2060 तक सैनिक नाम के मानव वही रहेंगे उनकी जगह रोबोट्स या ड्रोन ले लेंगे। भारत मे भी यही होगा लेकिन थोडा देर सबेर हो सकता है। केवल गिने चुने लोग रहेंगे जो इन्हे ऑपरेंट करेंगे या फिर कंट्रोल करेंगे।
और हम लोग मोदी को कोसते रहेंगे क्योंकि हमे समय के साथ नही चलना है। जो लोग चले है समय के साथ वे लोग ऊपर बताये गये भूतकाल के रोजगारो को भूल चुके है और आज उन्हे रोजगार की श्रेणी मे मानते ही नही। वैसे ही भविष्य मे भी लोग भी सब भूल जायेंगे और अस्तित्व की लडाई मशीनो से लडेंगे जिन्हे की आजकल मानव सिर पर रखे हुए है।
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