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शुक्रवार, 1 सितंबर 2023

जय जोहार

उसने कहा - कौन सी जाति से हो ?

मैंने कहा :- अपनी बताओ ? वह अकड़कर बोला :- मैं ब्राह्मण हूँ।

मैंने भी सीना फुलाकर कहा :- मैं [आदिकिसान/आदिवासी] हूँ।

उसकी अकड़ ढीली हो गई बोला :- शूद्र (आदिवासी) तो जाति नहीं वर्ण है।

मैंने कहा :- तुमने भी तो अपनी जाति नहीं वर्ण बताया है।जाकर पहले अपने बाप से अपनी जाति पूछकर आओ,फिर मेरी जाति पूछना।

दूसरे दिन फिर मिला बोला :- मेरा वर्ण और जाति दोनों ब्राह्मण ही है।

मैंने कहा :- फिर मेरी जाति और वर्ण अलग कैसे हो सकते हैं ?

उसने कहा :- हम सर्वश्रेष्ठ हैं।

मैंने कहा :- कैसे समाज के लिए आपके पूर्वजों ने क्या किया आपके पूर्वजों ने हवाई जहाज बनाए रेल बनाई मिक्सी बनाई टेलीविजन बनाया रेडिओ बनाये नाव बनाई साइकिल बनाई कार बनाई कया बनाया जिससे तुम श्रेष्ठ हो गए क्या किया सामाजिक स्तर पर .

उसने कहा :- बो बोला ऐसा तो कुछ नहीं किया .

मैंने कहा :- अन्न पैदा किया हमने,पशुपालन किया हमने,घर से लेकर खुरपी फावड़ा कुदाल,बाल्टी लोटा,खटिया कुर्सी मेज कपड़ा लत्ता रजाई बिस्तर बनाया हमने और सर्वश्रेष्ठ तुम कैसे हो गए ?

समाज के लिए तुमने किया क्या है कि जो सर्वश्रेष्ठ हो गए ?

उसने कहा :- हमने सत्यनारायण कथा करवाया,रामायण महाभारत का घर-घर पाठ करवाया,जन्म से मरण तक का कर्मकांड पूजा-पाठ करवाया,मंदिरों में ईश्वर की सेवा में लगे रहते हैं,लोगों को तीर्थयात्रा के लिए प्रोत्साहित करते हैं शुभ-अशुभ मुहूर्त बताते हैं,लोगों का भविष्य बताते हैं,स्वर्ग नर्क पूर्वजन्म पुनर्जन्म मोक्ष आदि के बारे में लोगों को बताया समाज के हमीं मार्गदर्शक हैं इसलिए सर्वश्रेष्ठ हैं।

हमने कहा :- यह नहीं बताया की सूरज किसने निगल लिया था समुन्द्र पी गए धरती बगल मैं दबा लिए कहीं लिखा की खड्डी मैं छुपा दिए खड्डी कहाँ रखी थी समुन्दर पीने बाला कहाँ खड़ा था सूरज निगलने बाला कहाँ खड़ा था ये मानव हित है या जनता को डरा रखा है .आजकल भी नहीं चूक रहे बुलबुल के परों पर सावरकर को बिठा कर दुनिया भृमण करा रहे हो ?

यह नहीं बताया कि यह सब करने के लिए दक्षिणा के रूप में मोटी रकम भी वसूल करते हैं और उसी से तुम्हारा जीवन यापन होता है।तुम अपना काम बंद कर दोगे तो समाज पर क्या फरक पड़ने वाला है ?

समाज सुचारू रूप से चलता रहेगा और हम अपना काम बंद कर देंगे तो....

समाज को छोड़ो तुम्हारे लिए रोटी कपड़े के लाले पड़ जायेंगे तो श्रेष्ठ कौन हुआ जीवनावश्यक वस्तुओं का उत्पादन व निर्माण करने वाला या काल्पनिक भाग्य,भगवान,देवी-देवता,आत्मा परमात्मा,पूर्वजन्म,पुनर्जन्म,शुभ-अशुभ मुहूर्त बताकर समाज में पाखंड अंधविश्वास फैलाने वाला ?

उसके होंठ सूखने लगे फिर भी बुदबुदाया :- आप हिन्दू धर्म का अपमान कर रहे हो आप एक ब्राह्मण का अपमान कर रहे हो आपको भयंकर पाप लगेगा।

हमने कहा :- जाकर किसी कायर अंधविश्वासी को डराना

जय #आदिकिसान ....जय #जोहार.....जय #किसान

..संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं ......

..आवाज दो हम एक हैं .........

#पाखंडमिटाओशासन_करो !

#शिक्षितबनोऔरशिक्षितकरो !!

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