बात मेरे बचपन की है। उस समय मैं पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। आज भी मुझे यह घटना अच्छी तरह याद है।
मेरा स्कूल बगल के गांव इंद्रा में था । और आते जाते, उस गांव की सारी गतिविधियों का पता चलता था। स्कूल से कुछ ही दूरी पर जो घर था, उसमें हमेशा किच -किच ,लड़ाई -झगड़े की आवाजे आती रहती थी। एक दिन तो हद ही हो गई ।उस घर से औरतों के रोने -धोने और चिल्लाने की काफी आवाजे आ रही थी। भीड़ भी इकट्टा हो गई। बचाओ बचाओ की आवाजें आने लगी।
हमारे मास्टर जी स्कूल गेट से ना निकलने की हिदायत देकर उस जगह पहुंचे। एक आदमी दो औरतों को मोटी रस्सी और लात -घुसा से बुरी तरह पीट रहा था,जो उनकी मां और पत्नी थी। स्कूल गेट के अंदर से ही इस भयावह दृश्य को देखकर हम सभी बच्चे काफी सहम गए। कुछ औरतें उसे छुड़ा रही थी ।किंतु, वह दानव रुपी आदमी अपनी मां और पत्नी को मारे जा रहा था।
पास ही उसका बैल बंधा था, जो घटना देखकर जोर-जोर से उछल रहा था। उसकी पत्नी बैल के आगे जा गिरी। वह आदमी फिरअपनी पत्नी को मारने बैल की तरफ दौड़ा तभी बैल ने उसे अपनी सींग से गिरा दिया। और इसके बाद गांव के कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया।
(फोटो सोर्स- jagran.com)
तब तक दोनों औरतों की स्थिति काफी नाजुक हो गई थी।बैल को इस तरह देख कर पास खड़ी एक औरत बोली ,यह आदमी जानवर से भी बेकार है।
उस आदमी से इस घटना का कारण पूछा गया तो पता चला कि खाना स्वादिष्ट नहीं होने के कारण ऐसा हुआ और दोनों सास बहू हमेशा बातें ही करती रहती हैं ।
इस घटना के बाद हमारे मास्टर जी गांव वालों को बुलाये और बोले जो आदमी औरतों के साथ छोटी-छोटी बात पर इस तरह का क्रूर व्यवहार करते हैं, यह एक सभ्य पुरुष कि पहचान नहीं है।आप लोग इस पर पाबंदी लगाइए ।नहीं तो , हमें पुलिस की मदद लेनी होगी । ऐसे सब लोगों की वजह से गांव समाज का माहौल खराब होता है।
धन्यवाद
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