एक कहावत है अपने पांव में कुल्हाड़ी मारना
वैस हीे कांग्रेस ने कल नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर "राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस" बना कर दिया है।
अब भक्तगण तथा बीजेपीआईटी सेल वाले नेहरू चाचा के जन्म दिवस को "बाल दिवस" से बदल कर चाचा के चरित्र अनुसार अन्तर्राष्ट्रीय "ठरक दिवस" तथा अप्रैल फूल दिवस को श्रीमान "राहुल गांधी दिवस" घोषित कर देंगे।
वैसे इन हल्की बातो के इतर बेरोजगारी वास्तव में एक समस्या रही है और वर्तमान में महामारी के प्रकोप तथा लोकडाउन से इसने विकराल रूप धारण कर लिया है।
पर क्या रोजगार के लिए हम सदा सरकार पर ही आश्रित रहते हैं?
चलिए थोड़ा थोड़ा सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं।
अमेजन कम्पनी के मालिक जेफ़ बेजोस इस वक्त विश्व का सबसे अमीर व्यक्ति है।
1994 में जब अमेरिका ईराक़ युद्ध की वजह से बुरे आर्थिक हाल में था।जेफ़ बेज़ोस की एक साधारण सी नौकरी करते थे।देश के आर्थिक हालात में वह नौकरी भी जाती रही।
जेफ़ अपना सब कुछ बेच कर निकल पड़े अमेरिका की सैर करने,कुछ नया करने प्रवास करते करते वह पहुँचे सीटल शहर में और वहाँ ढेरों गोदाम, बेरोज़गार युवक आदि देख उन्हें समझ आया यही वह जगह है। जिसकी उन्हें तलाश थी। अपनी बची पूंजी से उन्होंने एक गैराज किराए पर लिया और अमेजन कम्पनी खोल दी और फिर उन्होंने इतिहास रच डाला।
यह तो सिर्फ एक प्रसिद्ध उदाहरण है की कैसे सकारात्मक व्यक्ति अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन संकट काल में करता है।और नकारत्मक परिस्थितियों में भी सदा सफलता पाता है।
आज आप अपने आस पास आप कितने ही लोगो को पाएंगे। जिन्होंने इस कोरोना महामारी के चलते अपने व्यवसाय,नौकरियां खो दी पर फिर उन्होंने एक नई शुरुआत की इस दुखद काल में उन्होंने जीवटता का परिचय देते हुए जीवन को जिया और दूसरो के लिए उदहारण बन रहे हैं।
पर शायद अगर जेफ बेज़ोस भी भारतीय राजनीतिक पार्टियों की तरह नकारात्मक मानसिकता रखते और यदि जेफ बेजोस भारत में होते तो नौकरी जाने के पश्चात अपने मंहगे लैपटॉप से हैश टैग चला रहे होते मोदी जी सरकारी नौकरी दो।
या फिर इन अत्यधिक पढ़े लिखे काबिल बेरोजगार की तरह कल बेरोजगारी दिवस मना रहे होते।😃
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