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गुरुवार, 17 सितंबर 2020

क्या आप कोई ऐसी फोटो दिखा सकते हैं जो सोच को सोचने में मजबूर कर दे?

बाप ओर बेटी की इस दुरी को शायद भुख कहते है। रोटी के लिए जान की भी परवाह नही। अधिक पाने की और थोड़ा भी खो गया समझों दुःखों के सागर में । एक सकारात्मक सोच ।

आज फिर एक बेटी ने अपना घर में दो वक़्त की रोटी के लिए जान की बाजी लगाई।

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