भारतीय राज्य की ब्राह्मणवादी प्रकृति इस बात से पता चलती है कि महज 24000 लोगों द्वारा बोली जाने वाली ब्राह्मण समुदाय की भाषा संस्कृत आठवीं अनुसूची में शामिल है, जबकि 30 लाख लोगों द्वारा बोली जाने वाली कोइतुर समुदाय की भाषा अब भी संवैधानिक मान्यता प्राप्त करने का इंतजार ही कर रही है.
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