Ojas Vyas लिखते हैं :
लूना एक बहुत बड़ा सबक देती थी.. जीवन मे बी-प्लान लेके सेफ खेलने का.. सेफ खेलने के चक्कर मे कई लोगों की जिंदगी लूना बन के रह गयी.. उनमें कैलिबर था साढ़े पाँच सौ सीसी की बुलेट का, लेकिन कभी बहन की शादी, कभी बाप का नजदीक आता रिटायरमेंट, कभी छोटे भाई की पढ़ाई, कभी रेहन पे रखी जमीन तो कभी माँ का ईलाज.. इन लोगों का गाहे-बगाहे तेल खत्म होता रहा.. घर की जिम्मेदारियों को इन्होंने लूना बन के अपने ऊपर लाद लिया.. जीवन की जद्दोजहद में कभी तेल होता तो बीवी को उसके बर्थडे पे रेस्टोरेंट ले गए, कभी तेल खत्म हुआ तो छेद वाली बनियान बदलने के लिए मुहूर्त निकलने लगा.. पर ये लूना टाइप के लोग पूरे आत्मविश्वास के साथ चलते रहे.. कभी घर का छोटा बुलेट निकल गया और लूना की रफ्तार और आवाज पे उलाहना दे गया.. पर लूना टाइप के लोग सदैव सुनते रहे.. मुस्कुराते रहे.. चलते रहे.. बीच राह में स्वाभिमान की टंकी को बिना झुकाए अपने पौरुष का पैडल मारते रहे..
हर घर मे कोई लूना होता है.. उसकी इज्जत कीजिये.. वो आपके घर की वो मजबूत ईंट है जिसकी बुनियाद पे आपका घर टिका है..
(जिनको जानकारी न हो, लूना petrol पर भी चलती है और तेल न हो तो paddle से भी चला सकते हैं)
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