नमस्कार ।
चित्र आभार : Google
मिथुन दा, निश्चित ताैर पर बंगाल में अपना एक विशेष कद काठी रखते है । गरीब, मजदूरों में बेहद मशहूर मिथुन दा, कामयाबी को छूने के बावजूद भी उन्होंने अपनी जमीन से जुड़े रहने की प्रवृति को कभी नहीं त्यागा और शायद यही वजह है कि एक समय सभी बंगाल की नंबर एक पार्टियां, मिथुन दा को अपने मंच के लिए भुनाया ।
स्वाभाविक सी बात है कि भाजपा जैसी राष्ट्रवादी दल बंगाल के इस चुनाव में अपनी पुर्वनिर्धारित निश्चित लक्ष्य को साधने के लिए दादा की रजामंदी से ही इसका आह्वान कि होगी और इसका फर्क तो हम सभी को इस महत्वपूर्ण चुनाव में अवश्य देखने को मिलेगी ।
धन्यवाद् ।
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