नमस्कार, मैं Anoop Chicham Foundation For Ecological Security Mandla में MIS ऑपरेटर, हूँ इसी तरह अपना सहयोग देते रहिये और हम आपके लिए नईं-नईं जानकारी उपलब्ध कराएंगे
अधिकतर भारतीय पैसा बचाने के बाद भी अमीर क्यों नहीं बनते?
इसका सीधा सच्चा एक पंक्ति का उत्तर ये होगा की पैसा बचाने से कभी कोई अमीर नहीं बनता,अगर धनवान बनना है तो पैसे को सही तरीके से निवेश करना होगा।
आपके बैंक अकाउंट में रखा पैसा, आपके घर की तिजोरी में रखा पैसा, दाल-चावल के डब्बों में छुपाया हुआ हर एक पैसा आपका रिसोर्स है, आपका श्रमिक है। जब तक इस पैसे को बाहर काम पर नहीं भेजेंगे तब तक इस पैसे से और पैसा नहीं बना पाएंगे। कभी भी पैसे को खाली मत बैठने दो, उसे लगातार घर के बाहर काम पर लगाकर रखो यानी की निवेश करो।
हम भारतीय यही गलती करते हैं की पैसा भली प्रकार से निवेश नहीं करते।
सबसे बड़ा दुर्भाग्य ये है की हमे स्कूल, कॉलेज आदि में पैसों के प्रबंधन के बारे में बिलकुल समझाया नहीं जाता। फाइनेंशियल लिटरेसी (वित्तीय साक्षरता) के नाम पर हमें कुछ भी सिखाया नहीं जाता।
नतीजतन, आधे से ज्यादा लोग अच्छी से अच्छी तनख्वाह पाकर भी या पैसा कमाकर भी बचा नहीं पाते। जो बचा लेते हैं उनमें से अधिकांश लोग अच्छी जगह निवेश नहीं करते।
मुझे आश्चर्य होता है जब अच्छे पढ़े लिखे लोगों से पूछो की उन्होंने कहां निवेश किया हुआ है तो उनका उत्तर होगा बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट में,LIC की किसी पॉलिसी में।
अधिकांश भारतीय अपने पैसों से बैंको को कमाई कर के देते हैं।
एक कैलकुलेशन देखिए: आज की तारीख में फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दर होगी शायद 6% के आसपास। जब ब्याज आएगा तो टैक्स भी कट जायेगा। अगर 10% टैक्स वाला स्लैब भी लें तो 0.6% टैक्स में ही चला जायेगा। मतलब प्रभावी रूप से हमे मिला 5.4% का रिटर्न।
आज की तारीख में महंगाई दर का एवरेज देखें तो 7% के आसपास आ जायेगा। मतलब अगर आपके पास आज 100 रुपए हैं और आपने फिक्स्ड डिपॉजिट किए तो अगले साल टैक्स कटने के बाद वो ₹105.4 होंगे वहीं महंगाई दर अगर 7% है तो आज के ₹100 के बदले आपको ₹107 रुपए चाहिए होंगे लेकिन आपके पास तो ₹105.4 ही हैं।
तो बताइए पैसा बचाने के बाद भी आप अमीर हुए या गरीब।
ऐसा ही कुछ LIC की पॉलिसियों के साथ भी है। हम बचत, निवेश और इंश्योरेंस के कांसेप्ट की खिचड़ी बना देते हैं।
हालांकि काफी हद तक अब म्यूचुअल फंड्स के प्रति अवेयरनेस आई है। लेकिन फिर भी भारत में अभी भी 10 करोड़ के आसपास ही डीमैट अकाउंट हैं। ये दूसरे देशों के मुकाबले काफी कम है। शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट को लेकर अभी भी लोगो के मन कईं शंकाएं रहती हैं।
किसी भी चीज को बिना जानकारी के करेंगे तो नुकसान होगा ही लेकिन अगर किसी चीज को सीखकर करेंगे तो पैसा बनायेंगे।
हर एक इंसान के लिए जितना जरूरी पैसा कमाना है उतना ही जरूरी उसे सही ढंग से उपयोग करना और निवेश करना सीखना जरूरी है।
पैसा ही सबकुछ नहीं होता लेकिन आज की तारीख में पैसा बहुत कुछ ज़रूर होता है।
यह एक ₹100 का नोट है, एक पहाड़ की तस्वीर के साथ, दुख की बात है कि यह उल्लेख नहीं है कि पर्वत शिखर का नाम क्या है।
यह वास्तविक तस्वीर है। यह पर्वत शिखर माउंट कंचनजंगा है, जो दुनिया की तीसरी सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, और आंशिक रूप से नेपाल में और आंशिक रूप से सिक्किम, भारत में स्थित है।
असली तस्वीर पेलिंग, सिक्किम से ली गई है। यह भारत के सबसे छोटे और सबसे खूबसूरत राज्यों में से एक है।
अब ऐसा क्या कहना है।
जगह - मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का अराइवल हॉल।
एक जर्मन पर्यटक ने ₹100 की मुद्रा दिखाते हुए 5-6 भारतीयों से पूछा कि यह कौन सा पर्वत शिखर है और कहाँ है। मेरे आश्चर्य के लिए उनमें से कोई भी इसका उत्तर नहीं दे सका।
हम हर दिन अपनी मुद्रा पर पर्वत शिखर की तस्वीर देखते हैं और फिर भी हमें इसकी जानकारी नहीं होती है।
इस संदेश को पढ़ने के बाद मुझे यकीन है कि अगली बार किसी के द्वारा पूछे जाने पर आप इस प्रश्न का उत्तर देने में सक्षम होंगे।
यह ₹20 का नोट है और तस्वीर पोर्ट ब्लेयर के नॉर्थबे लाइट हाउस की है।
क्योंकि अमेरिका में सरकारी दफ्तरों में बाबू बिना चाय पानी का खर्चा लिए भी काम कर देता है।
क्योंकि उनके यहां सरकारी अस्पतालों में जाने वाले मरीजों को वहां के स्टाफ की गालियां नहीं खानी पड़ती और स्टाफ के लोग से भी जो पूछते हैं अगर उनको पता होता है, तो बता देते हैं ना कि यह कहते हैं कि "हम यहां यही करने बैठे हैं?"।
वहां के अस्पतालों के जांच उपकरण भी ज्यादातर काम करने वाले होते हैं ऐसा नहीं होता कि जो सस्ती जाते हैं वहां हो जाती हैं और महंगी जांचे बाहर लिख दी जाती हैं।
उनके यहां सरकारी दफ्तरों में भी एक आम कर्मचारी के लिए और सबसे बड़े अधिकारी के लिए एक ही टॉयलेट होता है, यह नहीं कि बड़े अधिकारी का चमचम आता रहता है और बाकियों का गंध से भरा रहता है।
क्योंकि वहां नालियों के किनारे चुना केवल तब नहीं पड़ता जब कोई नेता आने वाला हो।
क्योंकि अमेरिका के सिस्टम में ज्ञानवान नौजवान किसी कोचिंग में ₹12000 के वेतन पर नहीं पढ़ात और हल्का ज्ञान रखने वाले सरकारी स्कूलों में 50000 वेतन नहीं पाते।
उनके यहां धार्मिक सहिष्णुता दिखाने के लिए किसी खास धार्मिक वर्ग के धर्मगुरुओं को जनता की गाढ़ी कमाई से वेतन नहीं दिया जाता और उसके बाद भी धर्मनिरपेक्षता का ढिंढोरा भी कोई नहीं पीटता।
उनके यहां अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में अंग्रेजों से लड़कर हजारों कठोर यातनाएं सहने वाले किसी सावरकर को गालियां नहीं दी जाती और ना किसी लॉर्ड माउंटबेटन को आजादी के बाद भी पहला गवर्नर जनरल बनाया जाता है।
उनके यहां अगर किसी को बिजनेस करने के लिए लोन चाहिए होता है, तो उसके लिए उसे बैंक मैनेजर की जी हुजूरी नहीं करनी पड़ती।
उनके यहां उच्च पदों पर वह व्यक्ति पहुंचता है जिसके अंदर योग्यता ज्यादा होती है , ना कि वह व्यक्ति पहुंचता है जिसके पास पैसा ज्यादा होता है।
चीन से एक आदमी भारत आया। उसने हवाई अड्डे पर एक टैक्सी ली।
सड़क पर बस को देखकर उसने टैक्सी ड्राइवर से कहा कि भारत में बसें बहुत धीमी चलती हैं। चीन में बसें बहुत तेज चलती हैं।
कुछ पल बाद, वह एक रेलवे पुल पर आया और देखा कि पुल के ऊपर से एक ट्रेन गुजर रही है। तब चीनी आदमी ने ड्राइवर से कहा कि, यहां ट्रेनें भी बहुत धीमी चलती हैं। चीन में ट्रेनें बहुत तेज चलती हैं।
पूरी यात्रा के दौरान उसने ड्राइवर से भारत की बदनामी की शिकायत की। हालांकि, पूरी यात्रा के दौरान टैक्सी चालक चुप रहा।
चीनी आदमी जब अपने गंतव्य स्थान पर पहुंचा तो उसने ड्राइवर से पूछा मीटर रीडिंग और टैक्सी का किराया क्या है।
टैक्सी ड्राइवर ने जवाब दिया कि रु. 10,000/- है
टैक्सी का किराया सुनकर चीनियों के होश उड़ गए। वह चिल्लाया "क्या तुम मुझसे मजाक कर रहे हो? आपके देश में बसें धीमी चलती हैं, ट्रेन धीमी चलती है, सब कुछ धीमी है। एक मीटर अकेले तेज कैसे दौड़ता है? "
सब्सिडी। 25 रुपये किलो पर बिकने वाले गेहूं पर 90% सब्सिडी दे कर सरकार उसे बेचती है 3 रुपये किलो पर।
यहां शुरू हो जाती है धांधली। अब इस 3 रुपये किलो वाले गेहूं मे से 90% से ज्यादा गेहूं मिल मे पहुंच जाता है। उसका आटा बना कर मिल मुनाफा कमा लेती है।
यदि सरकार इस धांधली को रोकने के लिए राशन दुकाने बंद कर दे तो जनता हल्ला मचाने लगती है। हम भी समझ लेते है के सरकार गरीबो के खिलाफ है।
होता क्या है कि रोज समाचारों को देख कर, उन्हें पढ़ कर जैसे टोन मे वो पढ़ा गया है उसे ही सच मानने लगते है।
किसी भी अच्छे संतुलित देश मे सब्सिडी दी नहीं जाती। जहा पर दी जाती है वहां की अर्थव्यवस्था लचर हो जाती है। वेनेजुएला, टर्की, रूस, आप एक बार खुद से पढ़ेंगे तो जानेंगे।
मेरा ये पर्सनली मानना है कि सब्सिडी देश को आगे बढ़ाने की बजाय पीछे ढकेलती है।
रायपुर के मित्र से कुछ समय पहले मिला। वहां पर खेत मे बुवाई करने के लिए मजदूर आसानी से मिल जाते थे। 200 रुपये प्रतिदिन पर वो मजदूर 5-6 घंटे काम करता।
फिर सरकार ने मनरेगा योजना मे उनकी दिहाड़ी 300 तक बढ़ा दी। और दाल चावल 2-3 रुपये किलो पर मुहैया कर दिया। अब उस मजदूर को काम करने की जरूरत ही नहीं रही। हफ्ते मे एक दिन काम करते और महीने भर का राशन घर पे। बचे हुए पैसे बचत मे नही बलके शराब मे जाने लगी। खेत के मालिक अब दवाई छिड़क कर खरपतवार नियंत्रित करने लगे और सब कामों के लिए मशीन आने लगी। 1-2% समझ दार मजदूर भले ही पैसे बचा रहे हो, 98% की यही कहानी है देश भर मे।
मेरा मानना है सब्सिडी कतई अच्छी नहीं। ये अंततोगत्वा देश को पीछे ही धकेलने वाली है।
अर्थव्यवस्था पर जो भी सामग्री है पढ़िए। आप को मेरा कहना शायद कुछ समझ आ जाए!
आपका सवाल और सोच दोनों ही सराहनीय हैं। अक्सर लोग रिटायरमेंट के बाद, काम करना बंद कर देते हैं। ये सोच कर घर पर बैठ जाते हैं, कि अब उनके काम करने की उम्र खतम हो गई। रिटायरमेंट के बाद, खाली समय में बुरे विचारों और रोगों से घिर जाने की वजह से रिटायरमेंट लाइफ अभिशाप साबित होने लगती है।
आप रिटायर होकर घर में रहते हुए अगर कोई व्यवसाय करते हैं, तो आमदनी के साथ-साथ आपकी आगे की ज़िंदगी भी काफी खुशनुमा साबित हो सकती है। कपड़े का कारोबार ऐसा विकल्प है, जिसे चुनकर बेहद कम लागत में शुरू करके पैसे कमाए जा सकते हैं। इसके लिए कपड़ों के कुछ स्टॉक्स और रेंज अपने घर में रखें और फिर, आस-पड़ोस, नाते रिश्ते, अपने रिटायर्ड दोस्तों, उनके परिवार के लोगों को बड़ी आसानी से कपड़े बेच सकते हैं। कपड़े हर किसी की ज़रूरत होती है, ऐसे में इस व्यवसाय को करने का फैसला ग़लत साबित नहीं हो सकता।
लेकिन ज़रूरी ये है कि कम लागत में इसे करने के लिए, आपके पास कपड़ों की एक सम्मानजनक रेंज घर पर मौजूद हों, जिन्हें दिखाकर आप सेल कर पाएं। हालांकि, ऑनलाइन भी सोशल नेटवर्किंग प्लॉटफॉर्म्स पर आप अपने जानने वालों के साथ कपड़ों की तस्वीरें, प्राइस डिटेल्स आदि शेयर करके उन्हें बेच सकते हैं। आपकी इस कोशिश में आपकी मदद करने के लिए देश के टेक्सटाइल हब सूरत स्थित क्लोदिंग कंपनी अजमेरा फैशन सदैव तत्पर है। यहां से आप 20–25000 की रकम के साथ माल खरीद कर ये काम घर से शुरू कर पाएंगे। अब तक यहां से जुड़कर, सैकड़ों रिटायर्ड लोगों ने घर से कपड़े का व्यवसाय शुरू करके खुश हैं। आप भी उनमें से एक हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कंपनी की प्रोफाइल चेक कर सकते हैं, जहां आपके तमाम सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
कपड़े का व्यापार बिना दुकान के भी किया जा सकता है। वैसे तो कपड़े की दुकानें हर चौक-चौराहे, मार्केट वगैरह में आपको देखने को मिल जाएंगी। लेकिन आपको जानकर हैरानी और खुशी भी होगी कि, ये व्यापार बिना किसी दुकान के भी चलाया जा सकता है। आप अपने घर पर भी कपड़ों की रेंज मंगवा कर इस बिजनेस में हाथ आजमा सकते हैं। यानी हर महीने, किसी दुकान के किराए या कोई नई दुकान बनवाने के खर्च को स्किप करके भी कपड़े बेचे जा सकते हैं। सूरत की जानी-मानी कपड़ा कंपनी अजमेरा फैशन, महिलाओं और युवकों को घर बैठे कपड़े का व्यापार करने के लिए अक्सर प्रोत्साहित करती है। यहां से आप कपड़ों के अलग-अलग कैटगरी में से चुनाव कर सकते हैं। गारमेंट की कोई भी एक कैटगरी चुनकर, कलेक्शन अपने घर पर मंगवा कर ये व्यापार किया जा सकता है। सबसे खास बात ये है, कि ये एकमात्र ऐसी कंपनी है जो रिटेलर्स को सीधा फैक्ट्री प्राइस पर कपड़े उपलब्ध कराती है। इससे संबंधित अधिक जानकारी के लिए ज़रूर कॉन्टॅक्ट करें-
अजमेरा फैशन प्रा.लि.
+91 6358863702, +91 8469338566
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निकट भविष्य मे कई नौकरियाँ खत्म होने की कगार पर है।। भविष्य से पूर्व थोडा भूतकाल मे चलते है।
आपने गन्ना तौल केन्द्र देखा होगा वहाँ पर एक पुल जैसा ढांचा बना होता था।
1 से दिखाई जगह पर से मजदूर गन्ने की गठरी लेकर चढते थे। और 2 से दिखाई जगह पर ट्रक/ट्रॉली खडी रहती थी। मजदूर उन गन्नो को ट्रक/ट्रॉली मे डालते थे। औसतन एक तौल केन्द्र पर 8–10 मजदूर काम करते थे। अब इन 8–10 मजदूरो की छुट्टी हो गयी है और इनकी जगह 1–2 मजदूर काम करते है। साथ ही 1 मे दिखाया गया ढाँचा गायब हो चुका है। और अब इस मशीन का प्रयोग जमीन पर पडे गन्ने को ट्रक मे भरने मे किया जाता है। लाखो मजदूरो का धंधा छुटा और उनकी जगह हजारो लोगो ने ले ली।
पहले आपको गेहूँ कटाई के सीजन(मई जून) मे खेतो मे गेंहू काटते मजदूर मिल जाते थे। शहर मे रहने वाले गरीब लोग सपरिवार गाँवो मे गेहूँ काटते थे और 1 साल तक का गेहूँ कमाकर ले जाते थे। अब उन मजदूरो की भी छुट्टी होने लग रही है उनकी जगह भी मशीने आ गयी है। जिससे लाखो लोगो का रोजगार खत्म होने लग रहा है।
आगे चलते है, पानी ठंडा रखने के लिये पहले घडो का प्रयोग किया जाता था, कुम्हार लोग घडे बनाते थे, दीपावली पर मिट्टी के दियो का प्रयोग होता था लेकिन आज रेफ्रिजरेटर और बिजली झालरो के प्रयोग से कुम्हारो के चाक ने घूमना बंद कर दिया और लाखो लोगो का रोजगार खत्म हो गया।
लाखो लोग तमाशे, सांग(नुक्कड, स्वांग),सपेरो द्वारा खेल दिखाकर रोजी रोटी कमाई जाती थी लेकिन पिछले 10–15 साल मे मोबाईल फोन, इंटरनेट क्रांति आने से ये धंधे बंद हो चुके है और लाखो लोगो का रोजगार खत्म हो गया।
किसी पाठक बंधु को कुछ और याद आये तो बताने का कष्ट करियेगा।
अब बात करते है भविष्य की। आने वाले समय मे आपको सेठो की दुकान पर बैठने वाले मुनीम नही दिखाई देंगे क्योंकि UPI के प्रयोग से उनके पास पैसो का हिसाब किताब आसानी से रहेगा।
गली मोहल्ले मे खुली गारमेंट्स,इलेक्ट्रोनिक, जूते आदि की दुकानें भी खत्म हो जायेगी क्योंकि लोग ऑनलाईन समान मंगायेंगे, मंगा भी रहे है और इस ऑफलाईन मार्केट से जुडे लोग बेरोजगार हो जायेंगे।
शिक्षक, जी हाँ आप सही पढ रहे है आने वाले समय मे विद्यालयों मे 1–2 लोग ही दिखाई देंगे। ये लोग भी केवल व्यवस्था सम्हालने के लिये होंगे इन्हे आप चपरासी भी कह सकते है। क्योंकि आने वाले समय मे पढाई ऑनलाईन होगी।गिने चुने टीचर लेक्चर देंगे और लाखो विद्यालय उस वीडियो को लाईव कक्षा मे दिखायेंगे। इसलिये स्मार्ट क्लासेज पर ज्यादा ध्यान स्कूल और सरकार दे रही है।
इंजीनियर भी गायब हो जायेंगे, AI यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस खुद से ही नक्शे, डिजाईन बनाया करेंगे।
और अंत मे नाम आता है सैनिक का। जी हाँ भविष्य यानि की लगभग 2060 तक सैनिक नाम के मानव वही रहेंगे उनकी जगह रोबोट्स या ड्रोन ले लेंगे। भारत मे भी यही होगा लेकिन थोडा देर सबेर हो सकता है। केवल गिने चुने लोग रहेंगे जो इन्हे ऑपरेंट करेंगे या फिर कंट्रोल करेंगे।
और हम लोग मोदी को कोसते रहेंगे क्योंकि हमे समय के साथ नही चलना है। जो लोग चले है समय के साथ वे लोग ऊपर बताये गये भूतकाल के रोजगारो को भूल चुके है और आज उन्हे रोजगार की श्रेणी मे मानते ही नही। वैसे ही भविष्य मे भी लोग भी सब भूल जायेंगे और अस्तित्व की लडाई मशीनो से लडेंगे जिन्हे की आजकल मानव सिर पर रखे हुए है।
अगर आप डॉक्टर बनना चाहते है तो आपको neet kya hai (नीट क्या है) के बारे में जानने की जरूरत है क्योंकि इसी परीक्षा के माध्यम से स्टूडेंट्स MBBS, BDS जैसे मेडिकल कोर्सेज में दाखिला लेते है. इस आर्टिकल के माध्यम से आप नीट का फुल फॉर्म के साथ neet full details in hindi जान जाएंगे.
जो विद्यार्थी बायोलॉजी सब्जेक्ट के साथ बाहरवीं कर रहे है या करना चाहते है, उनके मन में नीट से जुड़े कई सवाल जैसे नीट का हिंदी अर्थ, नीट का फुल फॉर्म इन हिंदी, नीट का मतलब क्या होता है, नीट में कितने चांस मिलते है मन में उपजते है. विद्यार्थियों के इन सभी सवालों का जवाब आपको यहाँ दिया गया है ताकि आप फिर से यह न पूछें कि neet kya hota hai या नीट एग्जाम क्या है.
भारत में मेडिकल क्षेत्र में प्रोफेशनल में बहुत ज्यादा मांग है और इस क्षेत्र में सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी डॉक्टर निभाते है. डॉक्टर बनने के लिए स्टूडेंट्स को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा कराई जाने वाली नीट परीक्षा पास करनी पड़ती है और फिर एमबीबीएस में प्रवेश मिलता है.
ऐसे में जो स्टूडेंट्स नीट परीक्षा देने चाहते है, उन्हें राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानि नीट के पेपर से जुड़ी जानकारी NEET ka paper kis language me hota hai, नीट का पेपर हिंदी में होता है या इंग्लिश में, neet meaning in hindi, नीट क्या है, Neet Ka Full Form Kya Hai, neet me kya hota hai यहाँ दी गई है.
नेशनल एलिजिबिलिटी एंट्रेंस टेस्ट (NEET) भारतीय मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में MBBS और BDS प्रोग्राम में प्रवेश के लिए आयोजित किया जाने वाला एक क्वालिफाइंग टेस्ट है। यह नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया जाता है।
जो students इन MBBS एवं BDS मेडिकल कोर्सेज में अध्ययन करना चाहता है, उनके पास 12वीं में अनिवार्य विषयों के रूप में भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान / बायोटेक्नोलॉजी होना आवश्यक है और इन विषयों में उत्तीर्ण होना चाहिए। काउंसलिंग राउंड के समय स्टूडेंट्स को अपना पासिंग सर्टिफिकेट दिखाना होता है। NEET परीक्षा में 12th में गणित विषय का होना जरूरी नहीं है।
पहले नीट को All India Pre-Medical Test (AIPMT) के नाम से जाना जाता था और इसका आयोजन Central Board of Secondary Education (CBSE) द्वारा किया जाता था लेकिन सरकार द्वारा अब इसे बदलकर नीट कर दिया गया है और इसका आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा होता है। NTA द्वारा NEET-UG Courses के साथ-साथ NEET-PG Courses में प्रवेश के लिए भी लिए entrance exam का आयोजन कराया जाता है।
वर्ष 2020 से राज्य स्तर पर आयोजित होने वाली कई प्रवेश परीक्षाओं को समाप्त कर दिया गया है। अब नीट परीक्षा एकमात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा है जिसे देश के विभिन्न सरकारी एवं प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों के साथ-साथ AIIMS और JIPMER संस्थानों में भी प्रवेश लेने के लिए पास करना जरूरी है।
National Eligibility Entrance Test (NEET) भारत में undergraduate medical courses में प्रवेश लेने के लिए आयोजित होने वाली एकमात्र प्रवेश परीक्षा है। यही वजह है कि इसमें हर साल बड़ी संख्या में परीक्षार्थी आते हैं। स्टूडेंट्स नीट के बारे में संक्षिप्त जानकारी नीचे दी गई टेबल से जान सकते है।
परीक्षा का नाम
National Eligibility cum Entrance Test (NEET)
आयोजनकर्ता
National Testing Agency (NTA)
केटेगरी
Undergraduate
लेवल
National Level
Courses
MBBS and BDS
Exam Mode
Offline
Total Seat
Around 1.63 lakh (MBBS + BDS)
Course Duration
5 Years
Official Website
neet.nta.nic.in
कुछ स्टूडेंट्स जानना चाहते है कि नीट का पेपर हिंदी में होता है या इंग्लिश में / NEET ka paper kis language me hota hai तो उन्हें बता दें कि नीट का पेपर 13 भाषाओं में होता है। यह भाषाएं English, Hindi, Assamese, Bengali, Gujarati, Marathi, Tamil, Telugu, Oriya, Kannada, Malayalam, Punjabi और Urdu है। सभी भाषाओं के पेपर में English अनिवार्य रूप से होती है और अन्य भाषाएं secondary language के रूप में दी होती है।
जिस प्रकार इंजीनियरिंग/आईआईटी करने के लिए JEE Mains & Advanced Exam होते है, उसी प्रकार मेडिकल क्षेत्र में MBBS/BDS जैसे पॉपुलर कोर्सेज में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा का आयोजन होता है।
Neet Full Form in English
The NEET full form in English is the National Entrance cum Eligibility Test. The exam is conducted by the National Testing Agency for admission to various medical courses like MBBS, BDS in both government and private medical colleges.
Neet Full Form in Hindi
आपने नीट की अंग्रेजी में फुल फॉर्म जान ली लेकिन neet को हिन्दी में क्या कहते है या इसकी हिन्दी में फुल फॉर्म क्या है, इस बारे में भी आप यहाँ देख सकते है. नीट का फुल फॉर्म इन हिंदी: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा।
नीट की परीक्षा देने के लिए योग्यता
जो स्टूडेंट्स neet की परीक्षा देना चाहते है, उनके मन में यह सवाल यह जरूर होता है कि मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए आयोजित होने वाली इस प्रवेश परीक्षा में बैठने के लिए eligibility क्या है. ऐसे में सभी स्टूडेंट्स को बता दें कि नीट की परीक्षा देने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए, इसका निर्धारण एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) द्वारा किया जाता है।
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने नीट 2021 पात्रता या मानदंड निर्धारित कर दिए हैं। वे सभी स्टूडेंट्स जो प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे जांच लें कि क्या वे एनटीए द्वारा तय किए गए मानदंडों में फिट हैं। निम्नलिखित मापदंडों/योग्यताओं को पूरा करने वाले अभ्यर्थी NEET UG Exam देने के लिए योग्य हैं:
नीट के लिए आवेदन करने वाले स्टूडेंट्स की बायो ग्रुप (PCB) से 10+2 करी हुई होनी चाहिए या इसके समकक्ष।
वर्तमान में बायो ग्रुप से 12th कक्षा (10+2) में पढ़ रहे स्टूडेंट्स भी परीक्षा देने के लिए eligible है।
अभ्यर्थी की न्यूनतम आयु 17 वर्ष होनी चाहिए। इससे कम उम्र के स्टूडेंट्स नीट परीक्षा में भाग नहीं ले सकते है।
एनटीए द्वारा कोई अधिकतम आयु सीमा (ऊपरी आयु सीमा) निर्धारित नहीं की गई है यानि 17 वर्ष या इससे ऊपर का कोई भी स्टूडेंट नीट की परीक्षा दे सकता है।
भारतीय नागरिकता के साथ OCI & NRIs के बच्चे भी नीट परीक्षा में भाग लेने के लिए आवेदन कर सकते है।
Neet Kaise Kare
नीट कैसे करें, इसका जवाब यह है कि नीट करने के लिए यानि नीट की परीक्षा देने के लिए स्टूडेंट्स को सबसे Neet Entrance Exam के लिए बनी वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना है। नीट के लिए NTA की ऑफिसियल वेबसाइट neet.nta.nic.in है और स्टूडेंट्स को इसी वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना है। Application form को सिर्फ वही स्टूडेंट्स भरें जो Neet Eligibility Criteria को पूरा कर रहे है।
NEET भारत की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा है। हर साल NEET आवेदकों की संख्या में बहुत ज्यादा वृद्धि होती है। ऐसे में जो स्टूडेंट्स नीट करना चाहते है यानि नीट की परीक्षा पास करना चाहते है, उन्हें इस प्रवेश परीक्षा की अच्छे से तैयारी बहुत जरूरी है क्योंकि competition बहुत ज्यादा है और मेडिकल कॉलेजों में सीटें कम है।
नीट के लिए तैयारी करने का सबसे सही टाइम 10th करने के बाद शुरू होता है लेकिन स्टूडेंट्स BIO GROUP से 12th करने के बाद भी नीट की preparation स्टार्ट कर सकते है। जो भी स्टूडेंट नीट की preparation शुरू करता है, उसे syllabus के अनुसार ही पढ़ना चाहिए ताकि वो परीक्षा के लिए एक निश्चित समयावधि में अपना maximum output दे सकें।
Neet Ka Exam Kaise Hota Hai
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी द्वारा मेडिकल कॉलेजों के UG Courses में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाला NEET Exam पेन और पेपर मोड में ऑफलाइन होता है। इस परीक्षा को आयोजित करने के लिए देशभर में विभिन्न जगहों पर परीक्षा सेंटर बनाए जाते है। स्टूडेंट्स इन सेंटर्स पर जाकर ऑफलाइन नीट का एग्जाम देते है।
नीट का entrance exam साल में एक बार आयोजित होता है और इसकि अवधि 3 घंटे की होती है। स्टूडेंट्स को OMR Sheet दी जाती है जिसमें blue या black ballpoint pen से प्रश्नों के सही उत्तरों को मार्क/टिक करना होता है।
नीट का पेपर कैसा होता है
NEET की तैयारी करने वाले सभी स्टूडेंट्स को NEET परीक्षा के पेपर का पैटर्न पता होना चाहिए, जो उन्हें परीक्षा के लिए बेहतर तैयारी करने में मदद कर सकता है। NEET प्रवेश परीक्षा 3 घंटे की समय अवधि के साथ आयोजित होने वाली एक ऑफ़लाइन परीक्षा है।
NEET के पेपर में फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी (बॉटनी एंड जूलॉजी) से कुल 180 MCQ पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का होता है और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1 अंक काटा जाता है।
Subject Wise प्रश्न और मार्क्स को स्टूडेंट्स नीचे दी गई टेबल से समझ सकते है:
Subject
No. of Questions
Marks
Physics
45
180
Chemistry
45
180
Zoology
45
180
Botany
45
180
नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र (पेपर) कुल 13 भाषाओं में पूछा जाता है जो यह है: अंग्रेजी, हिंदी, असमिया, बंगाली, गुजराती, मलयालम, कन्नड़, मराठी, ओडिया, तमिल, तेलुगु, उर्दू और पंजाबी।
नीट परीक्षा के पेपर में प्रत्येक प्रश्न 4 अंकों का है और प्रत्येक प्रश्न के उत्तर के लिए 4 options होते है। किसी भी प्रश्न के उत्तर के लिए सही ऑप्शन का चयन करने पर 4 अंक मिलते है जबकि गलत उत्तर देने पर 1 अंक काटा जाता है यानि नीट प्रवेश परीक्षा के पेपर में नेगेटिव मार्किंग होती है।
NEET-UG 2021 के updated exam pattern के अनुसार नीट का पेपर ऐसा होता है:
नीट के पेपर में 180 की बजाय 200 प्रश्न होंगे जिसमें स्टूडेंट्स को सिर्फ 180 प्रश्नों का उत्तर देना है यानि 180 Questions ही answers के लिए applicable है।
परीक्षा को OMR SHeet पर कराया जाता है।
प्रत्येक सब्जेक्ट से 45 की बजाय 50 प्रश्न पूछे जाएंगे हालांकि स्टूडेंट्स को सिर्फ 45 प्रश्नों का ही उत्तर देना है।
प्रत्येक सब्जेक्ट के प्रश्न दो सेक्शन में बंटे होंगे यानि Section A और Section B. Section A में 35 प्रश्न होंगे और Section B में 15 प्रश्न होंगे। स्टूडेंट्स को Section B में सिर्फ 10 प्रश्नों का जवाब देना होता है।
NTA द्वारा उत्तर कुंजी जारी करने के बाद अगर किसी प्रश्न के एक से ज्यादा उत्तर पाए जाते है तो सभी स्टूडेंट्स को उस प्रश्न के लिए 4 मार्क्स दिए जाएंगे हालांकि इसके लिए यह जरूरी है कि स्टूडेंट ने उस प्रश्न को attempt किया हो। प्रश्न के unanswered या unattempted होने की स्थिति में कोई मार्क्स नहीं दिए जाएंगे।
NEET का एग्जाम कितनी बार दे सकते है
नीट में कितने चांस मिलते है या नीट की परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं, यह नीट से जुड़े सवालों में सबसे ज्यादा पूछा जाने वाला सवाल है क्योंकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न है और अभ्यर्थियों को इसके बारे में जानना जरूरी है ताकि अगर कोई अभ्यर्थी किसी attempt में परीक्षा पास नहीं कर पाए तो जान सकें कि वो अन्य attempt कितनी बार दे सकता है।
सभी स्टूडेंट्स को बता दें कि स्टूडेंट्स नीट परीक्षा को जितनी बार चाहें, उतनी बार दे सकते हैं यानि NEET प्रयासों की कोई सीमा नहीं है।
इससे पहले स्टूडेंट्स के लिए NEET के 3 attempts थे लेकिन NTA द्वारा नीट 2021 के लिए जारी विवरणिका के अनुसार नीट में भाग लेने के लिए प्रयासों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। उम्मीदवार जितनी बार चाहें, नीट प्रवेश परीक्षा के लिए उपस्थित हो सकते हैं। हालांकि इस बीच उन्हें अन्य NEET पात्रता मानदंडों को पूरा करना होगा।
इसके अलावा NTA द्वारा नीट प्रवेश परीक्षा देने के लिए ऊपरी आयु सीमा को भी प्रयासों की संख्या के साथ नीट पात्रता मानदंड से हटा दिया गया है। इसका अर्थ है कि 17 साल या इससे अधिक उम्र के स्टूडेंट्स ऊपरी आयु सीमा (maximum age limit) की चिंता किए बिना जितनी बार चाहें, उतनी बार neet exam को attempt कर सकते है।
नीट में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए
Neet UG Exam की तैयारी करने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट्स या इसकि तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स के मन में यह प्रमुख सवाल जरूर उठता है कि neet me kitne marks chahiye या mbbs ke liye neet me kitne marks chahiye क्योंकि ये अंक ही यह तय करेंगे कि किसी स्टूडेंट को सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश मिलेगा या नहीं।
सामान्यत: सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स को नीट में कम से कम 560 अंक या इससे ज्यादा अंक प्राप्त करने जरूरी है अन्यथा वो किसी सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाएंगे। हालांकि यह कोई फिक्स नहीं है, हर साल इसमें परिवर्तन आता है। इसके साथ अलग-अलग वर्ग के स्टूडेंट्स के लिए कट ऑफ अलग होती है। ऐसे में यह भी होता है कि कई बार कम अंकों वाले छात्र को एडमिशन मिल जाता है जबकि उससे अधिक अंक वाले छात्र को एडमिशन नहीं मिल पाता है।
जो भी छात्र नीट की परीक्षा देता है, उसका लक्ष्य होता है कि उसे सरकारी मेडिकल कॉलेज से MBBS या BDS कोर्सेज में प्रवेश मिल सकें। भारत के कुल 272 सरकारी कॉलेजों में MBBS के लिए 41388 सीटें है। सभी सरकारी कॉलेजों में MBBS Admission के लिए हर साल अलग-अलग केटेगरी के लिए अलग-अलग मार्क्स रहते है।
ऐसे में इस प्रश्न ‘नीट में पास होने के लिए कितने नंबर चाहिए’ का पहले से निश्चित कोई उत्तर नहीं है लेकिन इतना जरूर है कि स्टूडेंट्स को सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए कम से कम 560 से ऊपर मार्क्स लाने पड़ेंगे। हालांकि यह भी categories wise अलग-अलग है, इसके लिए आप निम्न टेबल से पूरी जानकारी पा सकते है।
Category
Neet Cut Off / Marks (Range)
General
—
OBC
—
SC/ST
—
Govt Medical College (MBBS Cut Off, Neet 2020)
जो स्टूडेंट्स MBBS और BDS में एडमिशन के लिए आवश्यक मार्क्स नहीं ले पाते है, वो BHMS, BAMS, BUMS, BSMS जैसे मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश ले सकते है या फिर नीट परीक्षा को दोबारा दे सकते है। इसके अलावा कम नंबर वाले स्टूडेंट प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले सकते है।
भारत में कुल 260 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज (Deemed Universities के साथ) है जिनमें MBBS के लिए 35,540 सीटें है। प्राइवेट मेडिकल में mbbs में admission के लिए अलग-अलग वर्ग की निम्न कट ऑफ रही है।
Category
Neet Cut Off for MBBS Admission
General
—
OBC
—
SC/ST
—
Private Medical College (MBBS Cut Off, Neet 2020)
नीट का कोर्स कितने साल का होता है
ध्यान दें कि नीट एक प्रवेश परीक्षा है। ऐसे में नीट कितने साल का होता है, यह सवाल पूछने का कोई तुक नहीं बनता है लेकिन इस प्रश्न से आपका अर्थ है कि नीट को पास करने के बाद जो मेडिकल कोर्स करवाए जाते है, उनकी अवधि कितनी होती है यानि वो मेडिकल कोर्स कितने साल के होते है तो इसका उत्तर आप नीचे दी गई टेबल से देख सकते है।
Name of the Course
Duraction
MBBS
5 Years
BDS
5 Years
BHMS
5 Years
BAMS
5 Years
BUMS
5.5 Years
BSMS
5 Years
BSc Nursing
4 Years
सामान्यत: लोग नीट को MBBS करने के लिए ही एक प्रवेश परीक्षा समझकर ही ये प्रश्न पूछते है कि नीट का कोर्स कितने साल का होता है तो उन्हें बता दें कि NEET पास करने के बाद किए जाने वाले अधिकतर कोर्स 5 साल की अवधि के होते है।
नीट पास होने के बाद क्या होता है
नीट की परीक्षा पास करने के बाद स्टूडेंट्स को विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में कोर्सेज जैसे MBBS, BDC etc. में एडमिशन के लिए counselling के प्रोसेस से गुजरना पड़ता है।
कॉउंसलिंग के द्वारा स्टूडेंट्स को उनके नीट परीक्षा में प्रदर्शन और भरी गई पसंद/प्राथमिकताओं के अनुसार सीट आवंटित की जाती है।नीट काउंसलिंग एनटीए द्वारा आयोजित नहीं की जाती है। एनटीए की भूमिका नीट परीक्षा को आयोजित करने और इसका रिजल्ट जारी करने तक होती है।
विभिन्न counselling authorities के द्वारा अभ्यर्थियों को उनकी रैंक एवं वरीयता के अनुसार Central, State या AYUSH मेडिकल कॉलेजों में से कॉलेज आवंटित किया जाता है। अभ्यर्थियों द्वारा एडमिशन फीस का भुगतान करने और कॉलेज में अपने लिए एक सीट आरक्षित करने के बाद प्रवेश/एडमिशन की पुष्टि हो जाती है।
अगर आपका नीट से कोई सवाल है या आपको इनमें से कोई प्रक्रिया समझ नहीं आई है तो इस संबंध में आप नीचे दिए कमेन्ट बॉक्स में सवाल पूछ सकते है। जो स्टूडेंट्स नीट परीक्षा को पास नहीं कर पाते है, वो नीट को दोबारा दे सकते है यानि reattempt कर सकते है या मेडिकल एवं अन्य क्षेत्रों के कोर्सेज में प्रवेश ले सकते है।
FAQs related to NEET Exam
नीट में कितने परसेंट चाहिए?
किसी अच्छे सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए स्टूडेंट्स को कम से कम 50th Percentile या 650 से अधिक मार्क्स चाहिए हालांकि यह आंकड़ा हर category के अनुसार अलग-अलग होता है।
नीट के पेपर कैसे होते हैं?
नीट का पेपर पेन और पेपर के द्वारा OMR Sheet पर ऑफलाइन मोड में आयोजित कराया जाता है।
नीट की फुल फॉर्म क्या होती है?
नीट की फुल फॉर्म National Eligibility Entrance Test (NEET) होती है. हिन्दी में इसे ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा’ कहते है।
नीट कितने साल का होता है?
नीट परीक्षा पास करके किए जाने अधिकांश कोर्स 5 साल के होते है।
नीट की परीक्षा कितनी बार दे सकते हैं?
Neet की परीक्षा देने के लिए attempts की कोई लिमिट या संख्या नहीं है यानि स्टूडेंट्स जितनी बार चाहें, उतनी बार नीट की परीक्षा दे सकता है।
आशा करते है कि आपको neet kya hai full information in hindi का हमारा यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपका नीट से जुड़ा कोई भी प्रश्न है तो आप हमसे कमेन्ट बॉक्स में बेझिझक पूछ सकते है। हमारी टीम के द्वारा आपकी पूरी सहायता की जाएगी।
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4 thoughts on “नीट क्या है कैसे करें – Neet Full Form in Hindi”
SHANTI SINGH
Govt Nursing college ke liye kitne number hona chahiye Neet me
इन कोर्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों को रिसर्च इंस्टीट्यूट में ट्रेनिंग करने का भी मौका मिलेगा. इसमें 12वीं पास छात्र डायरेक्ट अप्लाई कर सकते हैं. देश की टॉप IITs में एडमिशन के लिए हर साल लाखों की संख्या में छात्र JEE की परीक्षा में हिस्सा लेते हैं. इसके बाद भी केवल 5 से 10 फीसदी छात्रों को ही IIT में एडमिशन मिलता है.10-Aug-2022
आईआईटी में प्रवेश पाने के लिए GEN/OBC उम्मीदवारों के 12वीं कक्षा में न्यूनतम 75% कुल अंक होना चाहिए। जबकि SC/ST/PWD श्रेणी उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम अंक 65% है। उम्मीदवारों को योग्यता परीक्षा के Top 20 केटेगरी पर्सेंटाइल के भीतर होना अनिवार्य है। फिर आपको JEE Main और Advanced परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।04-Jul-2022
४० साल के बाद जिम्मेदारी से भरा हुआ जीवनआरंभ हो जाता है । बच्चो की जिम्मेदारी संबध निभाने की जिम्मेदारी । आगे बढने से पहले एक पढी बात साझा करना चाहता हूं
"आप ४० साल की आयु तक जितनी बचत कर सकते हैं कर लीजिए उसके बाद बचत होना कठिन है "।
यह कथन सही है ।यह धन को लेकर है । बच्चे बड़े व उनका केरियर फिर सेटलमेंट फिर शादी जैसे खर्च एकदम से आते हैं जो पहले की हुई बचत केआघार पर सुगम या कठिन होते हैं ।
अब शारीरिक क्षमता में क्षरण होने लगता है ,अनुभव काम आता है । संबंधो में पारदर्शिता आ जाती है । रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है तो खानपान पर संयम करना आरंभ हो जाता है । परिपक्वता आने से काम करने के तरीके में सुधार आता है पर काम करने की गति हो सकती है कम हो जाय ।शरीर की लोच में कमी, यौन संबंध के प्रति ललक कम,और आत्म सम्मान के प्रति जागरूक हो जाते हैं। अपने कंधों पर इतना बोझ आ जाता है कि दिन रात चिंता बनी रह सकती है ।
जवानी का अंतिम छोर होता है बुढापा सामने खडा नजर आता है पर मन कहता है_
ऐसा है साहब मनचाही नौकरी तो फिर भी मिल जाती है किंतु व्यवसाय अथवा दुकान खड़ी करना और फिर उसे चलाना बेहद टेढ़ी खीर है और यह हर कोई नहीं कर सकता ।
इसके लिए पेशंस लेवल बहुत हाई चाहिए और मेहनत बहुत ज्यादा । सौ तरह के लोगों को सम्हालना आना चाहिए और सौ तरह की बातें करते आना चाहिए तब आपके सफल होने की संभावना बनती है ।
आजकल ऑनलाइन मार्केट के चलते रिटेल में काफी फर्क पड़ा है पुराने वक्त में मार्जिन हाई रहता था आजकल बहुत थोड़ा मार्जिन निकलता है ।
आप दुकान तो खोल लोगे किंतु समान खरीदेगा कौन ? चाहे किराने की दुकान खोलिए या स्टेशनरी की ही या फिर सोने गहने की ही अगर छोटे दुकानदार हैं या बड़े भी तो भी उधारी चलती रहेगी ।
हम नौकरी पेशा लोगों की एक तारीख को सैलेरी छुट्टी होने पर देर से आए तो बेचैन हो जाते हैं , जाने व्यापारियों दुकानदारों को रात को नींद कैसे आती होगी ? सोचिए हजारों लाखों की उधारी देनदारी होती है ।
कोई भी व्यवसाय करने के लिए बर्फ की सिल्ली सर पर रखनी होती है ।
नौकरी में तो फिर भी बॉस से झगड़ लो और टाटा बाय बाय कर लो ।
खुद के व्यवसाय में किस किस से झगड़ा करोगे ?
आखरी बात जिससे आठ नौ घंटे की नौकरी नहीं हो रही उससे बारह घंटे दुकान में बैठा जाएगा या व्यवसाय होगा ऐसी उम्मीद लगाना उचित नहीं है ।
हां कुछ लोग नौकरी की अपेक्षा व्यवसाय में सफल होते हैं किंतु यह वह लोग हैं जिन्हें मालूम है कि अब व्यवसाय में सफल होने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है , इनमें लगन होती है और यह मेहनत भी करते हैं ।
क्योंकि बिल्ली के भाग से छींका फूटा नहीं करता , बगैर मेहनत किए न खेत में फसल होती है और न व्यवसाय में आय ही ।
कील बनाने का व्यवसाय आज की तारीख में सबसे उत्तम व्यवसाय है जहां इस उद्योग में लागत कम है वहीं जगह व पावर भी कम खर्च होता है यदि आपके पास 700/800 फ़ीट जगह है व 1 लाख रुपये स्वयं की पूंजी है तो आप बैंक से लोन लेकर 10 लाख रुपये की कुल लागत में 50 हजार से 75 हजार रुपये प्रति माह आसानी से लाभ अर्जित कर सकते है इससे संबंधित वीडियो आप youtube पर आसानी से देख सकते है,जहां आपको nail making machine टाइप करना होगा…
पैसे को ऑटोमेट कर दे अर्थात किसी अलग खाते में इनकम का 10% auometik मेंडेट कर दे । उसके बाद जो बचे उससे खर्च चलाये।
अपने खर्चो पर ध्यान रखे और यह सोचे कि आज का 100 रु 50 साल बाद 10 लाख बन जायेगा यदि उसे सही जगह निवेश किया जाए। ऐसा सोचने पर आप खर्चो पर नियंत्रण रख पाएंगे।
आजकल कई ऐसे एप्पलीकेशन हैं जो आपके खर्चों को रिकार्ड करते हैं और उसे राउंडअप करके निवेश करते है। जैसे आपने कही 95 रु पैमेंट किया तब उसे राउंड फिगर मानकर 100 मानेंगे। इससे 5 की बचत हो जाएगी। ऐसे करते करते आप माह के अंत मे अच्छी बचत कर लेंगे।
पैसे को ऐसी जगह निवेश कर दे जहा से कुछ साल बाद आप पैसे को निकाल पाए। तुरंत नही जैसे - ईएलएसएस म्यूच्यूअल फण्ड इसमे 3 साल का लॉक इन होता है। पी पी एफ में डाल दे इसमे 15 साल का लॉक इन होता है।
अपने खर्चो को लिखे और माह के अंत मे देखे कहा फालतू खर्च किया इसके बाद उस खर्च पर नियंत्रण रखें । पैसे को म्यूच्यूअल फण्ड में sip कर दे।।
निवेश और पर्सनल फाइनेंस संबंधित अपने ज्ञान को बढ़ाने के लिए आप मेरी बुक - ( जब एक भिखारी अमीर बन सकता है तो आप क्यों नहीं ? ) जरूर पढ़ें। (पुस्तक पीडीएफ लिंक👉 Learn about Finance, Investing, Stock Market….) पुस्तक में धन, संपत्ति, निवेश और पर्सनल फाइनेंस से संबंधित विचारों को सरल तरीके से समझाया गया है।
यह पुस्तक ( जब एक भिखारी अमीर बन सकता है तो आप क्यों नहीं ? ) लिखने का उद्देश्य है प्रत्येक व्यक्ति आर्थिक रूप से स्वतंत्र और समृद्ध बने। पुस्तक में धन, संपत्ति, निवेश और पर्सनल फाइनेंस से संबंधित विचारों को सरल तरीके से समझाया गया है। इसमें एक भिखारी ( राजू ) के अमीर बनने की कहानी भी बताई गई है। जो आपको अमीर बनने के लिए प्रेरित करेगी। मानवीय जीवन में धन- संपत्ति का बड़ा महत्व है। प्रत्येक व्यक्ति को जीवन निर्वाह के लिए एवं अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए धन की जरूरत पड़ती है। दुनिया के अधिकांश लोग अपनी आर्थिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने में सक्षम नहीं होते हैं। वहीं कई लोग अपने ज्ञान, कौशल, बुद्धि व परिश्रम के द्वारा अपार धन-संपत्ति प्राप्त कर लेते हैं। इसका कारण धन-संपत्ति से संबंधित नियम, सिध्दांत एवं व्यवहार है। यह पुस्तक अमीर बनने के सरल तरीकों को बताती है और कई भ्रांतियों को तोड़ती है। प्रत्येक व्यक्ति अमीर बन सकता है यदि वह कुछ मूलभूत नियमों का पालन करें। पुस्तक में सरल गणना और चित्रो के माध्यम से जटिल विषयों को सरलता से प्रस्तुत किया गया है। यदि आप पुस्तक में बताए गए विचारों को अपने जीवन मे उतारते है तो आप जरुर अमीर बनेंगे। पुस्तक अवश्य पड़े और दूसरों को भी पड़ने के लिए प्रेरित करे। अंत मे आपको भावी आर्थिक सम्पन्न, सफल, और अमीर बनने की शुभकामनाएं।
जी हाँ बिलकुल किया जा सकता है बिना पैसे के भी बिजनेस किया जा सकता है! अब आप सोचेंगे भला ऐसा कौन सा बिजनेस है जो बिना पैसे के स्टार्ट किया जा सकता है या फिर बिना पैसे के किया जा सकता है! हम बताते हैं! क्या आप जानते हैं कई चीजें प्रकृति ने हमें मुफ्त में दी है! जैसे पेड़, जमीन, पहाड़, नदियां, जंगल, खेत इत्यादि!
क्या आपको लगता नहीं है की प्रकृति ने हमें यह भी संदेश दिया है कि मेरा ख्याल रखने के साथ साथ आप धरती पर काम करके धरती को उपजाऊ बनाकर उसमें खेती पेड़ पौधे लगाकर रोजगार कर सकते हैं!
अब अगर आप खेती करके पैसे कमाते हैं या फिर कोई बगान लगाकर पैसे कमाते हैं इसमें तो आपके पैसे खर्च नहीं होते हैं!
हाँ आपको मेहनत करनी पड़ेगी जहाँ तक आप खाद या फिर अन्य उर्वरकों पर लगने वाले खर्च की बात करते हैं तो आप जैविक खाद का यूज करें!
खेती करके आप अच्छा पैसा कमा सकते हैं अगर आप चाहें बिना पैसे लगाए भी इसे कर सकते हैं!
ग्रामीण इलाकों में किसानों के पास अधिक पैसे नहीं होते हैं फिर भी वो खेतों में काम करके पैसे कमाते हैं और हमारी इस जमीन को हरा भरा बनातें! खेती से पैसे कमाने के बारे में आप और अधिक जानकारी के लिए हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें इस आर्टिकल में हमने कई ऐसे बिजनेस के बारे में बताया है जो खेती से ही जुड़े हैं!
यह कहना गलत नहीं होगा की, पहिया आजतक के सबसे उपयोगी invention में से एक है | इसकी मदद से भारी से भारी चीजों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाना काफी ज्यादा आसान हो गया | इसकी बनावट मानव इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण खोजों में से एक है | इसके बिना आज किसी भी चलने वाली वस्तु की कल्पना करना भी असंभव सा लगता है |
अब मानव इतिहास की सबसे बड़ी खोज पहिए की है ।
.हाल ही का नया उदाहरण है।
तस्वीर को देखने के बाद आपको खुशी मिलेगी। जैसा की आप और हम सभी इस बात से वाकिफ हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहां की 60प्रतिशत जनता खेती पर निर्भर है। खेती के लिए लोग बैलों का इस्तेमाल करते हैं। बैल की मदद से हम खेत जोतते हैं, वहीं कई बार हम अनाजों को भी बैल की मदद से एक जगह से दूसरे जगह ले जाते हैं। अभी जो तस्वीर वायरल हो रही है उसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स बैलगाड़ी के आगे एक पहिया लगा देता है ताकि बैलों पर इसका असर कम हो सके
बैलों का लोड कम करने के लिए... बैलों का लोड कम करने के लिए बैलगाड़ी पर लगाया गया रोलिंग स्पोर्ट।
इसी तरह इंसानियत का विकास हुआ है। टेक्नोलॉजी के लाभ के हकदार पशु भी होते हैं। यही तकनीक का सही इस्तेमाल है।
राजारामबापू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के कुछ छात्रों ने उन बैलों की गर्दन के बोझ को कम करने के लिए एक कमाल की चीज बनाई है, जो बारह महीने कृषि क्षेत्र में काम करते हैं और गन्ना परिवहन करते समय भारी बोझा ढोते हैं। ।
सोशल मीडिया पर छात्रों के इस आविष्कार की सराहना हो रही है। बता दें, इस रोलिंग सपोर्ट के जरिए बैलों के कंधो पर से गन्ने का वजन या अन्य वजन हल्का होने में मदद मिलेगी।
आरआईटी राजारामबापू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग विभाग के अंतिम वर्ष में पढ़ रहे सौरभ भोसले, आकाश कदम, निखिल तिपायले, आकाश गायकवाड़ और ओंकार मिरजकर ने 'सारथी' प्रोजेक्ट के तहत गन्ना बैलगाड़ी के लिए रोलिंग सपोर्ट बनाया है।
इस आविष्कार के लिए छात्रों ने दो बैलों के बीच एक तीसरा पहिया लगाया, जो बैलों पर भार को कम करता है और बैलगाड़ी को पूरी तरह संतुलित भी रखता है! इतना ही नहीं, यह रोलिंग सपोर्ट बैलों की ऊंचाई के हिसाब से ऊपर और नीचे भी किया जा सकता है। और हां, गन्ने की भराई और उसे लाने ले जाने के दौरान भी रोलिंग सपोर्ट एडजस्ट किया जा सकता है। बैलगाड़ी चालक, किसान और मिल के लोग इसकी सराहना कर रहे हैं।
जब तक बाप जिंदा रहता है, बेटी मायके में हक़ से आती है और घर में भी ज़िद कर लेती है और कोई कुछ कहे तो डट के बोल देती है कि मेरे बाप का घर है। पर जैसे ही बाप मरता है और बेटी आती है तो वो इतनी चीत्कार करके रोती है कि, सारे रिश्तेदार समझ जाते है कि बेटी आ गई है।*
*और वो बेटी उस दिन अपनी हिम्मत हार जाती है, क्योंकि उस दिन उसका बाप ही नहीं उसकी वो हिम्मत भी मर जाती हैं।*
*आपने भी महसूस किया होगा कि बाप की मौत के बाद बेटी कभी अपने भाई- भाभी के घर वो जिद नहीं करती जो अपने पापा के वक्त करती थी, जो मिला खा लिया, जो दिया पहन लिया क्योंकि जब तक उसका बाप था तब तक सब कुछ उसका था यह बात वो अच्छी तरह से जानती है।*
आगे लिखने की हिम्मत नहीं है, बस इतना ही कहना चाहता हूं कि बाप के लिए बेटी उसकी जिंदगी होती है, पर वो कभी बोलता नहीं, और बेटी के लिए बाप दुनिया की सबसे बड़ी हिम्मत और घमंड होता है, पर बेटी भी यह बात कभी किसी को बोलती नहीं है।
PDF से DOC में फाइल्स बदलने के लिए एक बहुत ही अच्छी वेबसाइट है और उसकी सबसे अच्छी बात यह है कि वह फ्री है यदि आप एक से ज्यादा फाइल्स को एक साथ पीडीएफ से डॉक में बदलना चाहते हो तो इसके लिए आपको पैसे देने पड़ते हैं किंतु यदि आप एक ही फाइल को कन्वर्ट करना चाहते हैं तो यह आपके लिए बिल्कुल फ्री है।।
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Govt Nursing college ke liye kitne number hona chahiye Neet me
नीट में कितने पैसे लगते हैं
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