एक कहावत मैने बरसों पहले सुनी थी, शायद आपने भी सुनी होगी।
पति अपने मित्र (मेहमान) को देखकर पत्नि से कहता है, ओ सुनो, पलंग के सामने कूलर के ऊपर कलर टीवी के बाजू में जो पापाजी वाली सोने की चार अंगूठी पड़ी है, उसी के बाजू में कार की चाबी पड़ी है, उसको अपने गार्डन में ला मुझे दे देना।
अब कहावत बदल भी सकती है, A.C वाले कमरे में, 36 इंच LED के सामने, लॉकर में मेहता जी वाला जो complex खरीदा उसके रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के पास 4 करोड़ का D. D पड़ा है उसे ला दो।
सारी कहानी /कहावत में मेजबान अपने मित्र को आभास कराना चाहता है देखो मेरे पास क्या है?
नरेंद्र मोदी भी उसी मेजबान की तरह कुशल हैं जो अपने मेहमान को आभास कराना चाहते हैं, देखो भारत के पास क्या है?
हैदराबाद का निजाम कहता था यह स्वतंत्र रहेगी पर पाकिस्तान के उच्चायुक्त के खाते मे नकद राशि को जमा करा देने से यह साबित था कि वो इसको पाकिस्तान में मिलाना चाहता था। और देखो हमारे पटेल जी ने कैसे इसको ले लिया, तुम्हें पता नहीं होगा क्योंकि पटेल जी ने बिना तुमसे पूछे ही ले लिया था।
आगे से ये वार्ता कश्मीर भवन का निर्माण करके वहां भी की जा सकती है।
विशेष - मेरा उदेश्य किसी की भावना आहत करना नहीं है, तर्क सही फिट बैठता है। बाकी ये भी राष्ट्रीय स्थल है जो द्विपक्षीय सभा के लिए उपयोग में लिया जाता रहा है।
नोट - कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीतने वाली क्रिकेट टीम तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी से इसी भवन में मिली और मुलाकात की।
धन्यवाद
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें