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शनिवार, 29 अगस्त 2020

किसे रोकने वाली है भारत सरकार 1400 किलोमीटर लम्बा ग्रीन वाल बनाकर ?

फोटो-गूगल

प्राप्त सूचना के अनुसार यह भारत सरकार की एक बहुत ही बड़ी व दूरदर्शितापूर्ण योजना है जिसके अन्तर्गत पोरबन्दर, गुजरात से लेकर, पानीपत, हरियाणा तक एक महान हरित दीवार बनाई जाएगी। अभी तो इस हरित दीवार के भव्यता की कल्पना भर ही की जा सकती है। बताया ये जा रहा है कि चौदह सौ किलोमीटर और पाँच किलोमीटर चौड़ी ये दीवार पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान देगी।

भारत के गुजरात, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली राज्य इस हरित दीवार के प्रत्यक्ष हितग्राही होंगे जबकि इसका दूरगामी लाभ पूरे भारत को दीर्घावधि में प्राप्त होने की संभावना है। इस योजना का मौलिक उद्देश्य थार मरुस्थल के प्रसार को रोकना है। गर्मियों में पूर्वी भारत के एक बड़े भाग में धूल भरी आँधी चलती है जो मानव स्वास्थ्य के साथ ही पारिस्थितिकी के लिए भी नाना प्रकार की समस्याओं को जन्म देती है। इस हरित दीवार से इस समस्या का भी ठोस समाधान होगा, ऐसी अपेक्षा की जा रही है[1]

इसके साथ ही सरकार ये संदेश भी देना चाहती है कि हम जलवायु परिवर्तन से हो रहे परिवर्तन से ना केवल चिंतित हैं अपितु इसके लिए आवश्यक कदम भी उठा रहे हैं। भारत सभी वैश्विक समझौते का सम्मान करनेवाला एक अत्यंत ही जिम्मेदार राष्ट्र है, अतः पर्यावरण संरक्षण के लिए किये गए समझौतों के पालन के लिए भी ऐसे कदम उठाए जाने आवश्यक हैं। आनेवाली पीढ़ियों को भी ये संदेश दिया जा रहा है कि हमने सब कुछ नष्ट ही नहीं किया, बहुत कुछ बनाया भी है।

यहाँ इस बात का उल्लेख करना आवश्यक है कि ऐसे ही एक दीवार की योजना एक दशक पूर्व अफ्रीका में बनाई गई थी जिसका क्रियान्वयन अब तक नहीं किया जा सका है। उस योजना में दर्जनों देश थे और फाइलों की गति हर जगह एक सी ही होती है विशेषकर तब जब फाइलों को आगे बढ़ाने में नीतिनिर्माताओं के हाथ कुछ विशेष नहीं आता। इस दीवार के निर्माण में वैसी कोई समस्या आने की संभावना नहीं है और इसके सफल क्रियान्वयन के उपरांत भारत की छवि करके दिखानेवाले राष्ट्र की बनेगी।

फुटनोट

गुरुवार, 27 अगस्त 2020

क्या आपके पास कोई उदाहरण है जिससे साबित होता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है?


[1]

यहां आज यूट्यूब टॉप शेफ इंडिया 2014 के अवार्ड से सम्मानित निशा मधुलिका की बात करूंगी। 56 साल की उम्र में वे अनेक गृहणियों की प्रेणना स्रोत बन चुकी हैं। आज यूट्यूब पर कुकिंग चैनल्स की भरमार उनकी ही प्रेरणा से है।

इस समय निशा मधुलिका चैनल के 75,44,431 सब्सक्राइबर हैं जिसमें हर रोज 5000 से 6000 नए सब्सक्राइबर जुड़ जाते हैं।

उनके विडियोज यूट्यूब पर एक अरब से ज्यादा बार देखे जा चुके हैं। निशा मधुलिका जी ने अभी तक 1441 विडियोज बनाए हैं।

भारत और दुनिया भर में करीब 9,00,000 से 13,00,000 लोग रोज निशा मधुलिका चैनल को देखते हैं।

उनके विडियोज के स्क्रीन पर चलने वाले एडवर्टाइजमेंट की बदौलत निशा मधुलिका जी हर महीने 7 अंकों में कमाई करती हैं जो कि 10 से 12 लाख है। [2]

निशा मधुलिका जी नोएडा उत्तर प्रदेश से हैं। वे मुख्यतया आगरा की रहने वाली हैं और साइंस ग्रेजुएट हैं। जब उनके बच्चे बड़े होकर पढ़ाई लिखाई और नौकरी के लिए घर से दूर रहने लगे तो निशा जी ने कुछ नया करने की सोची और एक दिन उन्होंने इंटरनेट पर एक रेसिपी का ब्लॉग देखा।

उसे देखकर उन्हें लगा कि वह भी यह काम कर सकती हैं क्योंकि उन्हें खाना बनाने का भी बहुत शौक था इसीलिए सन 2007 में निशा जी ने अपनी वेबसाइट 'निशा मधुलिका डॉटकॉम' की शुरुआत की।

उनकी वेबसाइट पर काफी लोगों ने कमेंट किए कि अगर वह रेसिपी बनाकर भी दिखाएं तो समझने में आसानी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए निशा मधुलिका जी ने 2011 में यूट्यूब पर अपनी वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया।

यह चैनल तेजी से प्रसिद्धि पाने लगा और चैनल में कुछ कमाई भी होने लगी। इसे देखकर निशा जी ने अपने घर की पहली मंजिल पर किचन सेट का स्टूडियो बनवाया। तब से निशा जी अपने सभी वीडियो की रिकॉर्डिंग वहीं से करती हैं।

शुरुआत में वह अपने वीडियो खुद ही एडिट करती थीं पर चैनल की सफलता के बाद अब उनके पास 3 से 4 लोगों का स्टाफ है जो कि उनके वीडियो की एडिटिंग, लाइटिंग और मार्केटिंग में उनकी मदद करते हैं।

अब 56 साल की उम्र में भी वे तकरीबन 20 वीडियो हर महीना बनाती हैं।

निशा मधुलिका जी के चैनल की प्रसिद्धि का राज यह है कि वे हमेशा शुद्ध शाकाहारी खाना बनाती हैं और ऐसे सामान का इस्तेमाल करती हैं जो आसानी से घर में मिल जाते हैं। उनके खाने में लहसुन प्याज का प्रयोग नहीं होता।

निशा जी को देखकर लगता है कि उम्र ठहर सी गई है और सिर्फ एक नंबर बन चुकी है। उनके प्रयासों को देखकर हम सबको भी विचारशील होकर कुछ ना कुछ नया करने के बारे में सोचना चाहिए।

फुटनोट

जन्मदिवस विशेष:ज़रा हट के है गुलज़ार जी की शायरी

 ग़ुलज़ार नाम से जिन्हें हम सभी जानते हैं उनका वास्तविक नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है।गुलज़ार जी हिन्दी फिल्म जगत के एक जानेमाने गीतकार, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक नाटककार तथा प्रसिद्ध शायर हैं। उनकी कविताएं और शायरियां आम आदमी के दिलों के बहुत करीब है। उनके कथन निराशा में आशा का संचार करते हैं

(चित्र स्रोत:amarujala.com)

गुलज़ार जी को वर्ष २००२ में सहित्य अकादमी पुरस्कार और वर्ष २००४ में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। वर्ष २००९ में डैनी बॉयल निर्देशित फ़िल्म स्लम्डाग मिलियनेयर में उनके द्वारा लिखे 'गीत जय हो' के लिये उन्हें सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार मिल चुका है। वैसे तो गुलज़ार जी शांत स्वभाव के हैं पर जब कभी देश में गलत होता है तो उसके विरुद्ध आवाज उठाने से नहीं चूकते हैं।

गुलजार जी के लिखे हिन्दी सिनेमा के 5 मधुर गीत:

'ए ज़िंदगी गले लगा ले'

'आने वाला पल जाने वाला है'

'मुसाफिर हूं यारों'

'मेरा कुछ सामान तुम्हारे पास पड़ा है'

'चप्पा चप्पा चरखा चले'

कभी मकैनिक थे गुलजार साहब:

शुरुआती दिनों में महानगरी में रहना गुलजार के लिए बेहद कठिन था। मुंबई जैसे शहर में अपना गुजारा करने के लिए गुलजार साहब ने वर्ली में एक गैराज में कार मेकैनिक का काम करना शुरु कर दिया और खाली समय का इस्तेमाल करते हुए कविताएं लिखनी शुरू कर दी। कुछ वक्त बाद उन्होंने गैरेज का काम छोड़ हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के रूप में काम करना शुरू कर दिया। जिसके बाद आधिकारिक तौर पर बिमल राय की फिल्म 'बंदनी' के लिए गुलज़ार ने अपना पहला गीत लिखा।

(चित्र स्रोत:merisaheli.com)

आज 18 अगस्त को हरदिल अजीज शायर गुलजार जी 86 वर्ष के हो गए हैं उनके जन्मदिवस पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं।

गुलज़ार साहब के कुछ प्रसिद्ध कथन और शायरियाँ जो मुझे प्रियकर हैं:

कुछ अलग करना हो तो

भीड़ से हट के चलिए,

भीड़ साहस तो देती हैं

मगर पहचान छिन लेती हैं।


अच्छी किताबें और अच्छे लोग

तुरंत समझ में नहीं आते हैं,

उन्हें पढना पड़ता हैं।


इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी

हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां।


थोड़ा सा रफू करके देखिए ना

फिर से नई सी लगेगी

जिंदगी ही तो है।


मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए,

तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं

जो मैं हूँ।


बहुत छाले हैं उसके पैरों में

कमबख्त उसूलो पर चल होगा।


सुनो…

जब कभी देख लुं तुमको

तो मुझे महसूस होता है कि

दुनिया खूबसूरत है।


मैं दिया हूँ

मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं

हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।


तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,

जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।


कौन कहता हैं कि हम झूठ नहीं बोलते

एक बार खैरियत तो पूछ के देखियें।


शायर बनना बहुत आसान हैं

बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।


वो चीज़ जिसे दिल कहते हैं,

हम भूल गए हैं रख के कहीं।


तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,

रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।


कैसे करें हम ख़ुद को

तेरे प्यार के काबिल,

जब हम बदलते हैं,

तो तुम शर्ते बदल देते हो।


किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,

इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं।


शोर की तो उम्र होती हैं

ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।


वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर,

आदत इसकी भी इंसान जैसी हैं।


हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,

वक्त की शाख से लम्हें नहीं।


बेहिसाब हसरते ना पालिये

जो मिला हैं उसे संभालिये।


बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला

जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।


कुछ जख्मो की उम्र नहीं होती हैं

ताउम्र साथ चलते हैं, जिस्मो के ख़ाक होने तक।


हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको

क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।


कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती हैं

और कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता।


उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और

ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।


बिगड़ैल हैं ये यादे

देर रात को टहलने निकलती हैं।


सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,

कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।


मैं दिया हूँ

मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं

हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।


मैंने मौत को देखा तो नहीं

पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी,

कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं

जीना ही छोड़ देता हैं।


पलक से पानी गिरा है,

तो उसको गिरने दो

कोई पुरानी तमन्ना,

पिंघल रही होगी।


बहुत मुश्किल से करता हूँ,

तेरी यादों का कारोबार,

मुनाफा कम है,

पर गुज़ारा हो ही जाता है।


कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत

मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।


गुलज़ार जी ने तो अपने पाठकों का आभार भी खास अन्दाज़ में व्यक्त किया।

शब्द नए चुनकर कविता हर बार लिखू

उन दो आँखों में अपना सारा प्यार लिखू

वो में विरह की वेदना लिखू या मिलन की झंकार लिखू

कैसे इन चंद लफ्जो में दोस्तों अपना सारा प्यार लिखू।

फुटनोट्स

गुलज़ार के लिखे वो गाने जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता

कभी दो वक्त की रोटी के लिए मकैनिक का काम कर गुजारा करते थे गुलजार, जानें उनसे जुड़ी बातें

बुधवार, 26 अगस्त 2020

क्या आप भारत के शीर्ष 5 एप्प के बारे में जानकारी साझा कर सकते हैं, जिनका मालिकाना हक पूर्ण रूप से भारत के पास है?

भारत सरकार की टॉप 20 उपयोगी ऐप्स 2020

भारत सरकार (Indian Government) लगातार डिजिटल इंडिया (Digital India) को बढ़ावा दे रही है। भारतीय लोगों की सूची इंटरनेट में बढ़ती देख इंडियन गवर्नमेंट ने कई उपयोगी मोबाइल ऐप्स बनाएं है। इस पोस्ट में मैं आपको भारत सरकार के द्वारा बनाऐ गऐ टॉप 20 बेस्ट एंड्रॉयड एप्स के बारे में बताउंगा

Indian Government 20 Best and Useful Apps in Hindi.

Digital India अभियान के तहत कई सारी योजनाएं शुरू की गई कई सारे Apps भी Launch किए गए। जिससे लोगों को सरकारी काम करवाने में सुविधा हो।

भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए इन एप्स की मदद से आप अपने कई सारे काम घर बैठे चुटकियों में कर सकते हैं।

भारत सरकार के बनाए गए 20 उपयोगी मोबाइल एप्स

इनमें से कुछ एप्स भारतीय नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हैं और कुछ एप्स अपने देश की मदद करने के लिए हैं। Top 10 Useful Apps by Government of India.

1. भीम एप (BHIM App)

ये ऐप India को Cashless बनाने के लिए बनाया गया है। इस ऐप की मदद से हम Money Transfer कर सकते हैं। Online Transaction के लिए एक बेहतर एंड्रॉयड एप है।

इस एप से आप अपने बैंक खाते को जोड़कर कहीं से भी किसी भी व्यक्ति या कंपनी को पेमेंट कर सकते हो। एप्स NPCI (National Payment Corporation of India) द्वारा चलाया जाता है।

भीम एप UPI (Unified Payments Interface) सिस्टम पर काम करता है। इस एप से आप PayTM की तरह QR code को Scan कर Shopping Mall में सीधे अपने Bank Account से Payment कर सकते हो।

2. भारत के वीर (Bhatar Ke Veer)

इस ऐप से आप देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिजनों की आर्थिक मदद कर सकते हैं।

इस ऐप में आपको शहीदों के नाम, फोटो उनके बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। अपने हिसाब से Donate कर सकते हैं।

3. स्वच्छ भारत अभियान (Swachhata)

यह एप आपके शहर, आपके गांव और आसपास के क्षेत्र साफ रखने के लिए है। इस ऐप के जरिए आप पिक्चर क्लिक करके पोस्ट कर सकते हैं, जो नगरपालिका को भेजी जाती है।

इससे सभी शहरी स्थानीय निकायों को लिंग किया गया है। इससे आपको यह सही से पता चल जाता है कि आपको शिकायत कहां पर करनी है। आप शिकायत का हाल ना निकलने पर फीडबैक भी दे सकते हैं।

4. उमंग एप (Umang)

UMANG की Full Form है Unified Mobile Application for New Age Governance. इस एप से आप केंद्र, राज्य और नगर प्रशासन से जुड़े 100 ज्यादा काम घर बैठे अपने मोबाइल फोन से कर सकते हैं।

यह एप आपकी केंद्र, राज्य सरकारों और नगर निगम के अधीन काम करने वाले तमाम विभागों से जुड़े कामों को आसान बनाने में मदद करता है। उमंग एप के द्वारा आप अपने पीएफ खाते से पैसे भी निकाल सकते हैं।

5. पासपोर्ट सेवा (mPassport Seva)

इस ऐप के जरिए स्मार्टफोन यूजर को सभी पासपोर्ट संबंधित सभी जानकारी मिलती है। जैसे कि Application Status Tracking, Passport Service, Center Location etc.

यह विदेश मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। जो लोग अपना नया पासपोर्ट बनवाना चाहते हैं वह इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सकते हैं। यह भारत सरकार की सबसे बड़ी परियोजना राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना में सूचीबद्ध है।

6. आधार सेवा (mAADHAAR)

UIDAI की mAADHAAR app भी Available है। इस ऐप के जरिए आप अपना आधार कार्ड अपने मोबाइल में लेकर चल सकते हैं।

mAadhar एप्स यूजर किसी भी सेवा प्रदाता से अपनी eKYC जानकारी शेयर कर सकता है और जरूरत पड़ने पर अपने बायोमेट्रिक डाटा को ब्लॉक भी कर सकता है।

7. मेरी सरकार (MyGov)

ये ऐप भारतीय नागरिकों के लिए सरकार में भागीदारी करने के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में काम करती है। इसमें users अपनी राय और कमेंट दे सकते हैं।

भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया यह एप केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित सरकारी संगठनों लोगों को जोड़कर विचारों, टिप्पणियां और रचनात्मक सुझावों को प्रसारित करने के लिए एक अवसर प्रदान करता है।

8. क्विगिल (cVigil)

इस ऐप को भारतीय चुनाव आयोग (Indian Election Commission) ने तैयार किया है। इस ऐप की मदद से आप चुनावों में हो रही किसी प्रकार की गड़बड़ी को लेकर शिकायत कर सकते हैं।

दरअसल, इस ऐप को आम आदमी के लिए तैयार किया गया है। ताकि आम नागरिक भी चुनाव आयोग से किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत कर सकें।

9. जीएसटी दर खोजक (GST Rate Finder)

ये ऐप Entrepreneurs and businesses लिए है। इसका इस्तेमाल वर्तमान में लागू की गई जीएसटी दरों के बारे में जाने के लिए किया जाता है।

यह ऐप Central Board of Excise and Customs के द्वारा Develop किया गया है। इसका इस्तेमाल आप अपने कैरियर स्टार्टअप और छोटे व्यवसायो की देखभाल के लिए कर सकते हैं।

10. एम कवच (mKavach)

यह एक आम लोगों के लिए है जो अपने एंड्राइड फोन की सिक्योरिटी को लेकर परेशान है और एक अच्छे Antivirus App की तलाश में है। ये ऐप फोन की Security के लिए है।

इस ऐप का काम फोन से संबंधित खतरों को सुलझाना है। इस सरकारी ऐप की मदद से आप अपने फोन को Malware, Virus और Spam SMS और Call से बचा सकते हैं।

11. स्टार्टअप इंडिया (Startup India)

भारत सरकार द्वारा भारतियों, विशेष रूप से युवाओं के लिए Entrepreneurship as a career के लिए बनाया गया है। के युवाओं के लिए स्टार्टअप के शुरुआती वर्षों में की सहायता करने की एक पहल है।

ये ऐप आपको सही नेतृत्व, संरक्षण, इनक्यूबेटर या निवेशकों के साथ-साथ अन्य उद्यमियों से उसे जोड़ सकता है। यह ऐप भारत को आत्मनिर्भर बनाने और रोजगार पैदा करने के लिए हैं।

12. राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल (National Scholarship Portal)

अगर आप छात्र (Student) हैं और किसी स्कॉलरशिप की तलाश में है तो नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल एप आपके लिए ही है।

इस ऐप में कई तरह की स्कॉलरशिप के बारे में समय-समय पर जानकारी दी जाती है। यह मोबाइल एप सभी विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

13. ऑनलाइन आरटीआई (Online RTI)

ऑनलाइन आरटीआई - सूचना का अधिकार अभिषेक उधार दे यूनिट होता है। आरटीआई अधिनियम सभी राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेशों के लिए लागू है।

आरटीआई एप का उपयोग किसी भी सरकारी योजना, किसी भी सरकारी परियोजना के लिए आवंटित धनराशि का विवरण और उसका उपयोग, अपने इलाके में सांसद, विधायक निधि का इस्तेमाल, आपके क्षेत्र में सड़को को ठीक करने के लिए कितना धन आवंटित किया गया, किसी भी सरकारी नियम में प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए कर सकते हैं।

14. माई स्पीड MySpeed

यह एप्लीकेशन आपको अपने डेटा स्पीड अनुभव को मापने की अनुमति देता है और ट्राई को परिणाम भेजता है। इसके लिए यह जावास्क्रिप्ट का उपयोग करता है।

सभी प्रणाम गुमनाम रूप से सूचित किए जाते हैं। यह एप्लीकेशन आपके डाटा अनुभव का ट्राई विवरण भी देता है। इसका इस्तेमाल नेटवर्क स्पीड मापने के लिए होता है।

15. एम परिवहन (mParivahan)

ये ऐप Indian citizens को Transport Service access provide करने वाला mobile based application है।

यह है भारतीय नागरिकों को परिवहन क्षेत्र से संबंधित विभिन्न सूचनाओं, सेवाओं और उपयोगिता ओं के लिए त्वरित पहुंच प्रदान करता है। परिवहन विभाग की सभी सूचनाओं का विवरण देख सकते हैं।

16. किसान सुविधा (Kisan Suvidha)

किसान सुविधा किसानों को जल्दी से प्रासंगिक जानकारी प्रदान करके उनकी मदद करने के लिए विकसित एक सर्वव्यापी मोबाइल एप है।

इस ऐप की मदद से किसान लोग अगले 5 दिनों के मौसम के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ये ऐप बाजार मूल्य, कृषि सलाह, पौधों की सुरक्षा की जानकारी भी देता है।

17. पोस्टइन्फो (Post info)

जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है कि यह ऐप पोस्ट इंफॉर्मेशन के लिए है। इस एप्लीकेशन से कोई भी आसानी से दान करो ठीक हो सकता है।

अवधि के साथ चलने और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए India post ने 2 साल पहले इस ऐप को बनाया था। यह डाकघरों को खोजने के साथ कंटेनरों को ट्रैक करने की सेवा भी प्रदान करता है।

18. आयकर सेतु ((Aaykar Setu)

यह ऐप एकल खिड़की के माध्यम से आयकर विभाग की विभिन्न सेवाओं के लिए लिंक प्रदान करता है। इससे आप बस एक क्लिक में अपने निकटतम टीआरपी का पता लगा सकते हो।

ये ऐप टीपीएस कार्यालय का पता लगाने, एचआरए जैसे त्वरित गणना, करदाता लाइव चैट, ऑनलाइन पैन आवेदन, टेक्स्ट ज्ञान सेवा प्रदान करता है।

19. अतुल्य भारत (Incredible India)

अतुल्य भारत ऐप पर्यटन मंत्रालय को भारत के समग्र गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय और घरेलू पर्यटकों की सहायता के लिए एक अभिनव परियोजना है।

जिस में पर्यटक को आध्यात्मिकता, विरासत, साहसिक, संस्कृति, योग, कल्याण जैसे प्रमुख अनुभव के इर्द-गिर्द घूमते हुए भारत को एक समग्र गंतव्य के रूप में प्रदर्शित करता है।

इस मोबाइल ऐप को आधुनिक यात्री की वरीयताओ को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। ये ऐप भारत में उनकी यात्रा के प्रत्येक चरण में उनकी सहायता करता है।

20. इंडियन पुलिस ऑन कॉल (Indian Police on Call)

यह एक भारतीय नागरिकों की सहायता करने के लिए है जो गतिशील रूप से नागरिक के स्थान के पास के सभी पुलिस स्टेशनों का विवरण प्रदान करता है।

ये आपकी पुलिस मदद लेने में हेल्प करता है। इस ऐप से उपयोगकर्ता विकट परिस्थितियों में पुलिस को एसएमएस या कॉल भी कर सकता है।

इनके अलावा भारत सरकार ने और भी कई सारे मोबाइल एप और वेबसाइट बनाए हैं। जिसमें ePathshaala, Digi Sevak, IRCTIC Apps शामिल हैं।

ये सभी भारतीय सरकार द्वारा बनाए गए मुफ्त मोबाइल एप्लीकेशन है, जिन्हें आप गूगल प्ले स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हो।

निष्कर्ष,

ये थे भारतीय सरकार द्वारा लॉन्च किए गए टॉप 20 useful and helpful apps सभी एप्लीकेशन बहुत ही उपयोगी और मददगार हैं। आप इनका इस्तेमाल जरूर करें।

मंगलवार, 25 अगस्त 2020

लोग दिखावा क्यों करते हैं?

कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है!

क्या आपने कभी सुना है पश्चिम बंगाल भारत का अभिन्न अंग है या फिर अब ऐसा सुनने को मिलता है कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है?

मेकअप आर्टिस्ट ने अपना काम पूरी तरह से किया।

मेरा मतलब है कि बस उसके पैर को देखो कि कैसे कीचड़ पूरी तरह से स्टाइल में है।किस तरह से मिट्टी की एक परत उसके हाथ पर लेपित हैं ।

और जिस तरह से उसके बालों को पकड़ना मुश्किल होता है, वैसे ही उसके बाल कीचड़ में होने के बाद भी किस तरह से दिखते हैं।

और एक असली किसान सलमान की तरह स्टाइल किए बिना शुद्ध प्राकृतिक कैसा दिखता है यहां हमें दिखाने की जरूरत नहीं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि कोई भी इस प्लेटफार्म पर ऐसा हो जो असली किसान को ना देखें हो।

जिस प्रकार से कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग घोषित करना पड़ता था उसी प्रकार इन जैसे लोगों को यह दिखाना पड़ता है।

लोगों में यह प्रवृत्ति होती है कि जिस जगह हम सामान्यतया रहते हैं वहां के फोटो को नहीं बल्कि किसी टूर पर खींचे गए फोटो को फोटो फ्रेम में लगाते हैं। क्यों? क्योंकि यह हमारी वास्तविक जीवन शैली नहीं है परंतु हम लोगों के सामने यह बयां करने की कोशिश करते हैं कि यही हमारी वास्तविकता है।

Vikas Raja's answer to What disgusts you?

क्या आप कुछ छवियों को साझा कर सकते हैं जो कम से कम 2 हजार अपवोट के लायक हैं?



हल खींचते समय यदि कोई बैल गोबर या मूत्र करने की स्थिति में होता था तो किसान कुछ देर के लिए हल चलाना बन्द करके बैल के मल-मूत्र त्यागने तक खड़ा रहता था ताकि बैल आराम से यह नित्यकर्म कर सके, यह आम चलन था । जीवों के प्रति यह गहरी संवेदना उन महान पुरखों में जन्मजात होती थी जिन्हें आजकल हम अशिक्षित कहते हैं । यह सब अभी 25-30 वर्ष पूर्व तक होता रहा ।

उस जमाने का देसी घी यदि आजकल के हिसाब से मूल्य लगाएं तो इतना शुद्ध होता था कि 2 हजार रुपये किलो तक बिक सकता है । उस देसी घी को किसान विशेष कार्य के दिनों में हर दो दिन बाद आधा-आधा किलो घी अपने बैलों को पिलाता था ।

टटीरी नामक पक्षी अपने अंडे खुले खेत की मिट्टी पर देती है और उनको सेती है । हल चलाते समय यदि सामने कहीं कोई टटीरी चिल्लाती मिलती थी तो किसान इशारा समझ जाता था और उस अंडे वाली जगह को बिना हल जोते खाली छोड़ देता था । उस जमाने में आधुनिक शिक्षा नहीं थी । सब आस्तिक थे । दोपहर को किसान जब आराम करने का समय होता तो सबसे पहले बैलों को पानी पिलाकर चारा डालता और फिर खुद भोजन करता था । यह एक सामान्य नियम था ।

बैल जब बूढ़ा हो जाता था तो उसे कसाइयों को बेचना शर्मनाक सामाजिक अपराध की श्रेणी में आता था । बूढा बैल कई सालों तक खाली बैठा चारा खाता रहता था, मरने तक उसकी सेवा होती थी । उस जमाने के तथाकथित अशिक्षित किसान का मानवीय तर्क था कि इतने सालों तक इसकी माँ का दूध पिया और इसकी कमाई खाई है , अब बुढापे में इसे कैसे छोड़ दें , कैसे कसाइयों को दे दें काट खाने के लिए ??? जब बैल मर जाता तो किसान फफक-फफक कर रोता था और उन भरी दुपहरियों को याद करता था जब उसका यह वफादार मित्र हर कष्ट में उसके साथ होता था । माता-पिता को रोता देख किसान के बच्चे भी अपने बुड्ढे बैल की मौत पर रोने लगते थे । पूरा जीवन काल तक बैल अपने स्वामी किसान की मूक भाषा को समझता था कि वह क्या कहना चाह रहा है ।

वह पुराना भारत इतना शिक्षित और धनाढ्य था कि अपने जीवन व्यवहार में ही जीवन रस खोज लेता था । वह करोड़ों वर्ष पुरानी संस्कृति वाला वैभवशाली भारत था , वह अतुल्य भारत था । पिछले 30-40 वर्ष में लार्ड मैकाले की शिक्षा उस गौरवशाली सुसम्पन्न भारत को निगल गई ।

आधुनिक शिक्षा सबसे पहले किसी देश की संवेदनाओं को जहर का टीका लगाती है , फिर शर्म-हया की जड़ों में तेजाब डालती है और फिर मानवता को पूरी तरह अपंग बनाकर उसे अपनी जरूरत की मशीन का रूप दे देती है ।

साभार :- From Facebook

सोमवार, 24 अगस्त 2020

आपके फोन का वह कौन सा तस्वीर जो 50000 बार देखने के लायक है क्या आप उसे साझा कर सकते हैं?


जाति_औरत_की.?

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एक आदमी ने महिला से पूछा ... तेरी जाति क्या है?

महिला ने पूछा ... *एक मां की या एक महिला की* ..?

उसने कहा ....चल दोनों की बता .. *और मुस्कान बिखेरी*

*महिला ने भी पूरे धैर्य से बताया*.......

*एक महिला जब माँ बनती है तो वो जाति विहीन हो जाती है*..

उसने फिर आश्चर्य चकित होकर पूछा ....वो कैसे..?

जबाब मिला कि .....

जब एक मां अपने बच्चे का लालन पालन करती है,अपने बच्चे की गंदगी साफ करती है , तो वो *शूद्र* हो जाती है..

वो ही बच्चा बड़ा होता है तो मां बाहरी नकारात्मक ताकतों से उसकी रक्षा करती है, तो वो *क्षत्रिय* हो जाती है..

जब बच्चा और बड़ा होता है, तो मां उसे शिक्षित करती है,

तब वो *ब्राह्मण* हो जाती है..

और अंत में जब बच्चा और बड़ा होता है तो मां उसके आय और व्यय में उसका उचित मार्गदर्शन कर अपना *वैश्य* धर्म निभाती है ..तो हुई ना एक महिला या मां जाति विहीन..

उत्तर सुनकर वो अवाक् रह गया । उसकी आँखों में महिलाओं या माताओं के लिए सम्मान व आदर का भाव था और महिला को अपने मां और महिला होने पर पर गर्व का अनुभव हो रहा था।