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गुरुवार, 27 अगस्त 2020

क्या आपके पास कोई उदाहरण है जिससे साबित होता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है?


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यहां आज यूट्यूब टॉप शेफ इंडिया 2014 के अवार्ड से सम्मानित निशा मधुलिका की बात करूंगी। 56 साल की उम्र में वे अनेक गृहणियों की प्रेणना स्रोत बन चुकी हैं। आज यूट्यूब पर कुकिंग चैनल्स की भरमार उनकी ही प्रेरणा से है।

इस समय निशा मधुलिका चैनल के 75,44,431 सब्सक्राइबर हैं जिसमें हर रोज 5000 से 6000 नए सब्सक्राइबर जुड़ जाते हैं।

उनके विडियोज यूट्यूब पर एक अरब से ज्यादा बार देखे जा चुके हैं। निशा मधुलिका जी ने अभी तक 1441 विडियोज बनाए हैं।

भारत और दुनिया भर में करीब 9,00,000 से 13,00,000 लोग रोज निशा मधुलिका चैनल को देखते हैं।

उनके विडियोज के स्क्रीन पर चलने वाले एडवर्टाइजमेंट की बदौलत निशा मधुलिका जी हर महीने 7 अंकों में कमाई करती हैं जो कि 10 से 12 लाख है। [2]

निशा मधुलिका जी नोएडा उत्तर प्रदेश से हैं। वे मुख्यतया आगरा की रहने वाली हैं और साइंस ग्रेजुएट हैं। जब उनके बच्चे बड़े होकर पढ़ाई लिखाई और नौकरी के लिए घर से दूर रहने लगे तो निशा जी ने कुछ नया करने की सोची और एक दिन उन्होंने इंटरनेट पर एक रेसिपी का ब्लॉग देखा।

उसे देखकर उन्हें लगा कि वह भी यह काम कर सकती हैं क्योंकि उन्हें खाना बनाने का भी बहुत शौक था इसीलिए सन 2007 में निशा जी ने अपनी वेबसाइट 'निशा मधुलिका डॉटकॉम' की शुरुआत की।

उनकी वेबसाइट पर काफी लोगों ने कमेंट किए कि अगर वह रेसिपी बनाकर भी दिखाएं तो समझने में आसानी होगी। इस बात को ध्यान में रखते हुए निशा मधुलिका जी ने 2011 में यूट्यूब पर अपनी वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया।

यह चैनल तेजी से प्रसिद्धि पाने लगा और चैनल में कुछ कमाई भी होने लगी। इसे देखकर निशा जी ने अपने घर की पहली मंजिल पर किचन सेट का स्टूडियो बनवाया। तब से निशा जी अपने सभी वीडियो की रिकॉर्डिंग वहीं से करती हैं।

शुरुआत में वह अपने वीडियो खुद ही एडिट करती थीं पर चैनल की सफलता के बाद अब उनके पास 3 से 4 लोगों का स्टाफ है जो कि उनके वीडियो की एडिटिंग, लाइटिंग और मार्केटिंग में उनकी मदद करते हैं।

अब 56 साल की उम्र में भी वे तकरीबन 20 वीडियो हर महीना बनाती हैं।

निशा मधुलिका जी के चैनल की प्रसिद्धि का राज यह है कि वे हमेशा शुद्ध शाकाहारी खाना बनाती हैं और ऐसे सामान का इस्तेमाल करती हैं जो आसानी से घर में मिल जाते हैं। उनके खाने में लहसुन प्याज का प्रयोग नहीं होता।

निशा जी को देखकर लगता है कि उम्र ठहर सी गई है और सिर्फ एक नंबर बन चुकी है। उनके प्रयासों को देखकर हम सबको भी विचारशील होकर कुछ ना कुछ नया करने के बारे में सोचना चाहिए।

फुटनोट

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