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सोमवार, 21 दिसंबर 2020

आखिरकार नए कृषि कानून का बदलाव हमें डराता क्यों है?

 नया कृषि कानून मंडी में आय करने वालों के पेट पर लात मारकर पूंजीपतियों के पेट भरने वाला है। आप स्वयं सोच लीजिये कि सरकार का यह कदम कहां तक जायज कहलाया जा सकता है?

प्रारंभिक दौर में किसानों की फसल ऊंचे दाम पर खरीद कर मंडियों में बैठे लोगों को जिनमें आढती व मजदूर वर्ग अपनी आय करते हैं, बेकार कर दिये जायेंगे। वे अपनी आय के अन्य स्रोत तलाश करने को मजबूर हो जायेंगे। ऐसी स्थिति आ जाने के बाद मंडियां इनसे खाली हो जायेंगी। तब उद्योगपति किसानों से अपने दामों पर फसल खरीदेंगे जो बेहद कम दाम लगायेंगे और वे खरीदारों को सीधे बेचने की बजाय व्यापारियों को अपने दामों पर देगे जो बेहद अधिक होंगे। ये व्यापारी फिर जनता को बेचेंगे जो और भी मंहगा पडेगा। अभी के हालातों में बिग बाजार में गेहूं का मूल्य देख सकते हैं।…👇

इसका MSP 19.25 रुपये प्रति किलोग्राम है। उद्योगपतियों का एकछत्र राज होने पर सोच लीजिये कि गेंहू का भाव क्या होगा? अब आप स्वयं सोच लीजिये कि यह स्थिति आपको आनंद देने वाली होगी या डराने वाली होगी?

मंडी की संरचना कुछ सोमझकर ही की गई थी। यहां से जब व्यापारी खरीद सकता है तो उद्योगपति भी खरीद सकते है। बहुत से व्यापारी किसानों से उनके खेत पर ही फसल का सौदा कर लेते हैं। उद्योगपति भी यह काम कर सकते है। ऐसी स्थिति में उद्योगपतियों के पक्ष में कानून बनाने का उद्देश्यस समझ के बाहर है।

गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

आज के जमाने का कड़वा सच क्या है?

कोका कोला 1980 मे भारत मे आया और 11 soft drink Indian/other brands पर कब्जा कर लिया बाकी को Pepsi ने ले लिया !

सोचो जरा सोचो...

कोई विरोध कोई शोर नहीं !🤔

अमेजोन लगभग हर शहर के बिजनेस व धर्म पर हमला कर रहा है !

कोई विरोध कोई शोर नहीं 🤔

Blue Dart, DHL & FedEx जैसी कूरियर सर्विस आई और अपने जहाज भी लाई । अब पूरे व्यवसाय पर कब्जा कर लिया !

कोई विरोध कोई शोर नहीं...

चीनी और कोरियाई मोबाइल भारत मे छा गये ! सबने लपालप कर के खरीदा..

कोई विरोध कोई शोर नहीं ! 🤔

Nestle, Maggi, ITC, Pepsi, ने फार्म सेक्टर मे प्रवेश किया !

कोई विरोध कोई शोर नहीं ! 🤔

Vehicles mfg industry, two wheelers, वाहन और स्कूटर उद्योग मे Honda, Hyundai, इत्यादि ने अपना वर्चस्व जमाया जबकि हमारे उद्योग काफी थे !

कोई विरोध कोई शोर नहीं ! 🤔

लेकिन भारत के अडानी अँबानी जैसोँ के कृषि क्षेत्र मे प्रवेश पर अचानक विरोध क्यों ? क्या वे जबरन हमारी फसल खरीद सकते हैं, कभी सोचा..? नहीं..

क्या Patanjali भारत के लिए खतरा है ?

कोई भी कँपनी/व्यक्ति किसी किसान से उसकी जमीन जबरन नहीं ले सकता या ऐसी पैदावार फसल नहीं ले सकता जिसमे किसान की अनुमति नहीं है ! तो चीख पुकार क्यों..?

अचानक भारतीय कँपनी का विरोध क्यों जबकि विदेशी कंपनियाँ बहुत समय से कई क्षेत्रों मे उत्पादन कर रही हैँ !

क्या यह साधारण सामान्य ज्ञान की कमी की वजह से नहीं है ? 🤔

या किसी कुटिल, योजनाबद्ध तरीके से भारत मे अशांति फैला कर विभाजित करने की प्रकिया का अँग है...??

जिस व्यक्ति ने आज तक अपने किसी रिश्तेदार भाई भतीजे को पद का दुरुपयोग करके अनुचित रूप से कभी भी लाभ नहीं पहुचने दिया क्या वह कभी भारत के किसान का अहित कैसे होने दे सकता है फिर उसका विरोध क्यों..?

क्या इस पर विचार किया कभी..?

जरा सोचिए आपके मूर्खता पूर्ण विरोध से उस राष्ट्रभक्त की सरकार चली गयी तो.. फिर वही लूट खसोट नहीं बढ़ जाएगी..और उसे हटाकर किसे राष्ट्र के शीर्ष पद पर बैठाओगे ? कौन मिलेगा इतना ईमानदार नेता कभी सोचा..?

नहीं सोचा..न । समय रहते चेत जाओ नहीं तो आंसू पोछने वाला भी कोई नहीं मिलेगा...!

इसलिए कठोर राष्ट्र्वादी बनो...! यही अंतिम विकल्प है

जागो भारत जागो..!.


आपने अब तक की सबसे मजेदार और रोचक शादी का कार्ड कौन सा देखा है?

इसे कहते हैं शादी का असली कार्ड😂😅

गलत मत समझिए मेरा नहीं है 😁🙏

स्रोत - व्हाट्सएप

गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

किसान सरकार के कृषि सशोधन बिल से भी क्यों खुश नहीं है?

किसान सरकार के कृषि सशोधन बिल से भी खुश इसलिए नहीं है क्योंकि अब राजनिती घुस आई है।

पंजाब में किसान जो माँग कर रहे थे वो सभी मांगे सरकार ने मान ली गई है।

फिर भी दिल्ली के राजनीतियो के कारण किसान सरकार का लिखित आश्वासन भी नहीं मान नहीं रहे हैं।

हम यह विस्तार से समझ सकते है।

केंद्र सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के साथ मंगलवार रात गृह मंत्री अमित शाह की बैठक के बाद सरकार ने बुधवार को किसानों को 21 पन्नों का प्रस्ताव भेजा, जिसमें कानूनों में संशोधन और एमएसपी को लेकर अलग से लिखित आश्वासन देने की बात कही गई है। हालांकि सरकार ने कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को ठुकरा दिया है। वहीं किसान संगठनों ने सरकार के इन प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया है और आंदोलन को तेज करने का ऐलान किया है।

फोटोः ऐश्लीन मैथ्यू

आइए जानते हैं कि सरकार के प्रस्ताव में किसानों के लिए क्या था।

प्रस्ताव में सरकार ने कहा कि नये कानून से मंडी समितियों यानी एपीएमसी (कृषि उपज विपणन समिति) द्वारा स्थापित मंडियों के कमजोर होने और किसानों के निजी मंडियों के चंगुल में फंसने संबंधी किसानों के डर के समाधान के लिए सरकार कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव देती है। इसके अलावा सरकार ने किसी प्रकार के विवाद की स्थिति में किसानों को सिविल कोर्ट जाने का विकल्प देने का भी प्रस्ताव दिया है। साथ ही सरकार ने पराली जलाने पर सख्त कानून में ढील देने की भी बात कही है।

फोटोः ऐश्लीन मैथ्यू

वहीं, अनुबंध पर खेती से संबंधित कानून पर सरकार की ओर से कहा गया है कि यह स्पष्ट किया जाएगा कि किसानों की भूमि पर बनाई जाने वाली संरचना पर खरीदार यानी स्पांसर द्वारा किसी प्रकार का कर्ज नहीं लिया जाएगा और न ही ऐसी संरचना उसके द्वारा बंधक रखी जाएगी। किसानों की जमीन कुर्की होने की आशंका पर सरकार ने कहा है कि इस संबंध में कानून में किसान पर किसी प्रकार की पेनाल्टी का प्रावधान नहीं है, फिर भी आवश्यकता होगी तो उसे स्पष्ट किया जाएगा। इसके अलावा बिजली संशोधन विधेयक-2020 पर सरकार ने कहा कि किसानों के बिजली बिल भुगतान की वर्तमान व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं होगा।

फोटोः ऐश्लीन मैथ्यू

सरकार को उम्मीद थी कि इस प्रस्ताव से बात बन जाएगी, लेकिन किसानों ने इसे अस्वीकार कर दिया और किसान नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर एक बैठक कर आंदोलन को तेज करने की घोषणा की है। बैठक के बाद किसानों ने औपचारिक प्रेस कांफ्रेंस करके अपने आंदोलन की आगे की रणनीति का ऐलान किया है। जिसके तहत किसानों ने ऐलान किया है रिलायंस जियो के प्रोडक्ट्स का बहिष्कार किया जाएगा और सरकारी उत्पादों को खरीदने की अपील की जाएगी।

फोटोः ऐश्लीन मैथ्यू

इसके साथ ही किसान नेताओं ने ऐलान किया कि कृषि कानूनों के वापस होने तक आंदोलन जारी रहेगा। पूरे देश में आंदोलन तेज होगा। दिल्लीय और आसपास के राज्योंा से 'दिल्लीअ चलो' की हुंकार भरी जाएगी। दिल्ली की सड़कों को करेंगे जाम। दिल्ली-जयपुर, दिल्ली-आगरा हाइवे को 12 दिसंबर को अवरुद्ध किया जाएगा। इसके बाद 14 दिसंबर को देशभर में धरना-प्रदर्शन होगा। 14 दिसंबर को हर जिले के मुख्यालय का घेराव होगा । 14 दिसंबर को बीजेपी के ऑफिस का घेराव होगा और सरकार के मंत्रियों का घेराव होगा।

गौरतलब है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले 14 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की वार्ता हो चुकी है। आज छठे दौर की वार्ता होनी थी, लेकिन उससे पहले मंगलवार शाम को गृह मंत्री अमित शाह ने किसान नेताओं से मुलाकात की, जिसमें तय हुआ कि सरकार आज किसानों को एक प्रस्ताव भेजेगी। सरकार की ओर से आज भेजे गए प्रस्ताव को किसानों ने ठुकरा दिया, जिससे किसान आंदोलन का जारी रहना तय हो गया है सरकार जहां कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने पर अड़ी है, वहीं किसान कृषि कानून को रद्द किए जाने की मांग पर अडिग हैं।

हमको व किसानों को राजनीति को समझाना चाहिए।

यदि पुराने कानून अच्छे होते तो अभी किसान समृद्ध होते।

अतः किसानो को साथ लेते सरकार को सशोधन करना चाहिए ।

बुधवार, 9 दिसंबर 2020

क्या आप कोई ऐसा चित्र साझा कर सकते हैं जो देख कर अनदेखा न किया जा सके?

बदलाव ही प्रकर्ति का नियम है , कुछ बदलाव समय के साथ जरुरी भी है पर कुछ ऐसे बदलाव भी है जिन्होंने प्रकर्ति को ही बर्बाद कर दिया है .

सोमवार, 7 दिसंबर 2020

हमारे देश के राष्ट्रगान का हिंदी अर्थ क्या है?


गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित “जन-गण-मन” भारत का राष्ट्रगान है जिसे उन्होंने मूलतः बंगाली में लिखा था। जिसे बाद में आबिद अली ने हिन्दी और उर्दू में अनुवाद किया। भारतीय राष्ट्रगान में संस्कृत जिसे साधु भाषा भी कहते है की अधिकता हैं। भारतीय राष्ट्रगान को गाते समय राष्ट्रगान गाने के नियमों का पालन करना आवश्यक हैं।

हमारे देश भारत का राष्ट्र-गान कहीं-कहीं प्रतिदिन तो कहीं कुछ विशिष्ट अवसरों पर गाया जाता हैं।
इसे पूरी तरह से संज्ञा का इस्तेमाल कर लिखा गया है जो क्रिया की तरह भी कार्य करता हैं। राष्ट्र-गान “जन गण मन” के बोल तथा संगीत दोनों ही रवीन्द्रनाथ टैगोर ने तैयार किये हैं।

राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का अर्थ हिन्दी में Meaning of Jana Gana Mana – Rashtra Gaan in Hindi

जन गण मन अधिनायक जय हे
(हे भारत के जन गण और मन के नायक)

भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)

पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा
(वह भारत जो पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र)

द्रविड़, उत्कल, बंग
(तमिलनाडु, उड़ीसा और बंगाल जैसे प्रदेश से मिलकर बना है)

विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा
(जहाँ विंध्याचल तथा हिमालय जैसे पर्वत है और गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ हैं)

उच्छल जलधि तरंगा
(जिनकी तरंगें बहुत ऊँचाई तक उठती हैं)

तव शुभ नामे जागे
(आपका शुभ नाम लेकर ही हम प्रातः उठते हैं)

तव शुभ आशीष माँगे
(और आपके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं)

गाहे तव जयगाथा,
(सभी आपकी ही जय की गाथा गायें)

जन-गण-मंगलदायक जय हे,
(हे जनों का मंगल करने वाले आपकी जय हो)

भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)

जय हे, जय हे, जय हे
(आपकी जय हो जय हो जय हो)

जय, जय, जय, जय हे
(जय जय जय जय हे)

क्या आप फसल के लिए बनाई गई तिजोरी के बारे में जानते हैं?

 सबसे पहले जवाब दिया गया: क्या आप फसल के लिए बनाई गई तिजोरी के बारेमें जानते है?

शनिवार, 5 दिसंबर 2020

क्या आम लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित है?


वाट्सऐप के बाद फेसबुक एक ऐसी सोशल मीडिया वेबसाइट है जिसे भारी संख्या में आम लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन 90% आम लोगों को पता नहीं होगा कि फेसबुक पर उनकी निजी जानकारी सुरक्षित नहीं है।

2013 से 2019 के बीच 86 करोड़ से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी चोरी की जा चुकी है। इस चोरी के दो कारण थे, या तो कमजोर सुरक्षा, और या फिर फेसबुक ने खुद "गलती से" लोगों की निजी जानकारी सुरक्षा कवच से बाहर कर दी।

फेसबुक और ट्रूकॉलर जैसी कंपनियां हमारी निजी जानकारी बेचते भी हैं। खैर, ये तो फिर भी कुछ लोगों को पता है, लेकिन यह शायद ही किसी को पता हो कि हमारी निजी जानकारी इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया के बाहर भी सुरक्षित नहीं है।

अपने अंग्रेजी उत्तर में मैडी ने बताया कि एक दिन जब वह दवा खरीदने एक फार्मेसी पर गया था, उसे इस कागज के लिफाफे में दवा दी गई थी: (मैंने जानकारी को ढक दिया है)

देखिए इस कागज पर क्या छपा हुआ है… बिहार इलेक्टोरल इलेक्शन के वोटरों की निजी जानकारी!

इसमें एकमात्र संख्या, वोटर का नाम, पिता का नाम, आयु आदि जानकारी साफ नजर आ रही है।

. . . .

मैं आपसे पूछता हूँ, यदि कोई अनजान व्यक्ति आपको कॉल करके आपका नाम, पिता का नाम, आयु आदि पूछता है, तो क्या आप उसे अपना नाम तक भी बताना चाहेंगे? नहीं!

आप बिना वजह किसी अनजान को अपना नाम भी नहीं बताएंगे, जो की बिल्कुल सही बात है। सोचिए बिहार की इस वोटर लिस्ट की तरह और कितनी जगहों पर हमारी जानकारी खुलेआम कागजों पर छपी हुई है। हमारी निजी जानकारी बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

जानकारी स्रोत: English answer by Maddy | List of data breaches
Everything you need to know about Facebook’s data breach affecting 50M users
Truecaller data breach: Personal data of millions of Indians available on the dark web

क्या वेब सीरीज के लिए भी भारत सरकार को अनुमति देने के लिए कानून बनाना चाहिए?


सरकार द्वारा वेब सीरीज के लिए एक कठोर कानून बनाना चाहिए जिस तरह आजकल वेब सीरीज एक तरह से क्राइम और अश्लीलता परोसने का अड्डा बन चुके हैं इनके खिलाफ जल्द ही कोई बड़ा कदम उठाना चाहिए नहीं तो भारत का युवा इस दलदल में फंसते जाएगा जैसा कि आपने कुछ दिन पहले ही बल्लभगढ़ में हुए निकिता तोमर हत्याकांड में देखा होगा आरोपी तौसीफ ने मिर्जापुर देखकर निकिता का हत्या कर दी इसी तरह की आपराधिक घटनाएं एवं दुष्कर्म इन वेब सीरीज में बहुत अधिक दिखाया जाता है वेब सीरीज में गालियों को तो इस तरह दिखाया जाता है जैसे कि वह आम बोलचाल की भाषा ही ही हो हालांकि कुछ वेब सीरीज इस तरह के कंटेंट से बहुत दूर रहती हैं लेकिन ऐसी सीरीजो की संख्या कम ही है

आजकल एम एक्स प्लेयर अमेज़न प्राइम नेटफ्लिक्स उल्लू अल्ट बालाजी आदि एप्स हर किसी बच्चे से बड़े तक के मोबाइल में मिल ही जाते हैं


शेयर बाजार में अच्छे स्टॉक्स कैसे ढूंढ सकते हैं?

 शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेड के लिए अच्छे स्टॉक्स को आप निम्नलिखित स्टेप्स के साथ ढूंढ सकते हैं।

एक निवेशक के लिए सबसे जरूरी चीज होती है कि कौन सी स्टॉक उन्हें अगले ट्रेडिंग सेशन में मुनाफा देगी और ज्यादेतर निवेशक इन चीजों में असफल हो जाते है। चलिए मैं खुद की बात करती हूं जिसके अनुसार मैं स्टॉक सेलेक्ट करती हूं।इस पोस्ट में मैं सिर्फ प्रश्न के अनुसार अगले ट्रेडिंग सेशन में स्टॉक कैसे सेलेक्ट करनी है इसपर चर्चा करूंगी। एंट्री और एग्जिट का चुनाव आप अपनी रणनीति से कर सकते है।हमनें हमेशा ये सुनी है कि यदि इंट्राडे में ट्रेड करनी है तो high volatile स्टॉक का चयन करें। मैं इस बात से सहमत हूं क्योंकि high volatile स्टॉक आपको ट्रेंड के अलावा reversal में भी इतनी समय देती है जिससे आप स्टॉक में एंट्री और एग्जिट के साथ मुनाफा कमा सकते है।अब बात आती है कि हाई volatile Stocks को कैसे ढूंढ सकते है।

अब बात आती है कि हाई volatile Stocks को कैसे ढूंढ सकते है। आप high beta स्टॉकस के लिए नीचे दिए कुछ पॉइंट्स को फॉलो कर सकते है।

1)ओपन nseindia official website

2)click on products

3)click indices

4)click monthly report

5)download market capitalization ,weaitage, nifty 50

या आप सीधे नीचे दिए लिंक से भी जाकर डाउनलोड कर सकते हैं।

monthly.htm

अब यहां पर आपको बहुत सारी volatile stocks मिल जाएंगी।

यदि ये प्रोसेस आपको जटिल लग रही है तो ,

आप "ब्लूचिप हाई बीटा स्टॉक्स" सीधे गूगल पर सर्च करें। आपके पास कुछ इस प्रकार की रिजल्ट्स आएंगी।

अब आपके सामने जो भी स्टॉक्स दिख रही है, सभी इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त हैं।

अब आपको

1)इनमें से कोई भी 5 स्टॉक्स को चुन करके nseindia के ऑफिसियल वेबसाइट पर सर्च करनी है।

2)उसकी डेरीवेटिव कोट्स को ओपन करनी है।

3)other information पर क्लिक करें।

4)यदि स्टॉक्स की day volatility 2 से अधिक है तो आप इसे अपने इंट्राडे ट्रेड के लिए रख सकते हैं।

पोस्ट उपयोगी लगी हो तो upvote जरूर करें। बाजार में हमारे साथ काम करने के लिए whatsapp 9522179168 पर मैसेज करें।

धन्यवाद


बॉल पेन बनाने का व्यवसाय कैसे शुरु करे ?

 मुझे इस घरेलू व्यवसाय के बारे में इसलिए जानकारी है क्योकि मैं स्थानीय सेवा संगठनों से जुडा रहा हूँ।

अभी भी गांव में काफी युवा हैं जो पढ़े लिखे ज्यादा नहीं है। उनके लिए और भी लोग जो इसे करना चाहे, यह एक सम्मानीय गृह उद्योग है।

डिस्पोजेबल बॉल पेन बनाना अब एक गृह व्यवसाय है जो २०,००० रूपये की एक बार लागत से लगाया जा सकता है और इसमें ज्यादा आदमियों की जरूरत नहीं होती। इसमें घर बैठे 40,000 से 60,000 रुपये महीना आसानी से कमाये जा सकते हैं।

बाकी इस बात पर निर्भर करता है कि आप इस की मार्केटिंग कैसे करते हैं और काम को कितना बढ़ाते हैं। ज्यादातर ये पैन स्थानीय बाजार में ही बिक जाता है। इनकी अच्छी मांग है।

इस काम के लिए ज्यादा से ज्यादा पांच छोटी-छोटी मशीनें ही चाहिए और ये लोकल मेड भी मिलती हैं और इन्हें अमेज़न, इंडिया मार्ट आदि से भी मंगवा सकते हैं, इन्हें घर बैठे ही ऑनलाइन खरीदा जा सकता है और गॉरन्टी भी मिलती है। लोकल मेड ज्यादा सस्ती मिलती हैं और इन्हे बेचने वाले बाद में सर्विस भी देते हैं।

यूट्यूब पर बहुत सारे वीडियोस आ रहे हैं जिसमें इस उद्योग से जुड़ा कच्चा सामान और मशीनें बेचने वालों के विज्ञापन हैं।

ये मशीने 20,000 रूपये तक में खरीदी जा सकती है और ये खर्चा भी सिर्फ एक बार ही होता है।

एक पेन बनाने की लागत 1 रुपये से ज्यादा नहीं होती। दिनभर में कुछ हजार पेन बनाये जा सकते हैं और ये तो काम करने वाले पर निर्भर है कि वह कितना काम करता है। अकेले करता है या साथ में मदद लेता है।

पांच मशीनें हैं

(१) अडॉप्टर फिटिंग मशीन

(२) स्याही भरने की मशीन

(३) नोजल फिटिंग मशीन

(४) सेन्ट्रीफ्यूगल मशीन

(५ ) पेन पर नाम लिखने की मशीन

खाली बैरल

आडोप्टेर

नोजल या टिप

तैयार पेन

जवाब पढणे के लिए धन्यवाद |

कृपया अपवोट किजीये और अपने दोस्तो के साथ शेयर किजीये.

फॉलो करे → (Siddharth Pise (सिद्धार्थ पिसे))

क्या कृषि बिल वास्तव में किसानों के लिए हानिकारक साबित होगा या फिर केवल विपक्षी दलों द्वारा किसानों को इस बिल के नाम पर भ्रमित किया जा रहा है?

कृषि बिल यदि पास हो जाए तो किसानो को उचित दाम मिलने की और कई सुविधाए मिल जाएंगी। आप लोगों के साथ वाक़या शेयर करना चाहता हू। मैं एक पार्ट टाइम किसान हू और किसानो की समस्या से रोज दो चार होता रहता हू।

प्रसंग 1) एक आढतिया हमारे मोसंबी के बगीचे मे आया। उसकी नागपुर मंडी मे दुकान थी। उस वक़्त बाजार मे 1200 प्रति कुंतल का भाव चल रहा था। चूंकि औरंगाबाद के पास कोई बाजार नहीं था और पास वाले बिचौलिए उचित दाम नहीं दे रहे थे तो मैंने मोसंबी को नागपुर ले जा कर बेचने की सोची। खर्चा जा कर कुछ ज्यादा पैसे बच जाते।

तो ट्रक मे माल लोड कर के मैं नागपुर मंडी पहुंचा। वहां उस दिन का बाजार खत्म हो गया था इसलिए और एक दिन रुकना प़डा। अगले दिन जब बाजार खुले तो हमारा बिचौलिया पलट गया और भाव उतर जाने के कारण 900 रुपये से पैसे ले कर आना प़डा। दूसरी कोई व्यवस्था ना होने के कारण नुकसान मुझे ही उठाना प़डा। इन बिचौलियों मे जबरदस्त सेटिंग होने के कारण दूसरा कोई भी माल को हाथ लगाने को तैयार नहीं हुआ।

प्रसंग 2) सरकारी खरीद मंडी मे मकई की खरीद हो रही थी।

मैं और मेरा बटईदार मंडी मे पहुंचे। वहां पर सॅम्पलिंग किया गया। माल मे नमी 14% से ज़्यादा होने के कारण वहा के अफसर ने माल 8 दिन बाद लाने को कहा। सरकारी मंडियों मे मार्केट से 400 रुपये ऊंचा दाम मिल रहा था इस वज़ह से हमने माल को सूखा कर ले जाने का सोचा। 8 दिन बाद गाडियों मे माल को लाद कर मंडी पहुंचे, पर क्या देखते है, अब भी नमी 17% थी। माल वापस ले आये तो किराया लगे और मंडी मे उतार दे तो उसके पास रहना पडे।

तो नीति शास्त्र पर अर्थ शास्त्र प्रभावी हुआ और फिर हमारे बटईदार ने मकई के ढेर को फैला कर वहीं दो चार दिन डेरा जमाया। आसपास के गाय सुअरों को भगा भगा कर करीब 7 दिनों तक वहीं रह कर हमारे माल का नंबर 8 वे दिन लगा। मच्छरों से छलनी हुए

हमारे खेत के आदमी ने अफसर के आगे हाथ जोड़ लिए और माल गिनती कर अंदर भेजा। 15 दिन बर्बाद कर अक्ल खरीद ली हमने।

प्रसंग 3) ऐसे प्रसंगों से सीख कर जगह पर माल बेचने की व्यवस्था हमने स्वीकार कर ली। जिस व्यापारी को माल लेना हो वो उसकी गाड़ी ले कर आए और स्पॉट पेमेंट करा कर माल ले जाए। 100-200 वो ज्यादा कमाए और हम भी खेती पर ही ध्यान केंद्रित करे।

तो अब आते है आप के प्रश्न की ओर। कृषि बिल किसानो के फायदे का है या नहीं ये विचार मैं आप पर छोड़ता हूँ। आप की सदसदविवेकबुद्धि क्या कहती है?

और किसानो को किसानो का काम करने दे। यदि आप किसान को बेवकूफ समझने लगे है तो मेरी संवेदनाएं आप के साथ है। इस देश का सबसे बडा जुआरी जो हर साल दांव पर लगाता है अपनी जिंदगी। उसे क्या भाव मिलेगा, कितनी फसल उगेगी, कितना खर्च लगेगा, क्या बीमारी पड़ेगी, क्या बेमौसम बारीश सब कुछ तबाह कर देगी, इन सब सवालों से परे हट कर अपना काम करना होता है। हमने भी कोई कच्ची गोलियां नहीं खेली है। इन बिचौलियों को हटा कर कोई नयी व्यवस्था लागू होती है तो होने दे। यदि अम्बानी अदानी हमे भाव नहीं देंगे तो हम भी उन्हें अपना माल नहीं देंगे। तो फिर आपको क्या पंचायत?

शुक्रवार, 4 दिसंबर 2020

भारत के अधिकतर लोग सरकारी नौकरी ही क्यों पाना चाहते हैं?

मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है अपनी मेहनत से, संघर्ष करने से, अपनी काबिलियत से, लेकिन अधिकतर लोग मेहनत करना ही नहीं चाहते संघर्ष करना ही नहीं चाहते और वह आरामदायक जिंदगी भी चाहते हैं।

इसलिए वह सरकारी नौकरी की तरह भागते हैं भारत में अधिकतर लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं क्योंकि वह अपनी काबिलियत से आगे बढ़ना नहीं जानते मैं यह नहीं कहता कि सरकारी नौकरी करना गलत बात है लेकिन आप खुद ही बताइए 100 पदों के लिए 10 लाख फॉर्म भरे जाते हैं घोड़ों की रेस में गधे भी दौड़ते हैं यह कहां तक उचित है।

आखिर मनुष्य मेहनत करना क्यों नहीं चाहता भारत में सरकारी नौकरियों की कमी है फिर भी अधिकांश लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं शायद ऐसा होगा कि सरकारी नौकरी की मैं अधिक आराम होगा इसलिए लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं जबकि पड़ोसी देश चीन में सरकारी नौकरी अधिक है वहां पर लोगों को जबरन सरकारी नौकरी दी जाती है लेकिन चीन के लोग सरकारी नौकरी नहीं करना चाहते हैं। शायद वहां पर सरकारी नौकरी में आराम नहीं होगा।

खैर सच तो यह है मैंने कई सरकारी विभागों में देखा है। लोगों के पास काम भी नहीं होता फालतू बैठे हैं और कोई काम करवाने जाता भी है तो भी आसानी से उनका काम नहीं किया जाता है। मेरा कई बार सरकारी विभागों में काम पड़ा है और मुझे बहुत परेशान होना पड़ा है 1 घंटे के काम के लिए मुझे कई दिनों तक जाना पड़ा है भारत में सरकारी विभागों के कर्मचारी अपने आप को किसी राजा महाराजा से कम नहीं समझते। शायद इसीलिए भी लोग सरकारी नौकरी करना चाहते हैं।

सच तो यह है कि लाखों लोग सरकारी नौकरी पाने के चक्कर में अपने जीवन के कई साल बर्बाद कर देते हैं और वे फिर कोई दूसरा काम धंधा करने के लायक भी नहीं रहते।

मैंने देखा है लोगों को 15 - 20 साल तक सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए अब आप ही बताइए अगर वे कोई दूसरा काम धंधा करते तो इतने सालों में कितनी तरक्की कर लेते कितना धन कमा लेते हो देश की इकोनॉमी में अपना योगदान भी दे सकते थे।

मेरी व्यक्तिगत राय यही है लोगों को की सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं अच्छी बात है लेकिन उसमें एक समय निर्धारित करिए कि हम 2 साल या 3 साल ही तैयारी करेंगे अगर सिलेक्शन होता है तो ठीक है अन्यथा कोई दूसरा काम धंधा करेंगे और अपने जीवन के अमूल्य वर्षों को बर्बाद नहीं करेंगे।

Humanity (मानवता) से जुड़े

लड़कियों को मर्दों की कौन-कौन सी आदतें अच्छी लगती हैं?

 किस तरह के लड़के लड़कियों को पसंद आते हैं जो हर लड़की के लिए अलग होंगे। कुछ लड़कियों को हॉट लोगों की ओर प्रेरित किया जा सकता है, जबकि अन्य किसी को हंसाने के लिए पसंद करते हैं। कोई फर्क नहीं पड़ता कि लड़कियां पहले किसी लड़के के लिए क्या देखती हैं, यह किसी भी आश्चर्य के रूप में नहीं आना चाहिए कि आकर्षक, आत्मविश्वास और उच्च रैंक पर बात करना आसान है।

शीर्ष योग्यताएं किशोर लड़कियां चाहती हैं

इसमें कोई संदेह नहीं है, जब एक महत्वपूर्ण दूसरे को खोजने की बात आती है, तो अलग-अलग लड़कियों की अलग प्राथमिकताएँ होंगी। एक लड़की किसी ऐसे व्यक्ति को चाहती है जो उसे सब से ऊपर हँसाए, जबकि दूसरा कोई भी अच्छे चुटकुलों की कमी को महसूस नहीं कर सकता है जब तक कि वह महसूस करता है कि एक लड़का सुनता है कि उसे क्या कहना है। हालाँकि, जिन चीज़ों को महिलाएं अपने दोस्तों में देखती हैं, उनकी सामान्य सूची काफी हद तक समान होती है। पर सर्वेक्षण के परिणामों के अनुसार, किशोर लड़कियों को ऐसे लड़के पसंद आते हैं जो प्यारे, मजाकिया, स्मार्ट होते हैं, और उन्हें अच्छा महसूस कराते हैं।

आत्मविश्वास

आत्मविश्वास शायद नंबर एक चीज है जो लड़कियां लड़कों में तलाशती हैं। आत्म-विश्वास करने वाला व्यक्ति उच्च आत्म-सम्मान रखता है और खुद पर विश्वास करता है। यह गुण एक लड़के को अधिक आकर्षक बनाता है क्योंकि वह वास्तव में अच्छा महसूस करता है और खुद को पसंद करता है और लड़कियां खुद में इन गुणों की तलाश कर रही हैं। लड़कियां विशेष रूप से आत्मविश्वास से प्यार करती हैं क्योंकि एक आश्वस्त व्यक्ति के आसपास होने से उन्हें ऐसा महसूस होता है कि उन्हें गिना जा सकता है। सामाजिक शोधकर्ता, लेखक, और वक्ता शांती फेलदाहन की साइट द्वारा प्रकाशित एक वीडियो संकलन ने दिखाया कि लड़कियां चाहती हैं कि लोग आत्मविश्वास से भरे रहें

अच्छा सौंदर्य

अगर कोई लड़का किशोर लड़की का ध्यान आकर्षित करना चाहता है, तो उसे बुनियादी संवारने के मानकों का पालन करना चाहिए, जैसे कि स्नान करना, दुर्गन्ध आना और साफ कपड़े पहनना। लड़कियां अपने कपड़े और केश सहित एक आदमी की शैली पर भी ध्यान देंगी, लेकिन मूल बातों से परे, वह यह है कि वह खुद को कैसे ढोती है और वह कितनी सहज दिखती है। कॉस्मोपॉलिटन पत्रिका और हेन हेवन ने यह पता लगाने के लिए एक प्रयोग किया कि टिंडर प्रोफाइल किस प्रकार का सबसे अच्छा था। हिपस्टर के बीच, बालक (औसत आदमी), मेट्रोसेक्सुअल, रॉकर और जिम बफ, स्टाइल के प्रति सजग और त्रुटिहीन रूप से तैयार किए गए मेट्रोसेक्सुअल प्रोफाइल ने सबसे अच्छा प्रदर्शन किया।

मजाक करने की आदत

एक लड़की को हँसाना उसके आकर्षण को बढ़ा सकता है, क्योंकि हंसी एक प्राकृतिक कामोद्दीपक है। मज़ाकिया होना एक आदमी को अलग कर सकता है और उसे और अधिक आकर्षक, संबंधित करने में आसान और दृष्टिकोण करने में आसान बनाता है। हंसी सकारात्मक भावनाओं को भी बढ़ाती है, इसलिए लड़कियों को स्वचालित रूप से एक लड़के के बारे में अधिक सोचना होगा जो उन्हें मुस्कुराता है और हंसता है। द आर्ट ऑफ़ चार्म कहता है कि एक लड़की को हंसाना आपको यादगार बना देगा और एक स्थायी आकर्षण पैदा करेगा।

बात करने में आसान

ड़कियों को संलग्न करना और संवाद करना पसंद है, इसलिए एक आदमी जो लंबी बातचीत करने को तैयार है या जो एक अच्छा श्रोता है वह खुद को बाकी से अलग कर देगा। वार्तालाप कौशल विकसित करने का अर्थ हो सकता है कि लड़कियों को पूछने के लिए अच्छे प्रश्नों के बारे में सोचना, सुनना, और लड़कियों को यह दिखाना कि आप उन्हें केवल अपनी शारीरिक उपस्थिति से अधिक पसंद करते हैं। ने यह भी बताया कि लड़कियां ऐसा लड़का चाहती हैं जो उनकी बात सुने और वह जो कहे।

शारीरिक आकर्षण

लड़कियां उन लड़कों की तलाश करती हैं जो सुंदर और अच्छे दिखते हैं, लेकिन यह एक व्यक्तिगत स्वाद है जो सबसे ज्यादा मायने रखता है। लड़कियों को एक गर्म मुस्कुराहट और अच्छी आँखों में बहुत दिलचस्पी है (ये वही हो सकता है जो एक लड़की के लिए शारीरिक रूप से दिखती है), लेकिन यह अंदर है कि मायने रखता है। लड़कियां जल्दी से अच्छे लुक से थक जाती हैं और एक ऐसे व्यक्ति की तलाश करती हैं जो एक व्यक्ति के रूप में आश्वस्त और पसंद करने वाला हो। यहां तक ​​कि अगर आपको नहीं लगता कि आप बल्ले से लड़कियों से बहुत अधिक प्रतिक्रिया पाने के लिए बहुत अच्छे लगते हैं, तो जिन चीजों को आप दोष मानते हैं, वे ऐसी चीजें बन सकती हैं जो वह आपकी उपस्थिति के बारे में प्यार करती हैं और जो आपको समय के साथ और भी आकर्षक बनाती हैं, डेटिंग कोच डैन बेकन ऑफ द मॉडर्न मैन बताते हैं। एक लड़की वास्तव में एक औसत पुरुष के शारीरिक रूप से आकर्षित हो सकती है, जो इस बात पर आधारित है कि वह उसके साथ कैसे बातचीत करती है।

आदर करना

जब वे शिष्टाचार रखते हैं और उनका सम्मान करते हैं, तो किशोर एक किशोर लड़की को प्रभावित कर सकते हैं। बस अच्छा काम करो। उसके लिए दरवाजा खुला रखें, जब वह ठंडी हो तो अपनी जैकेट की पेशकश करें, उसकी बात सुनें और सामान्य रुचियों को खोजने का प्रयास करें (यदि आप पाते हैं कि आप दोनों कुछ समान चीजों के बारे में भावुक हैं!)। मनोवैज्ञानिक नैन्सी कलिश, पीएचडी कहते हैं, उसके बारे में अपनी बातचीत करें और उसे जितना हो सके उतना कम करने की कोशिश करें। WebMD के एक लेख में। हर कोई सम्मानित महसूस करना चाहता है, स्पीकर, रेडियो होस्ट और लेखक डॉसन मैक्लिस्टर की कहते हैं, और यह विशेष रूप से रिश्तों के लिए जाता है। दोस्तों, वह लड़कियों का सम्मान दिखा सकता है, उनका कहना है कि, कभी भी उन पर यौन दबाव नहीं डाला, कभी भी उनसे बात नहीं की, उनकी ताकत की ओर इशारा करते हुए, उनके जीवन में अन्य महत्वपूर्ण लोगों के प्रति सम्मानजनक, और अधिक।

ऐसी कौन सी चीज है जो ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं?

 मैंने अभी इस लेख को पढ़ा और मैं हैरान रह गया और कृपया आपने उसका पूरा उत्तर उसकी प्रोफ़ाइल से पढ़ा Titiksha Rohilla Quora पर खोजें

स्तन कर या मुलकरम।

इतिहास के इस घृणित हिस्से के बारे में जानकर मैं पूरी तरह से स्तब्ध रह गया।

केरल में महिलाएं अपने स्तनों को ढकने के लिए कर का एक पूरा भुगतान करती थीं, जो लोग भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने अपने ऊपरी शरीर को नग्न रखा।

यह कर शूद्रों और दलितों पर लगाया गया था, ताकि वे इस वर्ग को अपने imp AUKAT ’को दिखा सकें।

स्तन को केवल उच्च स्थिति वाले लोगों के सम्मान के प्रतीक के रूप में रोक दिया गया था। एक समाज जहां पुरुष भी दरार को घूरते हैं, इन महिलाओं को नग्न स्तनों के साथ उत्पीड़न का सामना करना पड़ा।

फटा हुआ स्वाभिमान, बिगड़ता आत्मविश्वास और रोजाना परिश्रम के बहुत से टुकड़ों को खाने वाला अशांत तारा।….