मनुष्य जीवन में आगे बढ़ता है अपनी मेहनत से, संघर्ष करने से, अपनी काबिलियत से, लेकिन अधिकतर लोग मेहनत करना ही नहीं चाहते संघर्ष करना ही नहीं चाहते और वह आरामदायक जिंदगी भी चाहते हैं।
इसलिए वह सरकारी नौकरी की तरह भागते हैं भारत में अधिकतर लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं क्योंकि वह अपनी काबिलियत से आगे बढ़ना नहीं जानते मैं यह नहीं कहता कि सरकारी नौकरी करना गलत बात है लेकिन आप खुद ही बताइए 100 पदों के लिए 10 लाख फॉर्म भरे जाते हैं घोड़ों की रेस में गधे भी दौड़ते हैं यह कहां तक उचित है।
आखिर मनुष्य मेहनत करना क्यों नहीं चाहता भारत में सरकारी नौकरियों की कमी है फिर भी अधिकांश लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं शायद ऐसा होगा कि सरकारी नौकरी की मैं अधिक आराम होगा इसलिए लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं जबकि पड़ोसी देश चीन में सरकारी नौकरी अधिक है वहां पर लोगों को जबरन सरकारी नौकरी दी जाती है लेकिन चीन के लोग सरकारी नौकरी नहीं करना चाहते हैं। शायद वहां पर सरकारी नौकरी में आराम नहीं होगा।
खैर सच तो यह है मैंने कई सरकारी विभागों में देखा है। लोगों के पास काम भी नहीं होता फालतू बैठे हैं और कोई काम करवाने जाता भी है तो भी आसानी से उनका काम नहीं किया जाता है। मेरा कई बार सरकारी विभागों में काम पड़ा है और मुझे बहुत परेशान होना पड़ा है 1 घंटे के काम के लिए मुझे कई दिनों तक जाना पड़ा है भारत में सरकारी विभागों के कर्मचारी अपने आप को किसी राजा महाराजा से कम नहीं समझते। शायद इसीलिए भी लोग सरकारी नौकरी करना चाहते हैं।
सच तो यह है कि लाखों लोग सरकारी नौकरी पाने के चक्कर में अपने जीवन के कई साल बर्बाद कर देते हैं और वे फिर कोई दूसरा काम धंधा करने के लायक भी नहीं रहते।
मैंने देखा है लोगों को 15 - 20 साल तक सरकारी नौकरी की तैयारी करते हुए अब आप ही बताइए अगर वे कोई दूसरा काम धंधा करते तो इतने सालों में कितनी तरक्की कर लेते कितना धन कमा लेते हो देश की इकोनॉमी में अपना योगदान भी दे सकते थे।
मेरी व्यक्तिगत राय यही है लोगों को की सरकारी नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं अच्छी बात है लेकिन उसमें एक समय निर्धारित करिए कि हम 2 साल या 3 साल ही तैयारी करेंगे अगर सिलेक्शन होता है तो ठीक है अन्यथा कोई दूसरा काम धंधा करेंगे और अपने जीवन के अमूल्य वर्षों को बर्बाद नहीं करेंगे।
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