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शनिवार, 5 दिसंबर 2020

क्या आम लोगों की निजी जानकारी सुरक्षित है?


वाट्सऐप के बाद फेसबुक एक ऐसी सोशल मीडिया वेबसाइट है जिसे भारी संख्या में आम लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन 90% आम लोगों को पता नहीं होगा कि फेसबुक पर उनकी निजी जानकारी सुरक्षित नहीं है।

2013 से 2019 के बीच 86 करोड़ से अधिक फेसबुक उपयोगकर्ताओं की निजी जानकारी चोरी की जा चुकी है। इस चोरी के दो कारण थे, या तो कमजोर सुरक्षा, और या फिर फेसबुक ने खुद "गलती से" लोगों की निजी जानकारी सुरक्षा कवच से बाहर कर दी।

फेसबुक और ट्रूकॉलर जैसी कंपनियां हमारी निजी जानकारी बेचते भी हैं। खैर, ये तो फिर भी कुछ लोगों को पता है, लेकिन यह शायद ही किसी को पता हो कि हमारी निजी जानकारी इंटरनेट और स्मार्टफोन की दुनिया के बाहर भी सुरक्षित नहीं है।

अपने अंग्रेजी उत्तर में मैडी ने बताया कि एक दिन जब वह दवा खरीदने एक फार्मेसी पर गया था, उसे इस कागज के लिफाफे में दवा दी गई थी: (मैंने जानकारी को ढक दिया है)

देखिए इस कागज पर क्या छपा हुआ है… बिहार इलेक्टोरल इलेक्शन के वोटरों की निजी जानकारी!

इसमें एकमात्र संख्या, वोटर का नाम, पिता का नाम, आयु आदि जानकारी साफ नजर आ रही है।

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मैं आपसे पूछता हूँ, यदि कोई अनजान व्यक्ति आपको कॉल करके आपका नाम, पिता का नाम, आयु आदि पूछता है, तो क्या आप उसे अपना नाम तक भी बताना चाहेंगे? नहीं!

आप बिना वजह किसी अनजान को अपना नाम भी नहीं बताएंगे, जो की बिल्कुल सही बात है। सोचिए बिहार की इस वोटर लिस्ट की तरह और कितनी जगहों पर हमारी जानकारी खुलेआम कागजों पर छपी हुई है। हमारी निजी जानकारी बिल्कुल सुरक्षित नहीं है।

जानकारी स्रोत: English answer by Maddy | List of data breaches
Everything you need to know about Facebook’s data breach affecting 50M users
Truecaller data breach: Personal data of millions of Indians available on the dark web

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