गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित “जन-गण-मन” भारत का राष्ट्रगान है जिसे उन्होंने मूलतः बंगाली में लिखा था। जिसे बाद में आबिद अली ने हिन्दी और उर्दू में अनुवाद किया। भारतीय राष्ट्रगान में संस्कृत जिसे साधु भाषा भी कहते है की अधिकता हैं। भारतीय राष्ट्रगान को गाते समय राष्ट्रगान गाने के नियमों का पालन करना आवश्यक हैं।
हमारे देश भारत का राष्ट्र-गान कहीं-कहीं प्रतिदिन तो कहीं कुछ विशिष्ट अवसरों पर गाया जाता हैं।
इसे पूरी तरह से संज्ञा का इस्तेमाल कर लिखा गया है जो क्रिया की तरह भी कार्य करता हैं। राष्ट्र-गान “जन गण मन” के बोल तथा संगीत दोनों ही रवीन्द्रनाथ टैगोर ने तैयार किये हैं।
राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ का अर्थ हिन्दी में Meaning of Jana Gana Mana – Rashtra Gaan in Hindi
जन गण मन अधिनायक जय हे
(हे भारत के जन गण और मन के नायक)
भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)
पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा
(वह भारत जो पंजाब, सिंध, गुजरात, महाराष्ट्र)
द्रविड़, उत्कल, बंग
(तमिलनाडु, उड़ीसा और बंगाल जैसे प्रदेश से मिलकर बना है)
विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा
(जहाँ विंध्याचल तथा हिमालय जैसे पर्वत है और गंगा-यमुना जैसी पवित्र नदियाँ हैं)
उच्छल जलधि तरंगा
(जिनकी तरंगें बहुत ऊँचाई तक उठती हैं)
तव शुभ नामे जागे
(आपका शुभ नाम लेकर ही हम प्रातः उठते हैं)
तव शुभ आशीष माँगे
(और आपके आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं)
गाहे तव जयगाथा,
(सभी आपकी ही जय की गाथा गायें)
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
(हे जनों का मंगल करने वाले आपकी जय हो)
भारत-भाग्य-विधाता
(आप भारत के भाग्य के विधाता हैं)
जय हे, जय हे, जय हे
(आपकी जय हो जय हो जय हो)
जय, जय, जय, जय हे
(जय जय जय जय हे)
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