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मंगलवार, 12 जनवरी 2021

भारत में मिलने वाली सामान्य चीज क्या है जो विदेशों में बहुत मुश्किल से मिल सकती है ?

अनुरोध के लिए धन्यवाद 😊

भारत में ऐसी बहुत सी चीजे है जो बहुत आसानी से मिल जाती हैं और शायद इसी वजह से हम इनकी कीमत भी नही समझते ।

कुछ चीजे जो हमनें इस्तेमाल करना छोड़ दिया है विदेशी मार्केट मे वो चीजे धूम मचा रही है ।

चलिए बाते ज्यादा कर ली अब प्रश्न का जवाब देते हैं इस समय हमें कुछ ही चीजे याद आ रही हैं जिनको हम यहाँ बता रहे हैं।

सबसे पहले बात करते है भारत में सबसे आसानी से मिलने वाली वस्तु की

नीम- जी हाँ सही पढ़ा नीम ।

हमारे पूर्वज नीम की दातुन करते थे और अभी भी गांव के वृद्ध व्यक्ति इसका ही उपयोग करते हैं।

लेकिन विदेशी कंपनीयो ने आके टूथपेस्ट का ऐसा प्रचार-प्रसार किया की हम लोगो के दिमाग मे बैठ गया की अब तो जो हैं बस यही है अगर इस टूथपेस्ट को दांतो पर नही घिसा तो हमारे दाँत ही नही रह जायेंगे।

तो कुल मिलाकर दिमाग से नीम को गायब कर दिया गया और घूसा दिया अपना ब्रांडेड टूथपेस्ट।

हाँ तो मुख्य बात ये है की यहाँ पर जो हमें मुफ्त में मिल रहा था वही विदेशी में पैसे देकर भी नही मिलते रहे हैं ।

ये खबर हमने हिन्दुस्तान अखबार में पढ़ा था। उसी वक्त फोटो भी ली थी सबको दिखाने के लिए पर ज्यादा लोगो को दिखा नही पायी शायद यहाँ पर कुछ काम बन जाये।

दूसरी भी देशी चीज हैं दिमाग में आ गयी है तो उसको भी बता रही हूँ ।

चारपाई - हां जी ये भी आपको अपने भारत में आसानी से मिल जाती हैं।

अगर आप 90 के दशक के पहले-पहले पैदा हो गए हैं और एकाध बार भी दादी-नानी के गांव जा चुके हैं तो आपको रस्सी से बुनी हुई खटिया उर्फ चारपाई पर लेटने का सुख जरूर प्राप्त हुआ होगा। हालांकि निदा फाज़ली के शेर वाली 'बांस की खुर्री खाट' अब शहरों के बहुत कम ही घरों में दिखती है और भारतीय धीरे - धीरे इसे अपने घरों से बाहर ही कर रहे हैं लेकिन विदेशों में इस खाट की मांग बढ़ रही है।

ऑस्ट्रेलिया के रहने वाले एक शख्स डेनियल ने हमारी खटिया के लिए पर्चे छपवाए हैं। इन पर्चों में हमारी पारंपरिक खटिया की इतनी खूबियां गिनाई गई हैं जिन पर खुद हमारा भी ध्यान नहीं गया होगा। डेनियल हाथ से बुनी गई इस खटिया की सिडनी में डिलिवरी करते हैं इसलिए उन्होंने इन पर्चों पर अपना नंबर भी दिया है। अब सुनिए इसकी कीमत, लेकिन जरा दिल थामकर। एक खटिया की कीमत है 990 डॉलर मतलब 50 हजार रुपये से भी ज्यादा।

हमारी खटिया पर डेनियल की नजर भारत भ्रमण के दौरान पड़ी थी। डेनियल को यह इस कदर भा गई कि उन्होंने ठान लिया कि इसके दर्शन तो ऑस्ट्रेलिया वालों को भी कराने ही पड़ेंगे। और देखिए नतीजा आपके सामने है।

फोटो हमें गूगल बाबा से उधार लेना पड़ा।

चारपाई हमारे घर में भी हैं पर किसी कोने मे सूना पड़ी है शायद किसी के इंतजार मे हैं । कोने में पड़ी सोचती होगी कोइ तो ऐसा होगा जो इस माडर्न जमाने में हमें याद करेगा । कोई तो ऐसा होगा जो मेरे उपयोग करने से खुद को गरीब या पिछड़ा हुआ नही सोचेगा।

आधुनिकता के नाम पर हमने बहुत सी चीजो का त्याग कर दिया चाहे वो चीज़ हमे पसंद हो या ना हो।

ख़ैर छोडि़ए ………….☺

दिमाग में एक दो चीज़े और थी पर मैं भूल गयी क्योंकि कुछ दिनो से जवाब ड्राफ़्ट में पड़ा था।

धन्यवाद 🙏

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