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बुधवार, 20 जनवरी 2021

क्या यह देश अब एक 'गैंग' है ?

 यह देश अब एक 'गैंग' है !

इस देश के लोग अब कई गैंग मे बंट चुके है। देश पीछे छूट चुका है।

इसके कई वजह है।।।।

हमारी हॉकी टीम के पूर्व कप्तान शानदार खिलाडी परगट सिंह पद्मश्री लौटा रहे हैं।

अब वे भी अवार्ड वापसी गैंग में शामिल होते हुए, खालिस्तानी हो गए हैं !! वो तो खालिस्तान की टीम के कप्तान थे ना! अब इस देश में लोग नहीं हैं, पार्टी नहीं हैं, सब कुछ 'गैंग' है ! अब यही इस देश की भाषा है। राजनीति जो लोक कल्याण का माध्यम हुआ करती थी, वह अब गैंग-वार है। देवीलाल जैसे धुर अक्खड़ और मूडी नेता भी ये कहते थे कि 'लोकराज, लोकलाज से चलता है'।मगर अब कोई लाज बचा कहाँ, सब खुले आम है, सब 'गैंग' है!कभी दाऊद गैंग, गवली गैंग के बारे में सुनते थे तो सिहर जाते थे। अब हम सब अलग-अलग 'गैंग' हैं और हमें 'गैंग' बनाने वाले , हिन्दू धर्म-रक्षक हमारे नेता हैं! जिसका सामान्य-ज्ञान औसत से नीचे है, जो अपने घर-परिवार को संभालने की नीयत और कुव्वत ना रखता हो, वह बड़ी आत्मविश्वास के साथ आपको कह सकता है - 'लाज रखने के कारण तो हिन्दू बर्बाद हो गया भाई! देखो! जवाब दो! कश्मीरी पंडितों के साथ क्या हुआ? कश्मीरी पंडित की दुखद दास्ताँ की आड़ लेकर पूरे समाज को जैसा 'पशुवत' बनाया गया है ,वह कोई 'गैंग' ही कर सकता है!सब कुछ खंड-खंड है , लेकिन ढक्कन 'हिन्दू एकता' का है। गैंग यही तो करती है , सुपारी लेकर हत्या करती है जो की गयी।

अपने बुद्धिजीवियों की हत्या (अवार्ड वापसी गैंग)

अपने राज नेताओं की हत्या (गुपकार गैंग)

अपने कलाकारों की हत्या (पाकिस्तान गैंग)

अपने युवाओं की हत्या (ड्रग वाली गैंग)

अपने पत्रकारों की हत्या (रवीश गैंग)

लिस्ट बढ़ती जा रही है

इस सब को मध्य वर्ग का पूरा समर्थन है क्योंकि वो आज सबसे बड़ा 'गैंग' है। शब्दों की अपनी संवेदना होती है, वायुमंडल होता है, जो हमारे निजी और सामूहिक मन का निर्माण करता है!

मगर ये 'गैंग' हो चुके लोग नहीं समझेंगे।

लाज' से 'गैंग' तक की यात्रा तय करने के लिए इस देश के नागरिकों को और उन्हें यहां तक लाने वाले उनके महान नेताओं को बधाई !!

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