कुछ ऐसी जिसे चित्रों में बयां करना ही बेहतर होगा।
ऐसे होती थी दोस्तों के साथ टाइम पास, जो अब शायद ही।
लगता है कोई नाटक का प्रोग्राम शुरू होने वाला है 🤩
दादाजी की सेवा करने के सबसे बेहतरीन तरीका 😊
शायद ही कोई हो जो बचपन ये नहीं किया होगा 😅
इसके बारे में तो कुछ कहने की जरूरत ही नहीं 😍
लड़कियां इसमें ज्यादा अनुभवी होती थी। गांव में ये दश घरों वाला खेल कहीं न कहीं दिख ही जाता था।
क्या थे वो दिन, आज भी याद आने पर मन में एक अलग अनुभूति होती है। वैसे हर कोई अपना बचपन वापस पाना चाहता है, लेकिन ये बस कल्पना ही रह जाता है।
हां, एक उपाय है बचपन को वापस लाने का, अगर हमलोग अपने मन को बचपन जैसा बना लें। हो न हो शायद इससे लोगों के झगड़े, मनमुटाव, आदि वषों तक ना चलकर अगले शाम को ही खत्म हो जाए।
धन्यवाद 😊
चित्र स्रोत: Google
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