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मंगलवार, 12 जनवरी 2021

अगर कोई आपसे फोन पर कहे "और सुनाओ" तब आप उन्हें क्या क्या सुनाते हैं?

जी मेरा व्यवहार सामान्यतः शांत रहने का है परंतु कुछ वाक्य ऐसे है जो मेरे भीतर के एक दूसरे व्यक्तित्व को जागृत कर देता है।😂😃

  • ये वाक्य वो प्रयोग करते है जिन्हें वर्तालाप का अंत करना नही आता कि इस वार्ता को समाप्त कैसे किया जाए तो 3 4 और सुना और बता और क्या चल रहा है कर अपनी वार्ता को निरंतर चलायें रखते हैं।
  • ये "और सुना, और बता , और क्या चल रहा है?" इसी प्रकार के वाक्य है इनके पश्चात तो मेरा दूसरा व्यक्तित्व मेरे शान्त संयत व्यक्तिव के मुंह पर पारदर्शी पट्टी लगा कर हाथ पांव बांध कर बैठा देता है जैसा अपहरण कर्ता, अपहृत व्यक्ति को बिठा देते हैं।😝😁😜🤣😜
  • प्रथम "और सुना "में उत्तर होता है "और तो कुछ विशेष नही तुम सुनाओ "(मस्तिष्क में स्वयं को समझाती हूँ, शांत रह निधि क्रोध नही करना समस्त पूजा उपासना व्यर्थ हो जाएगी)
  • सामने से कोई अनर्गल प्रलाप आता है और पुनः "नही तू और सुना" अब भी शांत रह कर बतांती हूँ, कि क्या कर रही थी या क्या कर रही हूँ जैसे कभी कुछ पढ़ रही होती हूँ या खाने में कोई व्यंजन या ऐसा ही कुछ कार्य (मस्तिष्क में सोचती हूँ पुनः पूछा "और सुना" फ़ोन में से जा कर मुक्का नाक पर मारूंगी)🥊🥊🥊
  • पर नही सामने वाला तो तत्पर है कि अपशब्द सुन कर ही फ़ोन काटेगा वो इसके पश्चात भी पूछेगा, "और क्या चल रहा है" इसके पश्चात कहती हूँ , " रुको सोच रही हूँ वैसे कुछ शेष है नही बताने के लिए, कल वर्तालाप करेंगे," यहाँ तक शांत रहती हूं।
  • ये समस्त सुन कर भी वो नही मानते तो कहती हूं, " क्यों मुझे समाचार का चैनल समझा है क्या जो समाचार सुनाती जाऊँगी, या तुम्हे मौसम की सूचनाएं दूँ, और क्या सुनना है मुझसे कोई गायिका हूँ जो गीत सुनाऊँगी, 🤺😡😠🤺😡
  • और सुनो यहाँ कोई माता का जागरण नही हो रहा है जो एक के पश्चात एक भेंट सुनाती जाऊँगी, फ़ोन निशुल्क है तो क्या समय भी निशुल्क है जो व्यर्थ करूँगी तुम्हे कोई कार्य नही है मुझे तो है तुम्हे दुसरो की निंदा में आंनद मिलता है तो क्या मुझे भी स्वयं के समान समझ लिया है जो निंदा करने लगूँगी।"🤺🤺😡🤺😡🤺🤺🤺😡😠
  • अब इतना सुन कर वो व्यक्ति मुह फुला कर बैठ जाता है पुनः फ़ोन ही नही करता बताइए इसमे मेरी क्या त्रुटि है????😂🤣😂😁😃😄
  • वो कहते है ," और सुना" सुना दो तो सहने की क्षमता नही हैं।😋😊😆😉😉
  • वही व्यक्ति सम्बंधी और मित्रगणों में कहता घूमता है, कि " निधि तो सुना देती है इस से तो वर्तालाप करना ही कठिन है"😂🤣😁🤣😁
  • मेरा ये मानना है कि कोई "और सुना "कहे तो उसको इतनी भर भर के सुनाओ कि जीवन मे कभी औऱ सुना बोलना विस्मृत कर दे।😉😆😋😆😂😀🤣😀🤣
  • धन्यवाद

चित्रस्त्रोत साभार [1]

मूलस्त्रोत जीवन मे हुए व्यक्तिगत अनुभव

फुटनोट

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