आपको याद होगा कि ध्वजारोहण के समय बाबासाहेब और महात्मा गांधी की फोटो विशेष रूप से लगाने की प्रथा थी चाहे वो स्कूल हो या सरकारी दफ्तर क्योंकि बाबा साहब का नाम आएगा तो संविधान की बात की जाएगी और वर्तमान राजनीति और संविधान दोनो एक दूसरे के कट्टर दुश्मन है जब सैनिक की शहादत और बच्चियों और महिलाओं के बलात्कार और उनकी हत्या पर राजनीति हो जाती है तो संविधान तो बहुत पीछे छूट जाता है
हकीकत यह है संविधान को पूरी तरह से धीरे धीरे दरकिनार किया जा रहा है क्योकि ये राजनीति के गले की हड्डी बन रहा है जबकि हर भारतीय का अस्तित्व संविधान पर टिका है न कि राजनीति पर, जब भी देश और नागरिक की बात होती है तो भारतीय संविधान की ही दुहाई दी जाती है
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें