कभी कभी ऐसा होता है कि हम आंखो के सामने कोई चीज़ आती है उसी को सच मान लेते हैं लेकिन असलियत कुछ और होती है जैसे सोशल मीडिया पर देखा था कि--- एक सच्चाई यह भी है कि आंदोलन के 50 दिन बाद भी--
आप भी इस बात से कितना सहमत हैं मुझे नहीं पता लेकिन ध्यान देने, विचार करने वाली बात तो है
चित्र - मोबाईल गैलरी से प्राप्त
धन्यवाद
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