एक छोटी सी कहानी के माध्यम से अपनी बात आरंभ करता हूं।
कहते हैं एक व्यक्ति बड़ा उदास था, रोने लगा। उसके मित्र ने पूछा, "भाई ! क्या बात है? रोते क्यों हो?" वह बोला, "क्या बताऊँ पिछले महीने मेरा चाचा मर गया।" दोस्त ने कहा, "चाचा मर गया तो क्या हुआ? जाते-जाते तुम्हारे लिए बहुत सारी जायदाद भी तो छोड़कर गया है।" उसने कहा, " दो महीने पहले मेरे दादा भी मर गये।" दोस्त बोला, " यह भी अच्छा हुआ। दादाजी के बहुत सारे खेत-खलिहान थे। सब तुम्हें मिल गये। इतना सारा माल मिल गया फिर भी तुम रोते हो " ' वह बोला , "रोता इसलिए हूँ क्योंकि इस महीने अभी तक कोई नहीं मरा।" कहीं यही दुर्दशा तो हमारी नहीं है? सामान इकठ्ठा हो रहा है, धन - दौलत बटोरते चले जा रहे हैं और बटोरने वाला निरन्तर खंडहर हो रहा है। जिंदगी के गलाघोंट संघर्ष में जीवन के मूल्य चुकते चले जा रहे हैं।
(चित्र स्रोत: hamarisafalta.com)
क्या यही जिंदगी है? और जिंदगी का उद्देश्य बस यही है?जिंदगी अद्भुत, अद्वितीय और अनमोल उपहार है, इसके रहस्य को समझते हैं।
🔹️जिंदगी एक बांसुरी है। उसमें दुख रूपी छेद तो बहुत सारे हैं पर जिसको बाँसुरी बजानी आ जाती है वह उन छेदों में से भी मीठा संगीत पैदा कर लेता है।
🔹️जिंदगी के आयाम निर्धारित कीजिए, अगर आप सांवले हैं तो हमेशा इतनी सुंदर कार्य कीजिए कि लोग आपके कार्यों के कारण आपको पसंद करें और अगर आप सुंदर हैं तो ऐसे कार्य करने से बचे जो आपकी सुंदरता को कलंकित करें।
🔹️जिंदगी जलेबी की तरह होती है। यह टेढ़ी - मेढ़ी जरूर होती है पर मुस्कान की चासनी अगर हम लगाते रहेंगे तो यह भी सबको मधुर लगेगी।
🔹️जिंदगी में बड़ों की सलाह को अनदेखा मत कीजिए, उनके अनुभवों की ताकत और दुआओं की दौलत दोनों मिलेगी।
🔹️जिंदगी में सुख शांति चाहिए है तो शांत और शालीन बनने का प्रयास कीजिए। अगर आप शांत हैं तो सचमुच में संत है, चाहे गृहस्थ जीवन ही क्यों आपने ना अपना रखा हो।
🔹️जिंदगी मैं हर किसी को अहमियत दीजिए, बंद घड़ी भी दिन में एक बार सही समय बताती है। विश्वास रखिए , जो अच्छे होंगे वे आपका साथ देंगे और जो बुरे होंगे वे आपको सबक देंगे ।
🔹️जिंदगी में सदा खुश रहिए, गम को भुला दीजिए। न खुद रूठिए , न दूसरों को रूठने का अवसर दीजिए। खुद भी हँसकर जीने की कोशिश कीजिये और दूसरों को भी हँसकर जीना सिखा दीजिये। रोने से तो आंसू भी पराए हो जाते हैं पर खुश रहने से पराए भी अपने हो जाया करते हैं। हम दूसरों को इतनी खुशियां बांटे कि हमारे जीवन का फूल मुरझा भी जाए तब भी उन्हें अपनी खुशबू का अहसास करवाता रहे।
🔹️जिंदगी की सार्थकता जीवन के पूर्ण होने में नहीं है अपितु जिंदगी पूरी होने के पूर्व बेहतर जीवन जीने की है।
🔹️जिंदगी में आलस्य को दूर रख दीजिए ,पानी से कभी तस्वीर नहीं बनती और ख्वाबों से कभी तक़दीर नहीं बनती। हमेशा औरों के प्रति करुणा भाव रखिए, आप जितनी अधिक सहानुभूति दूसरों के प्रति रखेंगे, जिंदगी में उतनी ही कम आपको अपने लिए जरूरत पड़ेगी।
🔹️जिंदगी में कुछ अच्छे सिद्धांत बनाइए और यथासंभव उनका पालन कीजिए पर ऐसा ना हो कि सिद्धांत बने रहे और हम टूट जाए। मनुष्य और सिद्धांत अगर सहचर हो जाए तो जीवन में साधना सफल हो जाती है।
🔹️हमारी जिंदगी तस्वीर भी है और तकदीर भी। अगर इसमें अच्छे रंग मिलाओगे, तो तस्वीर सुन्दर बन जाएगी और अच्छे कर्म करोगे तो आपकी तकदीर संवर जाएगी।
🔹️जिंदगी मिलजुल कर जीने का नाम है, हमेशा जोड़ने की कोशिश कीजिए, तोड़ने की नहीं। संसार में सूई बनकर रहिए, कैंची बनकर नहीं। सूई 2 को 1 कर देती है और कैंची 1 को 2 कर देती है।
🔹️जिंदगी में किसी को अपना मानो तो उसे ज्यादा मत परखना क्योंकि ज्यादा परखना भी अविश्वास करने जैसा ही होता है।
🔹️जिंदगी में चार चीजें कभी मत तोड़िए 1.विश्वास, 2. रिश्ता, 3.दिल और 4. वचन। जब ये टूटते हैं तो कोई आवाज तो नहीं होती लेकिन दर्द बहुत होता है। किसी को अपना माने तो से ज्यादा मत परखना, ज्यादा परखना भी अविश्वास करना ही होता है।
🔹️रंगोली कुछ समय के लिए शोभा पाती है फिर भी उसे हम खूब सजाते हैं। ठीक वैसे ही जिंदगी भी कुछ वर्षों की है, इसे श्रेष्ठ कर्मों से खूब सजाने की कोशिश कीजिए।
🔹️केवल धागा लम्बा होने से कोई पतंग आसमान तक नहीं पहुँचती, पतंग को आसमान तक पहुँचाने के लिए उड़ाने का तरीका आना जरूरी है। केवल ज्यादा धन होने से जिंदगी में खुशियाँ नहीं आती, जिंदगी में खुशियाँ भरने के लिए प्रेम और मिठास का रंग घोलना जरूरी है।
मित्रों, अच्छी जिंदगी कैसे जिए इस बात पर रिसर्च करने की आवश्यकता नहीं है बस अच्छी जिंदगी जीना शुरु कर दीजिए।
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