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बुधवार, 27 जनवरी 2021

सरकार सही है या किसान?

 देश आजाद हुआ उस समय आयी थी ऐसी समस्या जो की भारत में वर्तमान में आ रही है की भारत का बटवारा और आंदोलन देखने को मिले वर्तमान में देश का रूप ऐसा ही दीखता हुआ नजर आ रहा है सरकार बोलती है की किसान आंदोलन खलिस्तान के लिए किये जा रहे है

जांच के लिए नेशनल इन्वैस्टिगेशन एजेंसी को बुलाया गया और किसान नेताओ के नाम अनाउसमेंट किये गए देश में इसलिए भी उथल -पुधल हो रहा है की कोई भी सरकार हो वह अन्नदाताओ को भी नही छोड़ रही है तो आम जनता की तो बात क्या कर सकते है जैसे -साइन बाग के आंदोलन को दबाना ,जम्मू -कश्मीर के मामले को दबाना ,दिल्ली में jnu के मामले को दबाना आदि

पहली बार गणतत्र दिवस पर किसानो के ट्रेक्टर भी शामिल होंगे 26 जनवरी की परेड में किसानो का शामिल होना देश के किसानो के लिए गर्व की बात है परन्तु दुःख की बात यह की किसानो को सरकार द्वारा बनाया गया कानून पसद नहीं आया तो सरकार ने कानून को नहीं हटाया सरकार से पूछा जाये की यह कानून किसके लिए बनाये है तो देखते की सरकार भी बोलेगी की किसानो को लाभ देने के लिए कानून बनाया

परन्तु सबसे बड़ी बात यह की कानून सरकार ने किसानो के लिए बनाया था लेकिन उन किसानो को कानून पसंद नहीं आया तो उससे हटाने में सरकार को क्या परेशानी है यह तो वह ही हो गया की दुकान पर जाने पर कोई वस्तु अच्छी नहीं लगती है

फिर भी उसको जबरदस्ती खरीदनी पड़ेगी तो यहाँ पर लोकतत्र कहाँ से हुआ क्योकि लोक का अर्थ -जनता और तत्र का अर्थ -शासन होता है यानि लोकतत्र का अर्थ -जनता का शासन होना जिसमे जनता जिस सरकार को हर पांच साल में चुनते है उनको सही -गलत की पहचान नहीं होगी इस पर हमे और सरकार को विचार करने की आवश्यकता है 

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